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नई दिल्ली, 17 मार्च 2025 (गाड़ा टाइम्स): अमेरिका ने एक बार फिर अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए यमन में ईरान समर्थित हouthi विद्रोहियों पर हवाई हमले किए, जो रेड सी संकट के बीच अंतरराष्ट्रीय शिपिंग पर उनके हमलों का जवाब था। लेकिन इसके तुरंत बाद, अमेरिका में प्राकृतिक आपदाओं ने कहर बरपाया, जहां भयानक टॉर्नेडो और धूल भरे तूफानों ने कम से कम 34 लोगों की जान ले ली। क्या यह अल्लाह की सजा है? यह सवाल मुस्लिम समुदाय और पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है।
यमन पर अमेरिकी हमले: ऑपरेशन पोसीडन आर्चर
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों, जैसे ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा, ने जनवरी 2024 से ऑपरेशन पोसीडन आर्चर के तहत यमन में Houthi ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई शुरू की थी। इन हमलों का मकसद Houthi समूह की मिसाइल और हवाई निगरानी क्षमताओं को कमजोर करना था, जो रेड सी, बाब-एल-मंडेब जलसंधि और अडेन की खाड़ी में वाणिज्यिक जहाजों पर हमले कर रहे थे। लेकिन कई मुस्लिम समुदाय के लोगों का मानना है कि यह हमला अन्यायपूर्ण है और अब अमेरिका को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
अमेरिका में तूफानों का कहर: टॉर्नेडो और धूल भरे तूफान
16 मार्च 2025 को, अमेरिका के कई हिस्सों में एक विशाल तूफान प्रणाली ने तबाही मचाई। मिसिसिपी के टायलरटाउन में भयानक टॉर्नेडो ने घरों को तहस-नहस कर दिया, जहां दर्जनों लोग मलबे में दब गए। एक वीडियो में, परिवार टॉर्नेडो के दौरान अपने घर में फंसे हुए दिखाई दे रहे थे, जबकि हवाएं घर को हिला रही थीं। इसके अलावा, शिकागो और मध्य पश्चिमी क्षेत्र में धूल भरे तूफानों ने दृश्यता को शून्य कर दिया, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की मौत हो गई।
क्या यह अल्लाह की सजा है?
सोशल मीडिया पर कई मुस्लिम उपयोगकर्ताओं ने इस प्राकृतिक आपदा को अमेरिका के यमन पर हमले से जोड़ा है। एक ट्वीट में लिखा गया, "अल्लाहु अकबर, अमेरिका ने यमन पर अन्याय किया और अब प्रकृति उसे सजा दे रही है।" अन्य उपयोगकर्ताओं ने कहा, "यह अल्लाह की मेहरबानी है कि उत्पीड़कों को सबक सिखाया जा रहा है।" हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि ये तूफान मौसमी परिवर्तनों और जलवायु परिवर्तन का परिणाम हैं, लेकिन धार्मिक भावनाएं इन घटनाओं को एक बड़े संदर्भ में देख रही हैं।
तस्वीरों में तबाही
गाड़ा टाइम्स के पास विशेष तस्वीरें हैं जो टायलरटाउन, मिसिसिपी में टॉर्नेडो के बाद की तबाही दिखाती हैं। पेड़ उखड़े हुए, घर मलबे में तब्दील और सड़कों पर बिखरे मलबे की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। दूसरी तस्वीर शिकागो में रात के समय धूल भरे तूफान को दिखाती है, जहां हवाओं ने हर चीज को धुंधला कर दिया। ये तस्वीरें अमेरिका में प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को बयां करती हैं।
मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया
भारत और दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय में इस खबर ने गहरी प्रतिक्रिया पैदा की है। कई लोगों का मानना है कि यह अमेरिका की नीतियों के खिलाफ अल्लाह का इंसाफ है, जबकि कुछ ने मृतकों के लिए दुआएं मांगी हैं। गाड़ा टाइम्स इस मुद्दे पर और गहराई से विश्लेषण करेगा, ताकि हमारे पाठकों को सही जानकारी और धार्मिक दृष्टिकोण मिल सके।
निष्कर्ष
अमेरिका में तूफानों और धूल भरे तूफानों से हुई तबाही ने न केवल वहां के लोगों को प्रभावित किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है। क्या यह प्रकृति का गुस्सा है या अल्लाह की सजा, यह सवाल अभी अनुत्तरित है। गाड़ा टाइम्स आपके लिए ऐसी हर खबर लाने का संकल्प लेता है, जो समाज, धर्म और दुनिया को प्रभावित करती है।
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