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पैसेंजर प्लेन समेत यमन का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तबाह, इजरायल-अमेरिका के हवाई हमलों में बड़ा नुकसान, वीडियो वायरल

हवाई हमला,सना हवाई अड्डा सना, यमन : एक चौंकाने वाली घटना में, यमन की राजधानी सना में स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इजरायल और अमेरिका के संयुक्त हवाई हमलों का शिकार हो गया है। मंगलवार, 6 मई 2025 को हुए इस हमले में हवाई अड्डा पूरी तरह से तबाह हो गया, और कई नागरिक विमानों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस हमले ने यमन में पहले से ही बदतर हालात को और गंभीर बना दिया है, जहां हूती विद्रोही और अंतरराष्ट्रीय ताकतों के बीच तनाव चरम पर है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वायरल वीडियो जिसमें सना हवाई अड्डे से काले धुएं के विशाल बादल उठते दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर में दिख रहा है कि हवाई अड्डे के आसपास का इलाका धुएं और धूल से भर गया है, और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इस हमले को हूती विद्रोहियों के खिलाफ एक जवाबी कार्रवाई माना जा रहा है, जो पिछले कुछ समय से लाल सागर में जहाजों पर हमले कर रहे हैं। अमेरिका की भूमिका पर सवाल, सना अंतराष्ट्रीय हवाई तबाह अड्डे का वायरल वीडियो हूती विद्रोही, जो यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं, लंबे समय से इजरायल और उसके सहयोगी देशों के खिलाफ अपनी कार्रवाइयों को अंज...

ईरान की अमेरिका को खुली चुनौती: परमाणु हथियार डील के चलते असमंजस मे पड़ा अमेरिका

ईरान, अमेरिका, मध्य पूर्व, परमाणु  12 अप्रैल 2025: एक हैरान करने वाले घटनाक्रम में, ईरान ने अमेरिका को एक ऐसा प्रस्ताव दिया है, जो मध्य पूर्व की सियासत को पूरी तरह से बदल सकता है। ईरान ने सुझाव दिया है कि पूरे मध्य पूर्व को परमाणु हथियारों से मुक्त किया जाए, जिसमें इजरायल का भी पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण शामिल हो। इस प्रस्ताव ने वैश्विक मंच पर हलचल मचा दी है, क्योंकि यह पहली बार है जब ईरान ने इतने खुले तौर पर इजरायल के परमाणु हथियारों के मुद्दे को उठाया है। ईरान ऑब्जर्वर ने शनिवार सुबह अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इस खबर को साझा करते हुए एक तस्वीर भी पोस्ट की, जिसमें एक शतरंज की बिसात पर ईरान और अमेरिका के झंडे दिखाई दे रहे हैं। यह तस्वीर साफ तौर पर इस बात का प्रतीक है कि मध्य पूर्व में चल रहा यह सियासी खेल किसी शतरंज की बाजी से कम नहीं है। ईरान और अमेरिका के बीच ओमान में परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत चल रही है। अमेरिका ने ईरान को 60 दिनों की समय सीमा दी है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह से खत्म कर दे, वरना सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है। दूसरी ओर, ईरान का कहना है कि उसका पर...

मिडिल ईस्ट मे तनाव : Gulf देशों ने Iran को दिया भरोसा, अमेरिका को अपनी जमीन इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं

मध्य पूर्व,ईरान,गल्फ देश,अमेरिका नई दिल्ली, 2 अप्रैल 2025: मध्य पूर्व में इन दिनों तनाव का माहौल है। खबरों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कुवैत, जॉर्डन और इस क्षेत्र के कई अन्य देशों ने हाल ही में ईरान के राष्ट्रपति को फोन करके भरोसा दिलाया है कि वे अमेरिका को अपनी जमीन या हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल ईरान के खिलाफ किसी भी सैन्य कार्रवाई के लिए नहीं करने देंगे। यह खबर ऐसे समय में आई है जब अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। क्या है पूरा मामला? पिछले कुछ हफ्तों से अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपनी सैन्य ताकत बढ़ाई है। हाल ही में खबर आई थी कि अमेरिका ने कतर में अपने 16 कार्गो विमान उतारे हैं, जिसके बाद क्षेत्र में हलचल मच गई। दूसरी ओर, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला किया, तो उसे करारा जवाब मिलेगा। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी धमकी दी है कि अगर ईरान ने नई परमाणु डील पर बातचीत नहीं की, तो सैन्य कार्रवाई की जा सकती है। गल्फ देशों का रुख गल्फ देशों का यह बयान एक बड़े कूटनीतिक बदलाव का संकेत देता है। कुवैत के ...

"ट्रंप ने सिराजुद्दीन हक्कानी पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम हटाया: मुस्लिम समुदाय पर क्या असर?"

Trump Revoked Haqqani Bounty Reward  काबुल/वाशिंगटन, 23 मार्च 2025: एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, अमेरिका ने तालिबान के शीर्ष नेताओं पर दी जा रही इनामी राशि को वापस ले लिया है। इस सूची में तालिबान के बड़े नेता सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम भी शामिल है, जिनके लिए पहले 10 मिलियन डॉलर (लगभग 83 करोड़ रुपये) का इनाम रखा गया था। इसके अलावा, अब्दुल अजीज हक्कानी और याह्या हक्कानी पर भी क्रमशः 5 मिलियन डॉलर का इनाम हटाया गया है। यह खबर तब आई है, जब हाल ही में तालिबान ने एक अमेरिकी नागरिक को रिहा किया था। क्या यह अमेरिका की नई कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं। अमेरिका ने कई सालों से तालिबान नेताओं को पकड़ने या उनके बारे में जानकारी देने के लिए भारी-भरकम इनाम की घोषणा की थी। सिराजुद्दीन हक्कानी, जो तालिबान के कार्यवाहक गृह मंत्री हैं और हक्कानी नेटवर्क के मुखिया भी हैं, लंबे समय से अमेरिका की नजरों में रहे हैं। हक्कानी नेटवर्क को अमेरिका ने एक आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है, और यह संगठन अफगानिस्तान में अमेरिकी और गठबंधन सेनाओं पर कई हमलों के लिए जिम्मेदार रहा ...