सहारनपुर में रिटायर्ड इंस्पेक्टर का घर पर ED की रेड, फार्महाउस से 23 जमीनें जब्त, राणा साहब का सीक्रेट अब खुलेगा?
![]() |
| उत्तर प्रदेश, भ्रष्टाचार, पुलिस, योगी |
सहारनपुर, 3 नवंबर 2025: कल्पना कीजिए, एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी का घर, जो बाहर से तो सादा लगता है, लेकिन अंदर छिपा है करोड़ों का काला धन। उत्तर प्रदेश की सतर्कता टीमों ने 1 नवंबर को रिटायर्ड सीबीसीआईडी इंस्पेक्टर प्रेमवीर सिंह राणा के ठिकानों पर धावा बोल दिया। नतीजा? 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त! एक फार्महाउस, तीन मकान, 23 जमीन के कागजात, दो कारें और 12 बैंक खाते – ये सब उनके 80,000 रुपये मासिक पेंशन से कहीं ज्यादा लग्जरी है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज हो चुकी है। ये घटना सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि सिस्टम में फैले कैंसर की याद दिलाती है।
क्या हुआ आखिर उस रात? जनता की नाराजगी: सोशल मीडिया पर उबाल
सुबह-सुबह सतर्कता की टीमें राणा के घर पहुंचीं। दरवाजा खुलते ही पुलिस ने तलाशी शुरू कर दी। वीडियो फुटेज में दिख रहा है – दर्जनों यूनिफॉर्म में अधिकारी, पार्क की गई गाड़ियां और परिवार के चेहरे पर डर। एक तरफ राणा का सख्त चेहरा वाली फोटो, दूसरी तरफ उनके परिवार को बाहर खड़े होते हुए रिकॉर्ड किया गया। ये सीन किसी बॉलीवुड फिल्म जैसा लगता है, लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा कड़वी है। राणा, जो कभी क्राइम ब्रांच में बड़े-बड़े केस सॉल्व करते थे, अब खुद भ्रष्टाचार के चक्रव्यूह में फंस गए हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि उनकी कमाई से मेल नहीं खाती ये संपत्तियां। एक साधारण अफसर की सैलरी से इतना कैसे? सवाल वही पुराना – रिश्वत, गैरकानूनी डील्स या कुछ और?
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर ये खबर वायरल हो चुकी है। लोग सतर्कता टीमों की तारीफ तो कर रहे हैं, लेकिन सवाल भी उठा रहे हैं – ये सिर्फ एक राणा क्यों? कमेंट्स में व्यंग्य भरा है: "ईमानदार अफसर का फार्महाउस? वाह रे पुलिस!" एक यूजर ने लिखा, "योगी जी की भ्रष्टाचार हटाओ मुहिम में ये तो शुरुआत है, अब ऊपर तक पहुंचो!" दूसरे ने कहा, "80 हजार की सैलरी से 10 करोड़? जादू तो नहीं सीख लिया!" ये रिएक्शन्स बताते हैं कि जनता थक चुकी है सिस्टम के इस दोहरे चेहरे से। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की एंटी-करप्शन ड्राइव तेज है – हाल ही में कई बड़े अधिकारी फंसे हैं। लेकिन क्या ये काफी है? या फिर ये सिर्फ आइसबर्ग का टिप है?
भ्रष्टाचार का बड़ा खेल: क्यों जरूरी है सख्ती?
भारत में पुलिस और अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप कोई नई बात नहीं। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट्स बताती हैं कि हमारा देश अभी भी भ्रष्टाचार के मामले में टॉप 80 में है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में, जहां करोड़ों लोग रहते हैं, एक ईमानदार सिस्टम की जरूरत और भी ज्यादा है। राणा का केस हमें सोचने पर मजबूर करता है – क्या पावर के साथ आती जिम्मेदारी खो दी जाती है? सरकार की सतर्कता टीमें अब और तेजी से काम कर रही हैं, लेकिन असली बदलाव तभी आएगा जब सजा तुरंत हो और पारदर्शिता बढ़े।
ये घटना सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। अगर छोटे-बड़े सभी पर नजर रखी जाए, तो देश का भविष्य चमक सकता है। गाड़ाटाइम्स पर हम ऐसी ही सच्ची कहानियां लाते रहेंगे, जो समाज को आईना दिखाएं। आपकी राय क्या है? कमेंट्स में बताएं!
गाड़ा टाइम्स की लेटेस्ट खबरें, खास कंटेंट के लिए हमारे 👉🏻whatsapp group 👈🏻ज्वाइन करें ।
मेल करें: gadatimesnow@gmail.com


Comments
Post a Comment