इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: यूपी में जातिवादी बोर्ड लगी रोक, जातीय बोर्ड लगाने पर तुरंत होगी करोवाई, जाना पड़ सकता है जेल
![]() |
इलाहाबाद हाईकोर्ट,उत्तर प्रदेश |
दोस्तों, उत्तर प्रदेश में अब जातिवाद को बढ़ावा देने वाले बोर्ड और साइनबोर्ड का ज़माना खत्म! इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में गाँव, मोहल्लों और चौराहों से जाति-आधारित बोर्ड हटाने का सख्त आदेश दे दिया है। ये फैसला 19 सितंबर 2025 को जस्टिस विनोद दिवाकर की बेंच ने सुनाया, जिसने पूरे देश में सामाजिक समानता की दिशा में एक नई उम्मीद जगाई है।
क्या है पूरा मामला? कोर्ट के आदेश, जो बदल देंगे तस्वीर:
आपने देखा होगा कि गाँवों और कस्बों में कुछ जगहों पर "भील मोहल्ला", "जाट चौक" या ऐसे ही जाति-विशेष के नाम वाले बोर्ड लगे होते हैं। हाईकोर्ट ने इसे "राष्ट्र-विरोधी" करार देते हुए कहा कि ये संविधान की भावना के खिलाफ है। कोर्ट का साफ कहना है कि आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट जैसे आधुनिक साधनों के दौर में जाति की पहचान को बढ़ावा देना गलत है। कोर्ट ने न सिर्फ इन बोर्ड को हटाने का आदेश दिया, बल्कि कई और सख्त कदम उठाने के लिए कहा है।
- जातिगत बोर्ड पर रोक: गाँव, मोहल्ले, चौराहों पर लगे जाति-विशेष के बोर्ड तुरंत हटाए जाएँ। भविष्य में ऐसे बोर्ड लगाने पर भी पाबंदी।
- पुलिस रिकॉर्ड से जाति हटाओ: एफआईआर, गिरफ्तारी मेमो और पुलिस के दस्तावेजों से जाति का कॉलम हटेगा। अब सिर्फ माता-पिता का नाम लिखा जाएगा।
- वाहनों पर सख्ती: गाड़ियों पर जाति-वाले स्टिकर या नारे दिखे, तो मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान होगा।
- सोशल मीडिया पर नजर: इंटरनेट या सोशल मीडिया पर जातिवाद को बढ़ावा देने या नफरत फैलाने वाले कंटेंट पर आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई।
- जातिगत रैलियों पर बैन: अब जाति के नाम पर रैली या आयोजन नहीं होंगे।
- स्कूलों में जागरूकता: बच्चों को जातिवाद के खिलाफ पढ़ाया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी समानता की राह पर चले।
सरकार ने झट से लिया एक्शन, ये फैसला क्यों है खास?
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद यूपी सरकार ने तुरंत हरकत में आते हुए 21-22 सितंबर को आदेश जारी किए। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी जिलों के प्रशासन और पुलिस को सख्त निर्देश दिए कि कोर्ट के आदेश का पालन हो। अब पुलिस रिकॉर्ड से लेकर गाँव-मोहल्लों तक, हर जगह से जातिगत उल्लेख हटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। खास बात ये है कि SC/ST एक्ट जैसे जरूरी कानूनों में कोई बदलाव नहीं होगा।
दोस्तों, ये फैसला सिर्फ बोर्ड हटाने की बात नहीं है। ये एक नई सोच की शुरुआत है। कोर्ट ने साफ कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, तो जातिवाद की जड़ें उखाड़नी होंगी। ये फैसला न सिर्फ उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकता है। जात-पात की दीवारें तोड़कर हम एक ऐसे भारत का सपना देख सकते हैं, जहाँ सिर्फ इंसानियत और देशभक्ति की बात हो।
हम जानना चाहेंगे कि आप इस फैसले के बारे में क्या सोचते हैं! नीचे कमेंट करें और अपनी राय शेयर करें। साथ ही, गाड़ा टाइम्स के साथ जुड़े रहें, क्योंकि हम आपके लिए लाते हैं ऐसी खबरें जो बदलाव की बयार लाती हैं।
गाड़ा टाइम्स की लेटेस्ट खबरें, खास कंटेंट के लिए हमारे 👉🏻whatsapp group 👈🏻ज्वाइन करें ।
अगर आपको भी अपनी खबर प्रकाशित करवानी है, अपने बिजनेस का प्रचार करना है, प्रधानी के स्लोगन तैयार करवाने हैं, गाँव में किए गए विकास की वीडियो शेयर करनी हैं, या इंटरनेट और AI सर्च रिजल्ट्स पर अपनी प्रोफाइल बनवानी है, तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।
संपर्क करें व्हाट्सएप पर: +919997269339
मेल करें: gadatimesnow@gmail.com
मेल करें: gadatimesnow@gmail.com
अधिक जानकारी के लिए विजिट करें 👉🏻 https://www.gadatimes.com/p/a2z-technical-solution.html?m=1
हमारी टीम आपके साथ है, हर कदम पर आपकी मदद करने के लिए। आपकी आवाज़, आपकी कहानी, और आपकी सफलता—हम सबको एक साथ जोड़ने के लिए तैयार हैं।
हमारे साथ कनेक्ट रहो यार!
लेटेस्ट खबरें, मस्त जानकारी और खास कंटेंट के लिए हमें सोशल मीडिया पे फॉलो करो।
[Facebook(https://www.facebook.com/share/1AuGE2RmbD/)
पे हमारी गैंग जॉइन करो और तुरंत अपडेट्स के साथ मज़ेदार बातचीत का हिस्सा बनो!
Comments
Post a Comment