अलीगढ़ में दलित युवक पर बर्बर हमला: मंदिर में तिलक लगाना पड़ा भारी, हाथ टूटा, पुलिस पर अनदेखी का आरोप!
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अलीगढ़,दलित,जातीय हिंसा |
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश): अलीगढ़ के थाना खैर क्षेत्र से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक दलित युवक को मंदिर में तिलक लगाने की कीमत अपनी जान जोखिम में डालकर चुकानी पड़ी। राजू नाम के इस युवक पर कुछ दबंगों ने बर्बरता से हमला किया, जिससे उसका एक हाथ टूट गया और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। मामला इतना संगीन है कि पीड़ित को न्याय के लिए एसएसपी कार्यालय तक जाना पड़ा, लेकिन पुलिस की ओर से अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।
क्या है पूरा मामला? पुलिस की क्या है प्रतिक्रिया? जातीय हिंसा का एक और मामला
राजू, जो जाटव समुदाय से ताल्लुक रखता है, ने शनि देव मंदिर में तिलक लगाया। मंदिर से बाहर निकलते ही कुछ लोगों ने उसकी जाति पूछी। जैसे ही राजू ने बताया कि वह जाटव (दलित) है, दबंगों ने उसे मुसलमान कहकर पीटना शुरू कर दिया। राजू का आरोप है कि उसने कई बार कहा कि वह मुसलमान नहीं, बल्कि जाटव है, लेकिन हमलावरों ने उसकी एक नहीं सुनी।
राजू ने बताया, "मैंने मंदिर में तिलक लगाया था, लेकिन जैसे ही उन्होंने मेरी जाति पूछी और पता चला कि मैं दलित हूं, उन्होंने मुझे बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया। मेरा एक हाथ टूट गया है और शरीर पर गहरे जख्म हैं। मैंने चौकी और थाना खैर पुलिस से मदद मांगी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।"
इस मामले में पुलिस की ओर से एक अलग बयान सामने आया है। अलीगढ़ पुलिस (
@aligarhpolice
) ने कहा कि 23 जून, 2025 को मंदिर के पुजारी की तहरीर पर राजू के खिलाफ मूर्तियों को दूषित करने का आरोप लगाया गया था, और इस आधार पर FIR दर्ज कर ली गई है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।हालांकि, पीड़ित परिवार और स्थानीय समुदाय का कहना है कि यह पुलिस की लापरवाही और दबंगों की खुली गुंडई का मामला है। वे सवाल उठा रहे हैं कि क्या अब मंदिर में तिलक लगाना भी जाति देखकर तय होगा?
यह पहली बार नहीं है जब अलीगढ़ में ऐसी घटना सामने आई हो। इससे पहले भी कई बार दलित समुदाय के लोगों पर अत्याचार की खबरें आई हैं। हाल ही में, एक अन्य मामले में भी पुलिस ने जातीय हिंसा के आरोपों को खारिज कर दिया था, जबकि पीड़ित परिवार का कहना था कि उन्हें न्याय नहीं मिला।
समाज में बढ़ती असहिष्णुता, न्याय की मांग
इस घटना ने एक बार फिर से समाज में बढ़ती असहिष्णुता और जातीय भेदभाव की ओर ध्यान खींचा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में तुरंत और सख्त कार्रवाई नहीं होने से दबंगों को और हौसला मिलता है।
राजू के परिवार ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे उच्च अधिकारियों और मानवाधिकार आयोग तक जाएंगे।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई यूजर्स ने पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं, जबकि कुछ ने जातीय हिंसा के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की है।
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