Skip to main content

Posts

Showing posts with the label समाज

वाराणसी में होली के दिन प्रेम-त्रिकोण का खूनी अंत: सरस्वती और राजकुमार ने दिलजीत की हत्या की साजिश रची!

Varanasi Crime News Love affair  वाराणसी, 19 मार्च 2025: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में होली के पावन त्योहार पर एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। प्रेम-त्रिकोण के चलते एक युवती सरस्वती और उसके नए प्रेमी राजकुमार ने अपने पुराने प्रेमी दिलजीत की निर्मम हत्या कर दी। यह मामला न केवल प्रेम और धोखे की गहरी खाई को उजागर करता है, बल्कि समाज में बढ़ते अपराधों की गंभीरता को भी दर्शाता है। पुलिस के अनुसार, सरस्वती और दिलजीत के बीच लंबे समय से रिश्ता था, लेकिन जब सरस्वती का राजकुमार से अफेयर शुरू हुआ, तो उसने दिलजीत से ब्रेकअप करना चाहा। हालांकि, दिलजीत अपने पहले प्यार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था और लगातार सरस्वती से संपर्क बनाए रखने की कोशिश कर रहा था। इस स्थिति से परेशान सरस्वती और राजकुमार ने एक महीने पहले से ही दिलजीत को "रास्ते से हटाने" की साजिश रच डाली। होली के दिन सरस्वती ने दिलजीत को होली खेलने के बहाने अपने पास बुलाया। घटनास्थल पर पहले से मौजूद राजकुमार, जो हेलमेट पहने हुए था, ने दिलजीत के सीने में दो गोलियां मार दीं और फरार हो गया। इस वारदात में...

धूना, धूने, धूनो, समाज का इतिहास / Mansoori samaj ka itihas / History of Mansoori Samaj

www.village-viral.com/Masoori-Samaj भारतीय जाति व्यवस्था का इतिहास विभिन्न युगों में विकसित हुआ है। इसके अनुसार, भारतीय समाज को चार मुख्य वर्णों में बाँटा गया था - ब्राह्मण, शत्रिय, वैश्य, और शूद्र। संस्कृत में वर्ण शब्द का अर्थ होता है "रंग" या "वर्णन"। इस व्यवस्था में, ब्राह्मण वर्ण के लोग धार्मिक ग्रंथों के पठन-पाठन में विशेषज्ञ थे, शत्रिय वर्ण युद्ध और राजनीति के क्षेत्र में अधिक गतिविधियों में लगे थे, वैश्य वर्ण वाणिज्य और व्यापार में व्यस्त थे, और शूद्र वर्ण के लोग सामाजिक काम करते थे। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है भारत के एक समुदाय के बारे में जो धर्म से मुस्लिम है और उनकी जाती का नाम धूना है जिसका सरनेम मंसूरी है। इंटरनेट पर इस समुदाय के बारे में बहुत ही काम जानकारी मिलेगी लेकिन इस आर्टिकल के माध्यम से आप इस समाज के बारे में कुछ बातें जान सकेगे। धुने धुनिया मँसूरी समाज का इतिहास और पेशा रूई को पीन कर रजाई तैयार करना था मँसूरी एक लकब है जो ईरान शहर मे पैदा हुए सूफी शहिद मँसूर हल्लाज के नाम को अपना सरनेम लगाते है मँसूरी समाज भारत में निवास है...

गुज्जर समाज के पेप्सू तंवर गुज्जर की मौत से पूरा हिंदुस्तान सदमे में।

दोस्तो बहुत दुःख की बात है कि आज हमारे बीच दिल्ली के मशहूर बॉडी बिल्डर ओर गुज्जर समाज का हीरा पेप्सू तंवर गुज्जर आज हमारे बीच में नही रहे, दोस्तो पेप्सू गुज्जर भले ही गुज्जर समाज से आते थे, लेकिन सबसे पहले उनके लिए इंसानियत महत्व रखती थी, पूरे हिंदुस्तान में उनके फैन फॉलोइंग हर वर्ग और हर समाज के युवाओं की थी, सब युवा और उनका गुज्जर समाज उनसे बेहद प्यार करता था। पेप्सू गुज्जर अपने फैंस के लिए किसी हीरो से कम नही थे। पेप्सू गुज्जर की सोशल मीडिया पर फैन फॉलोइंग एक बॉलीवुड हीरो की तरह है, लेकिन भगवान की मर्जी के बगैर तो पत्ता भी नही हिलता, शायद जैसे उनके फैंस को पेप्सू गुज्जर पसंद थे, ऐसे ही भगवान उनसे भी ज्यादा प्यार करते थे, यही कारण होगा भगवान ने प्यारे से पेप्सू गुज्जर को अपने पास स्वर्ग में बुला लिया। जिंदगी जीना भी ओर उसको निभाना भी बहुत मुश्किल काम होता है, ना जाने आपकी हस्ती खेलती दुनिया को किस की बुरी नज़र लग जाये, ज़िंदगी मे बहुत से मोड़ ऐसे आते है, जहाँ से लोगो को बहुत सय्यंम ओर हिम्मत के साथ गुजरना पड़ता है। आज के दिन आप देख सकते है कि कैसे लोग पेप्सू तंवर् गुज्जर की मिट ...