अबू धाबी में ट्रंप का पारंपरिक अल-अय्याला नृत्य से स्वागत, इंटरनेट पर मचा हंगामा, जाने किया है al-ayyala कल्चर
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ट्रंप, अबू धाबी, अल-अय्याला नृत्य |
दोस्तों, आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे वाकये की, जिसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्वागत अबू धाबी में एक पारंपरिक नृत्य, अल-अय्याला से किया गया, और इस नृत्य की वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गई है। आइए, जानते हैं कि आखिर यह अल-अय्याला नृत्य क्या है और क्यों लोग इसे लेकर इतने उत्साहित हैं।
ट्रंप का मध्य पूर्व दौरा, अल-अय्याला नृत्य क्या है?
15 मई, 2025 को डोनाल्ड ट्रंप मध्य पूर्व के अपने दौरे के आखिरी पड़ाव पर अबू धाबी पहुंचे। यहां उनका स्वागत यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाहयान ने किया। स्वागत समारोह में एक खास कार्यक्रम था, जो था अल-अय्याला नृत्य। इस नृत्य में महिलाएं सफेद पोशाक में अपने लंबे बालों को एक साथ rythmatically फ्लिप करती नजर आईं, जबकि पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में ड्रम बजाते और कविताएं गाते दिखे।
अल-अय्याला एक पारंपरिक नृत्य है, जो यूएई और ओमान की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। इसे 2014 में यूनेस्को ने मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया था। यह नृत्य आमतौर पर शादियों, राष्ट्रीय त्योहारों और अन्य उत्सवों के दौरान किया जाता है। इसमें पुरुष और महिलाएं दोनों हिस्सा लेते हैं, और यह नृत्य एक युद्ध दृश्य को दर्शाता है, जहां पुरुष पतले बांस की छड़ियों को तलवार या भाले की तरह हिलाते हैं।
इंटरनेट पर प्रतिक्रियाएं, सांस्कृतिक महत्व
इस नृत्य की वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। लोग इस नृत्य को लेकर अलग-अलग राय रख रहे हैं। कुछ लोगों को यह नृत्य काफी अजीब लगा, और उन्होंने मजाकिया टिप्पणियां कीं, जैसे "यह क्या है? ट्रंप तो पीछे मुड़कर देख ही नहीं रहे।" जबकि कुछ लोगों ने इस नृत्य को सांस्कृतिक विरासत के तौर पर सराहा और कहा, "हर देश की अपनी संस्कृति होती है, हमें इसे समझना चाहिए।"
अल-अय्याला नृत्य सिर्फ एक नृत्य नहीं, बल्कि यूएई और ओमान की पहचान है। यह नृत्य दिखाता है कि कैसे ये देश अपनी परंपराओं को जीवित रखते हैं। ट्रंप के स्वागत में इस नृत्य को शामिल करना एक राजनयिक इशारा था, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करता है। ट्रंप का अल-अय्याला नृत्य से स्वागत एक ऐसा पल था, जिसने इंटरनेट पर हंगामा मचा दिया।
हालांकि, भारत के कुछ शहरी और आधुनिक मुस्लिम समुदायों में अल-अय्याला के प्रति जागरूकता सीमित हो सकती है, क्योंकि यह नृत्य मुख्य रूप से खाड़ी क्षेत्र की संस्कृति से जुड़ा है। सोशल मीडिया और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है, लेकिन कुछ लोग इसे धार्मिक दृष्टिकोण से नृत्य के रूप में देख सकते हैं, जिसके प्रति रूढ़िवादी समुदायों में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। फिर भी, अधिकांश भारतीय मुसलमान इसे एक समृद्ध सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के रूप में सराहते हैं और इसे भारत की विविध सांस्कृतिक परंपराओं, जैसे गरबा या भांगड़ा, के समान उत्सव के रूप में देखते हैं। इस प्रकार, अल-अय्याला न केवल सांस्कृतिक पुल का काम करता है, बल्कि भारत और यूएई के बीच सांस्कृतिक समझ को भी बढ़ावा देता है।
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