अमेरिकी नौसेना का 60 मिलियन डॉलर का F-18 जेट लाल सागर में डूबा, हूती हमले के दौरान अब तक आखिरी हफ्ते मे 2500 करोड़ हुआ नुकसान
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अमेरिकी नौसेना, F-18 सुपर हॉर्नेट |
लाल सागर में तैनात अमेरिकी नौसेना को एक बड़ा झटका लगा है। 28 अप्रैल, 2025 को यमन के हूती विद्रोहियों के हमले से बचने के लिए तेज मोड़ लेते समय अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन से एक F/A-18E सुपर हॉर्नेट जेट समुद्र में गिर गया। इस जेट की कीमत लगभग 60 मिलियन डॉलर (लगभग 500 करोड़ रुपये) बताई जा रही है। यह घटना उस समय हुई जब जेट को हैंगर बे में ले जाया जा रहा था, और जहाज ने हूती विद्रोहियों के ड्रोन और मिसाइल हमले से बचने के लिए अचानक तेज मोड़ लिया। अमेरिकी नौसेना के अनुसार, इस हादसे में चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं, और केवल एक नाविक को मामूली चोटें आई हैं।
यह पहली बार नहीं है जब यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन को इस तरह की घटना का सामना करना पड़ा है। दिसंबर 2024 में, इसी जहाज से एक अन्य F-18 जेट को गलती से यूएसएस गेटिसबर्ग क्रूजर ने मार गिराया था, जिसे दोस्ताना गोलीबारी (फ्रेंडली फायर) का मामला बताया गया था। इसके अलावा, फरवरी में यह जहाज मिस्र के तट के पास एक व्यापारिक जहाज से टकरा गया था। इन घटनाओं ने अमेरिकी नौसेना की परिचालन तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं।
हूती विद्रोहियों ने इस घटना से पहले दावा किया था कि उन्होंने यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन और अन्य अमेरिकी जहाजों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से इस बात की पुष्टि नहीं की कि जेट का गिरना सीधे तौर पर हूती हमले का परिणाम था, लेकिन उन्होंने माना कि जहाज का तेज मोड़ हमले से बचने के लिए था।
इसके साथ ही, हूती विद्रोहियों ने पिछले छह हफ्तों में अमेरिकी सेना के सात MQ-9 रीपर ड्रोन भी मार गिराए हैं। प्रत्येक ड्रोन की कीमत लगभग 30 मिलियन डॉलर (लगभग 250 करोड़ रुपये) है, जिसका मतलब है कि इस अवधि में अमेरिका को लगभग 210 मिलियन डॉलर (लगभग 1750 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। हूती विद्रोहियों ने अक्टूबर 2023 से अब तक कुल 21 MQ-9 ड्रोन मार गिराने का दावा किया है, जो उनकी बढ़ती सैन्य क्षमता को दर्शाता है।
लाल सागर में तनाव तब से बढ़ा है जब हूती विद्रोहियों ने गाजा में इजरायल के सैन्य अभियानों के विरोध में समुद्री जहाजों पर हमले शुरू किए। हूती, जो ईरान समर्थित समूह हैं, ने लाल सागर और अदन की खाड़ी में वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों को निशाना बनाया है, जिससे वैश्विक व्यापार मार्ग प्रभावित हुए हैं। अमेरिकी सेना ने मार्च 2025 से हूती ठिकानों पर लगभग 800 हवाई हमले किए हैं, जिनमें सैकड़ों हूती लड़ाकों और उनके नेताओं को मारने का दावा किया गया है। फिर भी, हूती विद्रोहियों का प्रतिरोध कम नहीं हुआ है।
इस घटना ने अमेरिकी सैन्य रणनीतियों की स्थिरता पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हूती विद्रोहियों की कम लागत वाली ड्रोन और मिसाइल रणनीति, जो ईरान के समर्थन से संचालित है, अमेरिका के महंगे सैन्य उपकरणों के खिलाफ एक असममित युद्ध की चुनौती पेश कर रही है। एक तरफ जहां F-18 सुपर हॉर्नेट जैसे जेट की कीमत करोड़ों में है, वहीं हूती ड्रोन की लागत कुछ हजार डॉलर ही है। यह लागत असमानता अमेरिकी सैन्य रणनीति के लिए एक दीर्घकालिक समस्या बन सकती है।
अमेरिकी नौसेना ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है, और यह देखना बाकी है कि यह हादसा क्षेत्र में उनकी रणनीति को कैसे प्रभावित करेगा। फिलहाल, यूएसएस हैरी एस. ट्रूमैन और उसका स्ट्राइक ग्रुप लाल सागर में अपनी मिशन क्षमता बनाए हुए है, लेकिन हूती विद्रोहियों का बढ़ता खतरा और बार-बार होने वाली ऐसी घटनाएं अमेरिकी सेना के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।
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