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पेट्रोल-डीजल, एकसाइज ड्यूटी, दिल्ली, महंगाई |
दिल्ली, 7 अप्रैल 2025: आम जनता के लिए एक और झटका! केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एकसाइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। इस फैसले के बाद अब पेट्रोल और डीजल के दामों में भी 2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा होगा। यह नई दरें आज रात 12 बजे से लागू हो जाएंगी, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।
दिल्ली में अभी पेट्रोल की कीमत 94 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 87 रुपये प्रति लीटर है। नए दाम लागू होने के बाद दिल्ली में पेट्रोल 96 रुपये प्रति लीटर और डीजल 89 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा। यह बढ़ोतरी देशभर में लागू होगी, लेकिन अलग-अलग राज्यों में वैट (VAT) और अन्य स्थानीय करों के कारण कीमतों में थोड़ा अंतर देखने को मिल सकता है।
आम जनता पर बढ़ेगा बोझ
पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर थे, लेकिन इस बढ़ोतरी ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में रहने वाले राकेश शर्मा ने बताया, "पहले ही महंगाई की मार झेल रहे हैं, और अब पेट्रोल-डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ेगा। इसका असर रोजमर्रा की चीजों की कीमतों पर भी पड़ेगा।"
वहीं, प्राइवेट बस चालक अनिल यादव ने कहा, "हमारी कमाई पहले ही कम है। डीजल के दाम बढ़ने से हमें या तो किराया बढ़ाना पड़ेगा या फिर अपनी जेब से भरपाई करनी पड़ेगी। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए।"
सरकार का क्या है कहना?
सरकार की ओर से अभी तक इस बढ़ोतरी पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह कदम राजस्व बढ़ाने के लिए उठाया गया है। पेट्रोल और डीजल पर एकसाइज ड्यूटी सरकार के लिए राजस्व का एक बड़ा स्रोत है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस नेता प्रिया सिंह ने कहा, "जब महंगाई चरम पर है, तब सरकार का यह फैसला जनता के साथ धोखा है। सरकार को तुरंत इस बढ़ोतरी को वापस लेना चाहिए।"
क्या होगा असर?
पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से ना सिर्फ वाहन चालकों पर असर पड़ेगा, बल्कि इसका प्रभाव ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर भी होगा। ट्रांसपोर्ट लागत बढ़ने से सब्जियों, अनाज और अन्य जरूरी सामानों की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बढ़ोतरी महंगाई को और हवा दे सकती है, जिससे मध्यम वर्ग और निम्न आय वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।
क्या हैं विकल्प?
ऐसे में आम जनता के पास कुछ ही विकल्प बचते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल बढ़ाना, कारपूलिंग करना या फिर इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करना कुछ उपाय हो सकते हैं। हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी बड़ी चुनौती बने हुए हैं।
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