"इस्लाम अपनाने वाले मशहूर यूट्यूबर स्नीको को शेख ने कहा 'काफिर', क्या इस्लाम में सवाल पूछना गुनाह है?" वीडियो हुआ वायरल
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स्नीको, शेख अस्सिम अल-हकीम, इस्लाम, हदीस |
22 मार्च 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो ने तहलका मचा दिया, जिसमें मशहूर यूट्यूबर और स्ट्रीमर स्नीको को सऊदी अरब के इस्लामिक स्कॉलर शेख अस्सिम अल-हकीम ने कड़ी फटकार लगाई। यह घटना तब हुई जब स्नीको ने एक हदीस पर सवाल उठाया, जिसके जवाब में शेख अस्सिम ने उन्हें "काफिर" कहकर घर से निकाल दिया। इस घटना ने इस्लामिक समुदाय और सोशल मीडिया यूजर्स के बीच एक नई बहस छेड़ दी है।
स्नीको, जिन्होंने 2023 में इस्लाम कबूल किया था, अपनी धार्मिक यात्रा को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। उनकी इस्लाम में दिलचस्पी तब बढ़ी जब उनके दोस्त और प्रभावशाली हस्ती एंड्रयू टेट ने भी इस्लाम अपनाया। हालांकि, स्नीको की इस्लामिक मान्यताओं को लेकर उनकी समझ और उनके सवालों ने कई बार विवाद को जन्म दिया है। इस बार, स्नीको ने शेख अस्सिम अल-हकीम के साथ एक मुलाकात के दौरान एक हदीस पर अपनी असहमति जताई, जिसके बाद शेख ने गुस्से में कहा, "अगर तुम्हें एक सेकंड के लिए भी पैगंबर (ﷺ) पर शक है, तो तुम पूरे काफिर हो, मेरे घर से निकल जाओ!"
यह वीडियो X पर
@HALALK0
नाम के अकाउंट से पोस्ट किया गया, जिसमें स्नीको और शेख अस्सिम को एक सोफे पर बैठे देखा जा सकता है। स्नीको बैंगनी रंग की टी-शर्ट में नजर आ रहे हैं, जबकि शेख अस्सिम पारंपरिक सऊदी पोशाक में हैं। टेबल पर कुछ कप और पानी का गिलास रखा हुआ है, और माहौल शुरू में शांत लग रहा था, लेकिन बातचीत जल्द ही तीखी हो गई।शेख अस्सिम अल-हकीम एक जाने-माने इस्लामिक स्कॉलर हैं, जो अपनी सख्त और रूढ़िवादी सोच के लिए मशहूर हैं। वह अक्सर अपने फॉलोअर्स को इस्लामिक नियमों का सख्ती से पालन करने की सलाह देते हैं। हालांकि, उनकी यह सख्ती कई बार विवाद का कारण भी बनती है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने शेख अस्सिम की आलोचना की। एक यूजर
@ControlledNeo
ने लिखा, "यह शेख बहुत खतरनाक है, एकदम कट्टरपंथी।" वहीं, @SpreadHaqq
ने टिप्पणी की, "एक स्कॉलर को नए मुसलमान से ऐसे बात नहीं करनी चाहिए।"दूसरी ओर, कुछ लोगों ने शेख अस्सिम का समर्थन भी किया। उनका कहना है कि इस्लाम में पैगंबर (ﷺ) की शिक्षाओं पर सवाल उठाना स्वीकार्य नहीं है। लेकिन इस घटना ने एक बड़े सवाल को जन्म दिया है - क्या इस्लाम में सवाल पूछने की आजादी नहीं होनी चाहिए? कई यूजर्स ने इस बात पर जोर दिया कि नए मुसलमानों को उनकी जिज्ञासा के लिए दंडित करने के बजाय, उन्हें प्यार और समझ के साथ मार्गदर्शन देना चाहिए।
यह घटना उस समय की है जब इस्लामिक समुदाय में नए मुसलमानों को स्वीकार करने और उनकी जिज्ञासा को समझने को लेकर बहस चल रही है। स्नीको जैसे लोग, जो हाल ही में इस्लाम में आए हैं, अक्सर अपनी पुरानी सोच और नई मान्यताओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में, क्या इस्लामिक स्कॉलर्स को उनकी मदद करनी चाहिए या उन्हें सख्ती से डांटना चाहिए? यह सवाल अब सोशल मीडिया पर गूंज रहा है।
इस घटना ने एक बार फिर इस्लामिक शिक्षाओं और आधुनिक सोच के बीच टकराव को उजागर किया है। स्नीको की इस्लामिक यात्रा अभी शुरुआती दौर में है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस अनुभव से क्या सीखते हैं। वहीं, शेख अस्सिम अल-हकीम की सख्ती ने भी कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या इस्लाम में सवाल पूछने की जगह है या नहीं।
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