![]() |
| सोशल मीडिया, वायरल वीडियो |
सोशल मीडिया आजकल खबरों का सबसे तेज स्रोत बन गया है, लेकिन क्या हर वायरल स्टोरी सच होती है? हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया, जहां एक युवक के सऊदी अरब में फंसे होने की दर्दनाक कहानी ने लाखों लोगों का दिल तोड़ दिया। लेकिन अब खुलासा हो गया है कि यह सब एक बनावटी इंस्टाग्राम रील का खेल था! आइए जानते हैं इस पूरी घटना की सच्चाई को करीब से।
वायरल स्टोरी का जन्म: एक दर्दभरी अपील
25 अक्टूबर 2025 को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक थ्रेड वायरल हो गया। इसमें दावा किया गया कि प्रयागराज के अंकित भारती नाम के एक युवक को सऊदी अरब में कैमल (ऊंट) चराने का काम करने को मजबूर किया गया है। स्टोरी के मुताबिक, अंकित का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया था और वह वहां फंस गया था। वीडियो में दिखाया गया था कि अंकित गर्म रेगिस्तान में ऊंटों के साथ परेशान हो रहा है, और परिवार की अपील थी कि भारतीय दूतावास उनकी मदद करे।
यह थ्रेड रातोंरात हिट हो गया! सिर्फ 24 घंटों में इस पर 7,800 से ज्यादा लाइक्स, 2,600 रीपोस्ट और 2 लाख 36 हजार व्यूज आ गए। लोग गुस्से में थे। टिप्पणियों में नाराजगी भरी हुई थी – "यह अमानवीय है!", "सरकार क्या कर रही है?", "दूतावास तुरंत एक्शन लो!"। हजारों यूजर्स ने हैशटैग #SaveAnkitBharati चलाया और शेयरिंग की होड़ लग गई। सोशल मीडिया पर एकजुटता का माहौल बन गया, लेकिन...
सच्चाई का धमाका: पुलिस ने खोला राज, क्यों फैली यह अफवाह? सोशल मीडिया का दोहरा चेहरा
अगले ही दिन, यानी 26 अक्टूबर को उसी थ्रेड के लेखक ने एक अपडेट पोस्ट किया। उन्होंने कन्फर्म किया कि प्रयागराज पुलिस ने जांच की है और पूरा मामला फर्जी निकला! वीडियो असल में एक स्टेज्ड इंस्टाग्राम रील था, जो लाइक्स और शेयर्स के लिए बनाया गया था। अंकित भारती नाम का कोई व्यक्ति वहां फंसा नहीं था – यह सब ड्रामा था सोशल मीडिया फेम के लिए।
पुलिस ने बताया कि वीडियो लोकल स्तर पर शूट किया गया था, और इसमें इस्तेमाल हुए लोग भी भारतीय थे। कोई पासपोर्ट जब्ती या रेगिस्तानी कैद की सच्चाई नहीं थी। लेखक ने खुद माफी मांगी और कहा कि वे गलत जानकारी फैलाने के लिए शर्मिंदा हैं।
आज के दौर में वीडियो एडिटिंग ऐप्स की वजह से फर्जी कंटेंट बनाना आसान हो गया है। एक साधारण रील को इमोशनल स्टोरी बना दो, और बूम – वायरल! लेकिन इसका नुकसान क्या? असली पीड़ितों की आवाज दब जाती है। सऊदी अरब में करीब 26 लाख भारतीय मजदूर काम करते हैं। इनमें से कई असल में शोषण का शिकार होते हैं – पासपोर्ट जब्ती, कम वेतन, खराब हालात। ऐसे में फर्जी स्टोरी से लोगों का भरोसा कम होता है, और जेनुइन केसेज पर ध्यान नहीं जाता।
एक्स पर यूजर्स की प्रतिक्रियाएं देखिए: ज्यादातर ने कहा, "ओरिजिनल पोस्ट डिलीट करो, मिसइनफॉर्मेशन फैल रही है!" कुछ ने चेतावनी दी कि इससे असली मजदूरों की मदद मुश्किल हो जाएगी। एक यूजर ने लिखा, "सोशल मीडिया पर शेयर करने से पहले वेरिफाई करो, वरना नुकसान सबका होता है।"
सबक: वायरल से पहले सोचो, शेयर करने से पहले जांचो
यह घटना हमें सिखाती है कि इमोशनल अपील पर तुरंत रिएक्ट न करें। हमेशा फैक्ट-चेक करें। वेबसाइट्स जैसे फैक्टली या अल्ट न्यूज जैसी जगहों से मदद लें। और हां, अगर आप मजदूर हैं या जानते हैं, तो हेल्पलाइन जैसे भारत सरकार की 'मधुरिमा' स्कीम या दूतावास हेल्पलाइन (00966-114889200) का इस्तेमाल करें।
गडा टाइम्स मानता है कि सोशल मीडिया कनेक्ट करता है, लेकिन जिम्मेदारी भी सिखाता है। क्या आपने कभी फर्जी न्यूज शेयर की? कमेंट्स में बताएं!
अगर यह स्टोरी आपको पसंद आई, तो शेयर करें और सब्सक्राइब करें। गाड़ा टाइम्स – आपकी आवाज, सच्ची खबरें।
गाड़ा टाइम्स की लेटेस्ट खबरें, खास कंटेंट के लिए हमारे 👉🏻whatsapp group 👈🏻ज्वाइन करें ।
अगर आपको भी अपनी खबर प्रकाशित करवानी है, अपने बिजनेस का प्रचार करना है, प्रधानी के स्लोगन तैयार करवाने हैं, गाँव में किए गए विकास की वीडियो शेयर करनी हैं, या इंटरनेट और AI सर्च रिजल्ट्स पर अपनी प्रोफाइल बनवानी है, तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।
संपर्क करें व्हाट्सएप पर: +919997269339
मेल करें: gadatimesnow@gmail.com
मेल करें: gadatimesnow@gmail.com
अधिक जानकारी के लिए विजिट करें 👉🏻 https://www.gadatimes.com/p/a2z-technical-solution.html?m=1
हमारी टीम आपके साथ है, हर कदम पर आपकी मदद करने के लिए। आपकी आवाज़, आपकी कहानी, और आपकी सफलता—हम सबको एक साथ जोड़ने के लिए तैयार हैं।
हमारे साथ कनेक्ट रहो यार!
लेटेस्ट खबरें, मस्त जानकारी और खास कंटेंट के लिए हमें सोशल मीडिया पे फॉलो करो।
[Facebook(https://www.facebook.com/share/1AuGE2RmbD/)
पे हमारी गैंग जॉइन करो और तुरंत अपडेट्स के साथ मज़ेदार बातचीत का हिस्सा बनो!



Comments
Post a Comment