तुर्की के एर्दोगन ने UNGA में फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा, भारत ने दो टूक कहा- ये हमारा आंतरिक मामला!
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India News,Kashmir Issue,UNGA 2025 |
एर्दोगन ने अपने स्पीच में भारत-पाकिस्तान के बीच अप्रैल 2025 में हुई तनाव के बाद लगे सीजफायर का स्वागत तो किया, लेकिन साथ ही कश्मीर के लोगों की भलाई के नाम पर संवाद और UN रेजोल्यूशंस की दुहाई दी। उन्होंने कहा, "हम कश्मीर के लोगों के साथ खड़े हैं और उम्मीद करते हैं कि ये मुद्दा जल्द सुलझे।" लेकिन सवाल ये है भाई, जब भारत ने आर्टिकल 370 हटाकर कश्मीर में शांति और विकास की नई इबारत लिखी है, तो एर्दोगन साहब को ये पुरानी किताबें क्यों पढ़नी पड़ रही हैं? भारत सरकार ने तो साफ कहा है कि कश्मीर अब पूरी तरह शांत है, टूरिज्म बूम हो रहा है, निवेश आ रहा है और लोग खुशहाल हैं।
याद कीजिए, 2024 के UNGA में एर्दोगन ने कश्मीर का जिक्र तक नहीं किया था। शायद इसलिए क्योंकि तुर्की BRICS में शामिल होने की कोशिश में था, जहां भारत एक बड़ा प्लेयर है। लेकिन इस साल, खासकर पाकिस्तान दौरे के बाद, वो फिर वही राग अलाप रहे हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने एर्दोगन के पाकिस्तान वाले बयान पर कड़ा ऐतराज जताया था, कहा था कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान का क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म ही कश्मीर की सबसे बड़ी समस्या है। MEA प्रवक्ता ने कहा, "कोई तीसरा देश हमें लेक्चर न दे, पहले अपने घर के झाड़ू लगाएं।
देखिए ना, कश्मीर में आज हालात कितने बदले हैं! अनुच्छेद 370 के हटने के बाद वहां चुनाव हुए, पंचायतें मजबूत हुईं, स्कूल-हॉस्पिटल बने, और पर्यटन ने रफ्तार पकड़ ली। 2025 में तो कश्मीर घाटी में रिकॉर्ड 2 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट आए! ये वो कश्मीर है जो एर्दोगन जैसे नेता दुनिया को दिखाने से कतराते हैं। भारत ने हमेशा कहा है कि कश्मीर का मुद्दा पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय है, UN के पुराने रेजोल्यूशंस अब लागू नहीं होते क्योंकि हालात बदल चुके हैं। और तुर्की? वो तो पाकिस्तान का 'भाई' बनकर भारत-तुर्की रिलेशंस को खराब कर रहा है। क्या ये दोस्ती की हदें हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि एर्दोगन का ये बयान महज पाकिस्तान को खुश करने की कोशिश है, लेकिन भारत की बढ़ती ताकत को वो रोक नहीं सकते। पूर्व विदेश सचिव केनवाल सिब्बल ने ट्विटर पर लिखा, "ये गंभीर उकसावा है, UN रेजोल्यूशंस पर जोर देकर एर्दोगन भारत को चुनौती दे रहे हैं।" भारत सरकार ने तुर्की को डिप्लोमेटिक चैनलों से भी संदेश भेजा है कि ऐसी टिप्पणियां रिश्तों को नुकसान पहुंचाएंगी।
कुल मिलाकर, एर्दोगन साहब का UNGA स्पीच कश्मीर न्यूज को फिर सुर्खियों में ला दिया, लेकिन भारत की पोजीशन क्लियर है- हम मजबूत हैं, एकजुट हैं और कश्मीर हमारा है! दोस्तों, आप क्या सोचते हैं? कमेंट्स में बताएं। गाड़ा टाइम्स पर ऐसी लेटेस्ट इंडिया न्यूज, इंटरनेशनल अपडेट्स और कश्मीर डेवलपमेंट की स्टोरीज के लिए बने रहें। जय हिंद!
याद कीजिए, 2024 के UNGA में एर्दोगन ने कश्मीर का जिक्र तक नहीं किया था। शायद इसलिए क्योंकि तुर्की BRICS में शामिल होने की कोशिश में था, जहां भारत एक बड़ा प्लेयर है। लेकिन इस साल, खासकर पाकिस्तान दौरे के बाद, वो फिर वही राग अलाप रहे हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने एर्दोगन के पाकिस्तान वाले बयान पर कड़ा ऐतराज जताया था, कहा था कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान का क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म ही कश्मीर की सबसे बड़ी समस्या है। MEA प्रवक्ता ने कहा, "कोई तीसरा देश हमें लेक्चर न दे, पहले अपने घर के झाड़ू लगाएं।
देखिए ना, कश्मीर में आज हालात कितने बदले हैं! अनुच्छेद 370 के हटने के बाद वहां चुनाव हुए, पंचायतें मजबूत हुईं, स्कूल-हॉस्पिटल बने, और पर्यटन ने रफ्तार पकड़ ली। 2025 में तो कश्मीर घाटी में रिकॉर्ड 2 करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट आए! ये वो कश्मीर है जो एर्दोगन जैसे नेता दुनिया को दिखाने से कतराते हैं। भारत ने हमेशा कहा है कि कश्मीर का मुद्दा पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय है, UN के पुराने रेजोल्यूशंस अब लागू नहीं होते क्योंकि हालात बदल चुके हैं। और तुर्की? वो तो पाकिस्तान का 'भाई' बनकर भारत-तुर्की रिलेशंस को खराब कर रहा है। क्या ये दोस्ती की हदें हैं?
विशेषज्ञों का कहना है कि एर्दोगन का ये बयान महज पाकिस्तान को खुश करने की कोशिश है, लेकिन भारत की बढ़ती ताकत को वो रोक नहीं सकते। पूर्व विदेश सचिव केनवाल सिब्बल ने ट्विटर पर लिखा, "ये गंभीर उकसावा है, UN रेजोल्यूशंस पर जोर देकर एर्दोगन भारत को चुनौती दे रहे हैं।" भारत सरकार ने तुर्की को डिप्लोमेटिक चैनलों से भी संदेश भेजा है कि ऐसी टिप्पणियां रिश्तों को नुकसान पहुंचाएंगी।
कुल मिलाकर, एर्दोगन साहब का UNGA स्पीच कश्मीर न्यूज को फिर सुर्खियों में ला दिया, लेकिन भारत की पोजीशन क्लियर है- हम मजबूत हैं, एकजुट हैं और कश्मीर हमारा है! दोस्तों, आप क्या सोचते हैं? कमेंट्स में बताएं। गाड़ा टाइम्स पर ऐसी लेटेस्ट इंडिया न्यूज, इंटरनेशनल अपडेट्स और कश्मीर डेवलपमेंट की स्टोरीज के लिए बने रहें। जय हिंद!
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