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नई दिल्ली, 14 जुलाई 2025: सऊदी अरब से एक बड़ी खबर आई है, जो इतिहास और आज के वक्त को जोड़ती है। साल 1951 में एक ऐसी घटना हुई थी, जिसने सऊदी अरब में शराब पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था। अब, 72 साल बाद, वहां फिर से कुछ जगहों पर शराब की इजाजत मिल रही है। आइए, इस दिलचस्प कहानी को जानते हैं, जिसमें राजा का बेटा, एक ब्रिटिश राजनयिक की हत्या, और आज के मॉडर्न बदलाव शामिल हैं।
1951 की वो घटना जो बदल गई सारी तस्वीर, जब दुनिया मे मच गई हालचाल
साल 1951 में, सऊदी अरब के जेद्दा शहर में एक पार्टी के दौरान प्रिंस मिशारी बिन अब्दुलअजीज अल सऊद ने नशे में धुत होकर ब्रिटिश उप-महावाणिज्य दूत साइरिल ओसमैन को गोली मार दी थी। उस वक्त प्रिंस सिर्फ 19 साल के थे और किंग अब्दुलअजीज के बेटे थे। कहानी के मुताबिक, ओसमैन ने प्रिंस को और शराब देने से मना कर दिया, जिससे गुस्से में आकर उन्होंने यह कदम उठाया। इस हमले में ओसमैन की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी डोरोथी घायल हो गईं।
किंग अब्दुलअजीज को इस घटना पर गहरा गुस्सा आया। उन्होंने प्रिंस को गिरफ्तार करवाया और डोरोथी को सजा तय करने का हक दिया, जिसमें फांसी का ऑप्शन भी था। लेकिन डोरोथी ने मुआवजा लेना मंजूर किया और जेद्दा छोड़कर चली गईं। इसके बाद, 1952 में किंग ने पूरे देश में शराब पर सख्त बैन लगा दिया, जो इस्लामिक नियमों और कूटनीतिक शर्मिंदगी से प्रेरित था। प्रिंस मिशारी को आजीवन कारावास की सजा हुई, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया, जो राजपरिवार की ताकत को दिखाता है।
आज का नया बदलाव: MBS के राज में शराब की वापसी, क्या कहते हैं लोग?
अब तेजी से बदलते वक्त के साथ सऊदी अरब में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। मौजूदा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के नेतृत्व में देश आर्थिक और टूरिज्म के लिए बड़े कदम उठा रहा है। 2025 में रियाध के डिप्लोमेटिक क्वार्टर में गैर-मुस्लिम डिप्लोमैट्स के लिए शराब बेचने की इजाजत दी गई है। यह शराब खरीदने के लिए एक खास मोबाइल ऐप से होगी, जो काला बाजार रोकने और इंटरनेशनल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए है।
इसके अलावा, 2034 फीफा वर्ल्ड कप की तैयारियों के तहत 2026 से कुछ लग्जरी होटल्स और रिसॉर्ट्स में बीयर, वाइन और साइडर की बिक्री शुरू होने वाली है। हालांकि, सख्त नियम हैं—हार्ड लिकर (जैसे वोडका) पर बैन रहेगा, और घर पर शराब बनाना या पब्लिक जगहों पर पीना अभी भी गैरकानूनी है। MBS का विजन 2030 प्लान देश को तेल से हटाकर टूरिज्म और इकोनॉमी को मजबूत करना है, जिसमें शराब की सीमित इजाजत एक बड़ा कदम है।
यह बदलाव लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ इसे मॉडर्नाइजेशन की निशानी मान रहे हैं, तो कुछ को लगता है कि यह सऊदी की पारंपरिक संस्कृति के खिलाफ है। लेकिन एक बात साफ है कि MBS के राज में देश नई दिशा में बढ़ रहा है, जहां टूरिज्म, होटल बिजनेस, और इंटरनेशनल इवेंट्स जैसे फीफा वर्ल्ड कप के लिए बदलाव लाया जा रहा हैं जिसका इस्लामिक दुनिया मे विरोध गहराता जा रहा है।
1951 की एक घटना ने सऊदी अरब को शराब से दूर कर दिया था, लेकिन आज के वक्त में आर्थिक जरूरतों ने इसे फिर से ला दिया है। यह कहानी हमें सिखाती है कि वक्त के साथ नियम और सोच दोनों बदलते हैं। अगर आप इस बदलाव के बारे में और जानना चाहते हैं, तो gadatimes.com पर हमारी अगली खबर का इंतजार करें!
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