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मोहम्मद इमरान खान,ग्लोबल टीचर प्राइज 2025 |
दिल्ली के पास बसा राजस्थान का अलवर आज फख्र से सिर ऊंचा कर रहा है। वहां का एक मामूली सा सरकारी स्कूल का मैथ्स टीचर, मोहम्मद इमरान खान मेवाती, दुनिया भर में भारत का नाम रौशन कर रहा है। भाई साहब को ग्लोबल टीचर प्राइज 2025 के टॉप 10 फाइनलिस्ट में चुना गया है। ये वो अवॉर्ड है, जिसमें 8 करोड़ रुपये का इनाम मिलता है! चलो, जरा उनकी कहानी सुनते हैं, कैसे उन्होंने 100 से ज्यादा फ्री ऐप्स बनाकर बच्चों की पढ़ाई को मज़ेदार और आसान बना दिया।
टीचर से टेक्नोलॉजी का जादूगर, ढेर सारे अवॉर्ड्स और सम्मान
इमरान भाई 1978 में अलवर के खरेड़ा गांव में पैदा हुए। 1999 में टीचर बने और अलवर के सरकारी स्कूल में बच्चों को गणित पढ़ाने लगे। लेकिन उनका दिल तो कुछ बड़ा करने को बेकरार था। गांव के बच्चों को किताबें और संसाधन कम पड़ते थे, तो इमरान ने सोचा, “क्यूं ना टेक्नोलॉजी से कुछ कर दिखाया जाए?” बिना किसी ट्रेनिंग के, खुद से प्रोग्रामिंग सीखी और 2011 में पहली ऐप बनाई। आज उनकी 100 से ज्यादा ऐप्स गूगल प्ले पर फ्री में हैं, जो न सिर्फ भारत बल्कि 50 मुल्कों में बच्चों की मदद कर रही हैं।
उनकी ऐप्स में ‘देववाणी’ (संस्कृत पढ़ने के लिए) और ‘प्रशस्त’ (स्कूलों में बच्चों की डिसएबिलिटी चेक करने के लिए) खूब पसंद की जाती हैं। 2015 में तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लंदन में उनकी तारीफ की और कहा, “मेरा भारत उस इमरान खान में है, जो अलवर में 50 फ्री ऐप्स बना रहा है।” बस, फिर क्या, इमरान भाई की मेहनत को हर कोई सलाम करने लगा।
इमरान भाई ने सिर्फ ऐप्स ही नहीं बनाए, बल्कि हजारों टीचर्स को डिजिटल पढ़ाई का तरीका भी सिखाया। उनकी मेहनत ने उन्हें ढेर सारे इनाम दिलाए। नीचे टेबल में उनकी कुछ खास उपलब्धियां देखो:
साल | क्या मिला | क्या खास था |
---|---|---|
2015 | पीएम मोदी की तारीफ | लंदन में 50 फ्री ऐप्स के लिए तारीफ |
2016 | भामाशाह अवॉर्ड | 60 ऐप्स का कॉपीराइट छोड़ा, जिनकी कीमत थी 3.32 करोड़ रुपये |
2016 | नेशनल आईसीटी अवॉर्ड | राष्ट्रपति ने शिक्षक दिवस पर सम्मान दिया |
2018 | नेशनल टीचर अवॉर्ड | उपराष्ट्रपति ने नई सोच के लिए सम्मानित किया |
2019 | जमनालाल बजाज अवॉर्ड | गांवों के लिए टेक्नोलॉजी, 10 लाख रुपये का इनाम |
2022-23 | फुलब्राइट अवॉर्ड | टीचर्स के लिए डिजिटल ट्रेनिंग ऐप पर रिसर्च |
2025 | ग्लोबल टीचर प्राइज 2025 | टॉप 10 फाइनलिस्ट, फरवरी 2025 में रिजल्ट आएगा |
ग्लोबल टीचर प्राइज 2025: नया कमाल
इस बार इमरान भाई ने 89 मुल्कों से आए 5,000 से ज्यादा टीचर्स को पीछे छोड़कर ग्लोबल टीचर प्राइज 2025 में जगह बनाई। ये अवॉर्ड 11-13 फरवरी, 2025 को दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट में अनाउंस होगा। इमरान भाई कहते हैं, “दुनिया के बड़े-बड़े टीचर्स के साथ खड़ा होना मेरे लिए फख्र की बात है। टीचर बच्चों का भविष्य बनाते हैं।” उनकी कुछ खास ऐप्स की लिस्ट देखो:
ऐप का नाम | क्या काम | क्या कमाल |
---|---|---|
प्रोजेक्ट दिशारी | नौकरी और एग्जाम की तैयारी | 2017 में लॉन्च, लाखों स्टूडेंट्स को फायदा |
देववाणी | संस्कृत पढ़ाई | पुरानी पढ़ाई को आसान बनाया |
प्रशस्त | बच्चों की डिसएबिलिटी चेक | लाखों बच्चों को स्कूल में मदद |
डिजिटल इंडिया का सच्चा सिपाही, सबके लिए इंस्पिरेशन
इमरान भाई ने अपनी सारी ऐप्स मंत्रालय को दान कर दीं और कहा, “ये मेरा डिजिटल इंडिया के लिए तोहफा है।” उनकी ऐप्स ने गांवों में पढ़ाई को आसान बनाया, लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा दिया और मेवात जैसे इलाकों में नई रोशनी लाई। उनकी डिजिटल मेवात ऐप ने तो पूरे इलाके में बदलाव ला दिया।
इमरान भाई की कहानी हर उस शख्स के लिए मिसाल है जो बड़े सपने देखता है। एक छोटे से गांव से निकलकर दुनिया के मंच तक पहुंचना कोई छोटी बात नहीं। अगर वो ग्लोबल टीचर प्राइज जीतते हैं, तो ये अलवर और पूरे हिंदुस्तान के लिए इज्जत की बात होगी।
तो देर किस बात की? उनकी ऐप्स डाउनलोड करो और इस डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनो। गाड़ाटाइम्स की तरफ से इमरान भाई को ढेर सारा प्यार और शुभकामनाएं!
देखिये इमरान खान मेवाती की lifestory एक वीडियो के माध्यम से
नोट: ये कहानी गाड़ा टाइम्स के दोस्तों के लिए खास है। अपनी राय कमेंट में जरूर बताओ।
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