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इज़रायल ईरान युद्ध,मध्य पूर्व संकट |
नई दिल्ली: मध्य पूर्व में इज़रायल और ईरान के बीच चल रहा सैन्य संघर्ष चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है। दोनों देशों के बीच मिसाइल हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। तेल अवीव और यरुशलम में सायरन की आवाज़ें गूंज रही हैं, वहीं तेहरान और हाइफा में धमाकों ने लोगों में दहशत फैला दी है। आइए, जानते हैं इस युद्ध की ताज़ा स्थिति, कौन आगे है और किसे कितना नुकसान हुआ है।
युद्ध की शुरुआत और तेज़ी, कौन जीत रहा है?
शुक्रवार को इज़रायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने तेल अवीव और हाइफा जैसे इज़रायली शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। रविवार को इज़रायल ने फिर से तेहरान में ईरान के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय को निशाना बनाया, जिसे इज़रायल ने ईरान के परमाणु हथियार प्रोजेक्ट से जोड़ा। दूसरी ओर, ईरान ने दावा किया कि उसने इज़रायल के तीन एफ-35 स्टेल्थ फाइटर जेट मार गिराए।
फिलहाल, इज़रायल की सैन्य ताकत और उसकी उन्नत हवाई रक्षा प्रणाली, जैसे बैरक मागेन, ने ईरान की कई मिसाइलों को नाकाम किया है। इज़रायल ने ईरान के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काज़मी और कई शीर्ष सैन्य अधिकारियों को मार गिराने का दावा किया है। इससे ईरान की सैन्य कमान को बड़ा झटका लगा है।
हालांकि, ईरान भी पीछे नहीं है। उसने हाइ जास्म गाइडेड बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जो इज़रायल की रक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकती हैं। ईरान के हमलों ने इज़रायल के तेल अवीव और हाइफा में कई इमारतों को बड़ा नुकसान व सैन्य बेस को को तबाह करने मे कामयाब रहा और बिजली ग्रिड को प्रभावित किया।
किसे कितना नुकसान? दुनिया की प्रतिक्रिया
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किसे कितना नुकसान? दुनिया |
ईरान: ईरान में नुकसान कहीं ज़्यादा है। क्योकि इजराइल ने ईरान मे आतंकवादी हमले किये जिसकी वजह से 224 लोग मारे गए हैं, जिनमें 70 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। 1,277 लोग घायल हुए हैं। इज़रायल के हमलों ने ईरान के तेल डिपो, गैस प्लांट और परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया, जिससे ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हुई।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दोनों देशों से शांति समझौता करने की अपील की, लेकिन ईरान ने साफ कहा कि जब तक हमले जारी हैं, वह बातचीत नहीं करेगा। जी7 देशों की बैठक में इस संकट पर चर्चा हो रही है, और भारत ने अपने नागरिकों को इज़रायल में सतर्क रहने की सलाह दी है।
दिल्ली में लोग इस युद्ध को लेकर चिंतित हैं। कॉनॉट प्लेस में चाय की दुकान पर बैठे रमेश कुमार ने कहा, "ये युद्ध अगर बढ़ा तो तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं। हमारी जेब पर असर पड़ेगा।" वहीं, जामिया की छात्रा नूरजहां ने कहा, "मध्य पूर्व में शांति होनी चाहिए, नहीं तो पूरी दुनिया प्रभावित होगी।"
फिलहाल इज़रायल सैन्य रूप से थोड़ा आगे दिख रहा है, लेकिन ईरान के जवाबी हमले भी कमज़ोर नहीं हैं। दोनों देशों को भारी नुकसान हो रहा है, और अगर युद्ध नहीं रुका तो मध्य पूर्व में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। गाड़ा टाइम्स की पूरी कोशिश रहेगी कि आपको इस युद्ध की हर अपडेट आसान और सटीक भाषा में मिले।
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