सऊदी अरब में भयानक रेत का तूफान, रास शहर हुआ धुआँ धूल, जाने सऊदी कौन से शहर से गुजरेगा रेतीला तूफ़ान, रेत के कहर का वीडियो वायरल
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रियाद: सऊदी अरब के कई इलाकों में बीते कुछ दिनों से मौसम ने करवट ली है और रेत के तूफानों ने लोगों की जिंदगी को मुश्किल में डाल दिया है। मंगलवार, 6 मई 2025 को, एक वीडियो सामने आया जिसमें दिखाया गया कि कैसे विशाल रेत का तूफान कासिम प्रांत के रास शहर को अपनी चपेट में ले रहा है। पहले यह दावा किया गया था कि यह तूफान रियाद में आया है, लेकिन बाद में स्थानीय लोगों ने स्पष्ट किया कि यह रास शहर का दृश्य है।
यह रेत का तूफान इतना घना था कि कुछ ही मिनटों में पूरे शहर में दृश्यता लगभग शून्य हो गई। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि आसमान में रेत की एक विशाल दीवार शहर की ओर बढ़ रही है और देखते ही देखते हर तरफ धूल ही धूल नजर आने लगी। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस दौरान सड़कों पर गाड़ियां रुक गईं और लोग अपने घरों में ही रहने को मजबूर हो गए।
पिछले कुछ दिनों से सऊदी अरब के मध्य और उत्तरी इलाकों में ऐसे तूफानों का कहर देखने को मिल रहा है। द वॉचर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 4 और 5 मई को रियाद और अल कासिम प्रांत के कुछ हिस्सों में दृश्यता इतनी कम हो गई थी कि लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। अल दुवादिमी शहर में भी इसी तरह के हालात देखे गए, जहां रेत के तूफानों ने लोगों को परेशान किया।
रेत के तूफान सऊदी अरब में एक आम प्राकृतिक घटना हैं, लेकिन इनका असर कई बार गंभीर हो जाता है। रेलवे नेटवर्क पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, सऊदी अरब में रेलवे लाइनों को रेत के तूफानों से बचाने के लिए सुरक्षात्मक अवरोधक लगाए जा रहे हैं, ताकि रेल सेवाएं सुचारू रह सकें। सऊदी अरब रेलवे और परिवहन मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहे हैं।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब हज का मौसम नजदीक आ रहा है। हज के दौरान लाखों तीर्थयात्री सऊदी अरब आते हैं और ऐसे में प्राकृतिक आपदाओं से निपटना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। सऊदी सरकार ने पहले भी हज के दौरान सुरक्षा के कई इंतजाम किए हैं, लेकिन रेत के तूफान जैसे प्राकृतिक घटनाएं अभी भी एक बड़ा खतरा बनी हुई हैं।
स्थानीय निवासी मोहम्मद फहद अहमद ने इस तूफान के दौरान सोशल मीडिया पर लिखा, "अल्लाह हू अकबर, अल्लाह सभी हज तीर्थयात्रियों की रक्षा करें।" लोगों ने इस दौरान एक-दूसरे से सुरक्षित रहने की अपील की और प्रशासन से ऐसे हालात में बेहतर प्रबंधन की मांग की।
रेत के तूफान ने एक बार फिर यह याद दिला दिया कि प्रकृति के सामने इंसान कितना बेबस है। आने वाले दिनों में मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वह ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए और बेहतर कदम उठाएगा।
सऊदी हुकूमत का रुख और प्रभावित शहर
सऊदी हुकूमत रेत के तूफानों को एक गंभीर प्राकृतिक चुनौती मानती है और इसके प्रभावों को कम करने के लिए कई कदम उठा रही है। सऊदी अरब के मौसम विभाग (National Center for Meteorology) ने हाल ही में चेतावनी जारी की थी कि मई 2025 में मध्य और उत्तरी इलाकों में रेत के तूफानों की तीव्रता बढ़ सकती है। हुकूमत ने लोगों से घरों में रहने, मास्क पहनने और बाहर निकलते समय सावधानी बरतने की अपील की है। इसके अलावा, रेत के तूफानों से प्रभावित होने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, जैसे रेलवे और सड़कों, को सुरक्षित करने के लिए विशेष तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सऊदी परिवहन मंत्रालय ने रेत के तूफानों से निपटने के लिए रेलवे ट्रैक के आसपास सुरक्षात्मक दीवारें और रेत को रोकने वाले अवरोधक लगाने की योजना बनाई है, जैसा कि एक हालिया शोध में सुझाया गया था।
सऊदी अरब के जिन प्रमुख शहरों पर रेत के तूफानों का सबसे ज्यादा असर पड़ता है, उनमें रियाद, अल कासिम प्रांत (जिसमें रास और अल दुवादिमी जैसे शहर शामिल हैं), दम्मम, और उत्तरी क्षेत्र के शहर जैसे हाइल और तबूक शामिल हैं। इसके अलावा, पश्चिमी क्षेत्र में मक्का और मदीना जैसे शहर, जहां हज और उमराह के लिए तीर्थयात्री आते हैं, भी रेत के तूफानों से प्रभावित हो सकते हैं। सऊदी हुकूमत ने इन शहरों में आपातकालीन योजनाएं तैयार की हैं, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट पर रखना और सड़क मार्गों को जल्द से जल्द साफ करना शामिल है, ताकि हज जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो।
हुकूमत का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण रेत के तूफानों की आवृत्ति और तीव्रता में इजाफा हुआ है, और इसके लिए दीर्घकालिक समाधानों की जरूरत है। सऊदी विजन 2030 के तहत, पर्यावरण संरक्षण और हरित परियोजनाओं को बढ़ावा देने की योजना भी बनाई गई है, ताकि रेगिस्तानी इलाकों में रेत के तूफानों को नियंत्रित किया जा सके।
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