अमेरिका द्वारा ceasefire थोपने को लेकर असदुद्दीन ओवैसी के प्रधानमंत्री मोदी से तीखे सवाल, पाकिस्तान की हरकतों पर ओवैसी का सख्त रुख
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दिल्ली, 10 मई 2025: आजकल देश में पाकिस्तान की नापाक हरकतों की चर्चा हर गली-नाले में हो रही है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और PoJK में आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। लेकिन अब AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस मसले पर सख्त रुख अपनाते हुए सरकार से कुछ तीखे सवाल पूछे हैं।
ओवैसी ने अपने X पोस्ट में साफ कहा कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन से भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देता रहेगा, तब तक स्थायी शांति की बात सोचना बेकार है। उन्होंने पहलगाम हमले के जिम्मेदार आतंकियों को सजा देने की मांग की और कहा कि चाहे सीजफायर हो या ना हो, हमें आतंकियों का पीछा करना चाहिए। ओवैसी ने भारतीय सेना की तारीफ करते हुए शहीद जवान एम मुरली नायक और ADDC राज कुमार थापा को श्रद्धांजलि दी और हमले में घायल हुए लोगों के लिए दुआ की।
लेकिन ओवैसी यहीं नहीं रुके। उन्होंने सरकार से कुछ सवाल भी पूछे, जो मेरठ के लोगों के मन में भी चल रहे हैं। पहला सवाल तो ये कि सीजफायर की घोषणा हमारे पीएम नरेंद्र मोदी को करनी चाहिए थी, ना कि किसी विदेशी राष्ट्रपति को। ओवैसी ने कहा कि 1972 के शिमला समझौते के बाद से भारत हमेशा तीसरे पक्ष की दखलंदाजी के खिलाफ रहा है, फिर अब ऐसा क्यों हुआ? क्या कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाया जा रहा है, जो कि हमारा आंतरिक मामला है?
दूसरा, ओवैसी ने पूछा कि न्यूट्रल टेरिटरी पर बातचीत क्यों हो रही है? इन बातों का एजेंडा क्या होगा? क्या अमेरिका इस बात की गारंटी देता है कि पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद को रोक देगा? तीसरा, क्या हमारा मकसद सिर्फ ट्रंप की मध्यस्थता वाला सीजफायर हासिल करना था, या पाकिस्तान को ऐसा सबक देना था कि वो भविष्य में आतंकी हमले की सोच भी ना सके? ओवैसी ने ये भी कहा कि हमें पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में वापस डालने के लिए अंतरराष्ट्रीय कैंपेन चलानी चाहिए, ताकि उसकी आतंकी फंडिंग पर लगाम लगे।
देश की सड़कों पर भी लोग ओवैसी की बातों को सही मान रहे हैं। स्थानीय निवासी रमेश त्यागी ने कहा, "भाई, ओवैसी सही बोल रहे हैं। पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी है, वरना ये लोग रुकने वाले नहीं। लेकिन सरकार को भी साफ करना चाहिए कि आखिर ये सीजफायर क्यों और कैसे हुआ।" वहीं, एक दुकानदार मोहम्मद अकरम ने कहा, "हमें एकजुट रहना होगा। ओवैसी ने सही कहा कि भारत तभी मजबूत है, जब हम सब मिलकर लड़ें।"
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने 25 मिनट के मिसाइल और ड्रोन हमले में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया था। लेकिन 10 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ने अमेरिकी मध्यस्थता के बाद "पूर्ण और तत्काल सीजफायर" पर सहमति जता दी है। इस खबर ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब देश की जनता भी जानना चाहती है।
अब देखना ये है कि सरकार ओवैसी के सवालों का क्या जवाब देती है और आगे की रणनीति क्या होगी। गाड़ा टाइम्स आपके लिए ऐसे ही हर अपडेट लाता रहेगा।
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