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उत्तर प्रदेश, पुलिस एनकाउंटर, गौ तस्करी |
दिनांक: 18 मई 2025, सुबह 10:51 बजे : नमस्ते दोस्तों, आपका स्वागत है गाड़ा टाइम्स में! आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुई एक चौंकाने वाली घटना की, जिसने एक बार फिर से पुलिस एनकाउंटर और इंसाफ के सवाल को खड़ा कर दिया है।
जौनपुर में बीती रात, यानी 18 मई 2025 की आधी रात को, पुलिस ने गौवंश से भरी एक पिकअप गाड़ी को रोकने की कोशिश की। लेकिन इस चेकिंग के दौरान गौ तस्करों ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस हमले में सिपाही दुर्गेश सिंह की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं चौकी प्रभारी एसआई प्रतिमा सिंह गंभीर रूप से घायल हो गईं। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में गौ तस्करी के आरोपी सलमान को मौके पर ही मार गिराया, जबकि उसके दो साथी नरेंद्र यादव और गोलू यादव को टांग में गोली लगी।
पुलिस को सूचना मिली थी कि जौनपुर में कुछ लोग गौ तस्करी कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने चेकिंग शुरू की। जब उन्होंने एक पिकअप गाड़ी को रोका, तो गौ तस्करों ने गाड़ी से पुलिस पर हमला कर दिया। सिपाही दुर्गेश सिंह को कुचल दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने बदमाशों का पीछा किया और आमने-सामने की फायरिंग में सलमान की मौत हो गई।
एनकाउंटर या कुछ और? मुस्लिम समुदाय में गुस्सा
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों में पुलिस एनकाउंटर की घटनाएं बढ़ी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी पुलिस ने पिछले तीन सालों में 125 लोगों को एनकाउंटर में मारा है, जिसमें 37% लोग मुस्लिम समुदाय से थे। जौनपुर की इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि क्या हर बार एनकाउंटर ही इंसाफ का रास्ता है? सलमान को सीधे गोली मार दी गई, लेकिन क्या उसे जिंदा पकड़कर कानून के हवाले नहीं किया जा सकता था?
जौनपुर की इस घटना के बाद मुस्लिम समुदाय में गुस्सा देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस अक्सर मुस्लिम युवकों को निशाना बनाती है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "अगर सलमान गलत था, तो उसे सजा मिलनी चाहिए थी, लेकिन सीधे गोली मार देना कहां का इंसाफ है? क्या उसकी टांग में गोली नहीं मारी जा सकती थी?"
गौ तस्करी और सख्त कानून, आप क्या सोचते हैं?
उत्तर प्रदेश में गौ तस्करी को लेकर सख्त कानून हैं। साल 2017 में योगी सरकार ने गौ तस्करी और गौ हत्या के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) और गैंगस्टर एक्ट लागू किया था। लेकिन सवाल ये है कि क्या इन कानूनों का इस्तेमाल सही तरीके से हो रहा है, या फिर इसका गलत फायदा उठाया जा रहा है?
दोस्तों, ये घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है। एक तरफ पुलिस की ड्यूटी है कि वो अपराध को रोके, लेकिन दूसरी तरफ क्या हर बार एनकाउंटर ही रास्ता है? खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए ये सवाल और बड़ा हो जाता है कि आखिर उत्तर प्रदेश में एक मुस्लिम लड़के को एनकाउंटर में क्यों मार दिया गया? क्यों नहीं उसकी टांग में गोली मारकर उसे जिंदा पकड़ा गया? हमें अपने विचार कमेंट में जरूर बताएं।
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