ISI कमान्डर इकबाल काना के लिए भारत की जासूसी करने वाले कैराना का नौमान इलाही व हरयाणा से जोय्ति मल्होत्रा गिरफ्तार
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ISI जासूसी नेटवर्क,नोमान इलाही |
हाल ही में भारत में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले दो प्रमुख संदिग्धों, नोमान इलाही और ज्योति मल्होत्रा, की गिरफ्तारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह ब्लॉग इन जासूसों की गतिविधियों, उनके नेटवर्क, और जांच में सामने आए महत्वपूर्ण तथ्यों पर केंद्रित है।
नोमान इलाही: कैराना का जासूस
- पृष्ठभूमि: नोमान इलाही, उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना का निवासी, पानीपत में एक कंबल फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करता था। वह अपनी बहन जीनत के साथ रहता था।
- जासूसी गतिविधियां: नोमान ने ISI के हैंडलर इकबाल काना के निर्देश पर भारतीय सेना की गतिविधियों, खासकर श्रीनगर में, और दिल्ली-जम्मू जाने वाली सैन्य ट्रेनों की वीडियो बनाकर पाकिस्तान भेजी। उसे प्रत्येक वीडियो के लिए 4,000-5,000 रुपये मिलते थे।
- सबूत: जांच में उसके पास से आठ पासपोर्ट, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, और 150 युवकों के नंबर मिले। उसने चार बार पाकिस्तान की यात्रा की थी, जहां उसे ISI से प्रशिक्षण मिला।
- गिरफ्तारी: हरियाणा पुलिस की CIA ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसे पानीपत से गिरफ्तार किया। उसके मोबाइल से रेलवे स्टेशनों और अन्य संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें और वीडियो बरामद हुए।
- नेटवर्क: नोमान 50 पाकिस्तानी संपर्कों के साथ व्हाट्सएप पर बात करता था। ISI का नया हैंडलर विक्की उर्फ शाह भी जांच के दायरे में है।
- परिवार की प्रतिक्रिया: उसकी बहन जीनत और जीजा इरफान ने सदमे में होने की बात कही। जीनत ने कहा, “अगर उसने ऐसा किया, तो उसे सजा मिलनी चाहिए।”
ज्योति मल्होत्रा: ब्लॉगर से जासूस
- पृष्ठभूमि: हरियाणा के हिसार की ज्योति मल्होत्रा एक ट्रैवल ब्लॉगर और यूट्यूबर थीं।
- जासूसी गतिविधियां: ज्योति ने 2023 में पाकिस्तान यात्रा के दौरान वहां के उच्चायोग के कर्मचारी दानिश (एहसान-उर-रहीम) से संपर्क बनाया। उसने भारत की संवेदनशील जानकारियां साझा कीं और सोशल मीडिया पर भारत-विरोधी नैरेटिव को बढ़ावा दिया।
- सबूत: जांच में उसके डिजिटल उपकरणों से ISI के साथ संवाद के प्रमाण मिले। वह दानिश के साथ बाली, इंडोनेशिया भी गई थी।
- गिरफ्तारी: 17 मई 2025 को हरियाणा पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। दानिश को 13 मई 2025 को भारत सरकार ने अवांछित व्यक्ति घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दिया।
- आरोप: ज्योति सहित छह लोग हिसार, कैथल, नूह (हरियाणा), और मलेरकोटला (पंजाब) से ISI के लिए एजेंट या वित्तीय माध्यम के रूप में काम कर रहे थे।
अन्य जासूस और नेटवर्क
- अन्य गिरफ्तारियां: गुज़ाला, यामीन मोहम्मद (मलेरकोटला), देविंदर सिंह ढिल्लों (कैथल), और अरमान (नूह) भी ISI नेटवर्क का हिस्सा थे।
- हवाला और मनी ट्रांसफर: नोमान और अन्य ने हवाला के जरिए पाकिस्तान से पैसे प्राप्त किए। कैराना में एक जन सेवा केंद्र संचालक से भी मनी ट्रांसफर के मामले में पूछताछ हुई।
- ISI का तंत्र: इकबाल काना, 1995 में पाकिस्तान भागा कैराना निवासी, इस नेटवर्क का प्रमुख हैंडलर है। वह भारत में मध्य प्रदेश के नंबरों का उपयोग कर संवाद करता था।
जांच और सुरक्षा उपाय
- ऑपरेशन सिंदूर: CIA और अन्य खुफिया एजेंसियों ने इस अभियान के तहत ISI के नेटवर्क को ध्वस्त किया।
- हरियाणा DGP का बयान: DGP शत्रुजीत कपूर ने कहा कि पानीपत, कैथल, और अन्य स्थानों पर भी ऐसी गतिविधियां पकड़ी गई हैं। सभी मामलों की गहन जांच चल रही है।
- डिजिटल और फोरेंसिक जांच: नोमान और ज्योति के मोबाइल और डिजिटल उपकरणों की फोरेंसिक जांच जारी है। नोमान की डायरी, जिसमें वह टास्क नोट करता था, अभी नहीं मिली।
नोमान इलाही और ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने ISI के भारत में फैले जासूसी नेटवर्क को उजागर किया है। यह मामला डिजिटल युग में जासूसी के बढ़ते खतरे और सामान्य नागरिकों को निशाना बनाने की ISI की रणनीति को दर्शाता है। भारत की खुफिया एजेंसियों की सतर्कता ने एक बड़े खतरे को रोका, लेकिन यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित करती है।
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