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अगर आप सऊदी अरब मे रहते है तो घूमने के लिए ना भूले ये ऐतिहासिक जगह, 1622 में ओटोमन काल में हज यात्रियों के लिए एक अहम पड़ाव था

अल-मुअज़्ज़म किला,ताबुक,सऊदी

दोस्तों! अगर आप सऊदी अरब की सैर करने का प्लान बना रहे हैं, तो ताबुक का अल-मुअज़्ज़म किला और तालाब आपके ट्रैवल लिस्ट में ज़रूर होना चाहिए। ये जगह ना सिर्फ़ ऐतिहासिक है, बल्कि एक अलग ही सुकून और रोमांच का एहसास देती है। आइए, हम आपको इस शानदार जगह की सैर करवाते हैं, दिल्ली की ज़ुबान में, ताकि आपको लगे जैसे हम साथ में घूम रहे हैं!

एक झलक इतिहास की, किले की खूबसूरती


1622 में ओटोमन काल, ताबुक

1622 में ओटोमन काल में बना अल-मुअज़्ज़म किला हज यात्रियों के लिए एक अहम पड़ाव था। ये किला लेवांत (शाम) हज मार्ग पर मदीना और मक्का के बीच बना था, ताकि हाजी लोग यहाँ रुककर आराम कर सकें। साथ ही, ये एक फौजी चौकी भी था, जो रास्ते को सुरक्षित रखता था। पास में बना अल-मुअज़्ज़म तालाब बारिश और बाढ़ का पानी इकट्ठा करता था, जो उस ज़माने में हज यात्रियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं था। आज भी ये तालाब पूरी तरह से सलामत है, और पास में दो कुएँ भी हैं, जो पानी का ज़रिया थे।
दोस्तों, इस किले की बनावट देखकर आप दंग रह जाएँगे! ये किला लाल-पीले नक्काशीदार पत्थरों से बना है, जो इसे एक रॉयल लुक देता है। इसका डिज़ाइन आयताकार है, जिसमें बीच में एक बड़ा आँगन है। चारों तरफ़ कमरे, सीढ़ियाँ और ऊपरी गलियारे हैं। किले की मज़बूत दीवारें और रक्षा के लिए बने छेद इसे और भी खास बनाते हैं। प्रवेश द्वार पर दो शेरों की मूर्तियाँ खड़ी हैं, जो ताकत और शान का प्रतीक हैं। अंदर की दीवारों पर नक्काशी और विशाल हॉल देखकर आपको उस दौर की कारीगरी का अंदाज़ा हो जाएगा।
अल-मुअज़्ज़म तालाब भी कम शानदार नहीं। ये चूने और प्लास्टर से बना है और बारिश का पानी इकट्ठा करने में आज भी काम करता है। इसका नज़ारा इतना सुंदर है कि आप यहाँ बैठकर घंटों इतिहास की कहानियों में खो सकते हैं।

ताबुक कैसे पहुँचें? कब जाएँ और क्या करें?


अरब,हज यात्रा,ऐतिहासिक स्थल

ताबुक, सऊदी अरब का एक खूबसूरत शहर है, जो नखलिस्तान और रेगिस्तानी पहाड़ों के बीच बसा है। अल-मुअज़्ज़म किला ताबुक से करीब 50 किमी. दूर, रूट 5 हाईवे पर है। यहाँ पहुँचने के तरीके ये हैं:
  • कार से: ताबुक से रूट 5 पर 50 किमी. ड्राइव करें, फिर बाएँ मुड़ें और साइनबोर्ड के ज़रिए 10 किमी. और चलें। पेट्रोल चेक करना ना भूलें!
  • बस से: ताबुक बस स्टेशन से बस लें, 1-2 घंटे का सफ़र है। बस स्टॉप से 5 किमी. पैदल चलना पड़ सकता है, तो जूते और पानी साथ रखें।
  • टैक्सी से: ताबुक से टैक्सी बुक करें, 45 मिनट में पहुँच जाएँगे। ड्राइवर से लोकेशन कन्फर्म कर लें।
  • टूर ग्रुप: लोकल टूर ग्रुप जॉइन करें, जिसमें गाइड और ट्रांसपोर्ट शामिल होता है। कुछ टूर में पास की दूसरी जगहें भी कवर होती हैं।
अक्टूबर से अप्रैल तक का मौसम सबसे बढ़िया है, क्योंकि गर्मी कम होती है। सुबह जल्दी या शाम को जाएँ, ताकि फोटो खींचने का मज़ा दोगुना हो। यहाँ आप क्या-क्या कर सकते हैं:
  • किले के हॉल और गलियारों में टहलें।
  • टावर और छत पर चढ़कर आसपास का नज़ारा देखें।
  • तालाब के पास बैठकर शांति का मज़ा लें।
  • गाइडेड टूर लें, ताकि किले की कहानियाँ और इतिहास अच्छे से समझ आएँ।
टिप्स: आरामदायक जूते, पानी, सनस्क्रीन और टोपी ज़रूर ले जाएँ। खाने-पीने का सामान साथ रखें, क्योंकि आसपास ज़्यादा दुकानें नहीं हैं।

पास में और क्या देखें? क्यों है खास


पास में और क्या देखें

ताबुक में ताबुक किला भी देखने लायक है, जो कुरान में उल्लेखित “असहाब अल-ऐका” से जुड़ा है और 3500 ईसा पूर्व का है। इसके अलावा, जबल अल-लौज़ के रॉक फॉर्मेशन और अल-उला का प्राचीन शहर भी ज़रूर घूमें। ताबुक का नखलिस्तान और स्थानीय बाज़ार भी आपका दिल जीत लेंगे।
अल-मुअज़्ज़म किला और तालाब सिर्फ़ इमारतें नहीं, बल्कि हज यात्रा के इतिहास और ओटोमन कारीगरी की जीती-जागती कहानी हैं। यहाँ का शांत माहौल और खूबसूरत नज़ारे आपको सुकून देंगे। अगर आप इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक खूबसूरती का मज़ा लेना चाहते हैं, तो ये जगह आपके लिए परफेक्ट है।

तो दोस्तों, बैग पैक करें और ताबुक की इस ऐतिहासिक सैर पर निकल पड़ें। अपनी ट्रिप की तस्वीरें और अनुभव हमारे साथ ज़रूर शेयर करें! गाड़ा टाइम्स पर ऐसी ही मज़ेदार ट्रैवल गाइड के लिए बने रहें।
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