पूंछ में पाकिस्तानी गोलीबारी में मरे कारी इकबाल को 'आतंकी' बताकर गोदी मीडिया ने की हद पार, परिवार ने की सख्त कार्रवाई की मांग
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गोदी मीडिया, पूंछ गोलीबारी, कारी इकबाल |
दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूंछ में 7 मई 2025 को हुई पाकिस्तानी गोलीबारी ने कई जिंदगियां छीन लीं, जिसमें एक आम नागरिक और मौलाना कारी इकबाल मोहम्मद भी शामिल थे। लेकिन इस दुखद घटना के बाद जो हुआ, वो और भी शर्मनाक है। देश के कुछ बड़े न्यूज़ चैनलों ने कारी इकबाल को 'आतंकी' बताकर उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश की, जिसके बाद उनके परिवार ने इन चैनलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
कारी इकबाल मोहम्मद पूंछ के एक मशहूर शिक्षक थे और जामिया जिया-उल-उलूम में बच्चों को पढ़ाते थे। वो एक आम भारतीय नागरिक थे, जो अपनी जिंदगी में कभी किसी गलत काम से नहीं जुड़े। लेकिन 7 मई को लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में उनकी जान चली गई। इस हमले में लांस नायक दिनेश कुमार समेत 12 आम नागरिकों की मौत हुई और 42 लोग घायल हो गए, जैसा कि हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया।
लेकिन इस हादसे के बाद न्यूज़ 18 इंडिया, ज़ी न्यूज़ और एबीपी न्यूज़ जैसे चैनलों ने कारी इकबाल को लश्कर-ए-ताइबा का आतंकी बताकर सनसनी फैलाने की कोशिश की। इन चैनलों ने दावा किया कि कारी इकबाल 2019 के पुलवामा हमले में शामिल थे और उन्हें भारतीय सेना ने पीओके में मार गिराया। ये सरासर झूठ था। पूंछ पुलिस ने भी साफ कर दिया कि कारी इकबाल का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं था और वो पाकिस्तानी गोलीबारी में मारे गए थे।
परिवार के सदस्य द्वारा वीडियो बनाकर की सरकार से अपील देखे वीडियो
कारी इकबाल के परिवार ने इस झूठी खबर को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। उनके परिवार की एक तस्वीर, जिसमें वो अपने बच्चों और रिश्तेदारों के साथ खड़े हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। परिवार ने 'गोदी मीडिया' के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 'गोदी मीडिया' का मतलब उन मीडिया हाउसेज से है, जो सत्ताधारी बीजेपी सरकार का खुलकर समर्थन करते हैं और अक्सर झूठी खबरें फैलाकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करते हैं, जैसा कि विकिपीडिया में भी बताया गया है।
कारी इकबाल के परिवार का कहना है, "हमारा बेटा एक शिक्षक था, उसने कभी किसी का बुरा नहीं किया। उसे आतंकी बताकर इन चैनलों ने हमारी इज्जत को मिट्टी में मिला दिया। हम चाहते हैं कि इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो।" सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। मोहम्मद ज़ुबैर (
@zoo_bear
) ने ट्विटर पर लिखा, "यह भारतीय न्यूज़ चैनलों के लिए शर्म की बात है। कारी इकबाल को आतंकी बताना सरासर गलत है।"इस घटना ने एक बार फिर से गोदी मीडिया की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि टीआरपी के चक्कर में ये चैनल किसी की भी जिंदगी को बदनाम करने से नहीं चूकते। अब देखना ये है कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। क्या कारी इकबाल के परिवार को इंसाफ मिलेगा, या फिर ये मामला भी दबा दिया जाएगा..
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