वक्फ बिल के खिलाफ ओवैसी के 'बत्ती गुल' आह्वान का मुजफ्फरनगर के गांव बझेड़ी, खुड्डा खामपुर दुधेडू व बगोवाली में दिखा असर, वायरल हुआ वीडियो
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ओवैसी,बत्ती गुल विरोध,मुजफ्फरनगर |
मुजफ्फरनगर, 30 अप्रैल 2025: केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के खिलाफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के 'बत्ती गुल' आह्वान का असर देश के कई हिस्सों में देखने को मिला। खास तौर पर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के गांवों में इस विरोध प्रदर्शन ने जोर पकड़ा। जिले के दुधेड़ी, बझेड़ी, खुड्डा और बांगोवाली जैसे गांवों में लोगों ने इस अनोखे विरोध में हिस्सा लिया, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
ओवैसी का आह्वान और 'बत्ती गुल' विरोध
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक को 'असंवैधानिक' और 'मुस्लिम विरोधी' करार देते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के साथ मिलकर 30 अप्रैल को रात 9:00 बजे से 9:15 बजे तक 'बत्ती गुल' विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे अपने घरों की बिजली बंद करके इस कानून के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करें। ओवैसी ने कहा, "यह कानून संविधान के मूल अधिकारों, खासकर अनुच्छेद 14, 15, 25 और 26 का उल्लंघन करता है। हमारा यह विरोध केंद्र सरकार को एक संदेश है कि हम इस कानून को स्वीकार नहीं करेंगे।"
इस आह्वान के बाद मुजफ्फरनगर के कई गांवों में लोग सड़कों पर उतरे और अपने घरों की लाइटें बंद कर विरोध जताया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह विरोध न केवल वक्फ बिल के खिलाफ है, बल्कि यह एकजुटता और सामुदायिक भावना को भी दर्शाता है।
मुजफ्फरनगर के गांवों में दिखा उत्साह
मुजफ्फरनगर के दुधेडू गांव के निवासी मोहम्मद शाहिद ने बताया, "हमने ओवैसी साहब की अपील पर अपने घरों की बिजली 15 मिनट के लिए बंद की। यह हमारे लिए एक मौका था कि हम सरकार को बता सकें कि हम इस कानून से खुश नहीं हैं।" बझेड़ी के एक अन्य निवासी राशिद अली ने कहा, "हमारी जमीनें, मस्जिदें और कब्रिस्तान हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस बिल से हमारी धार्मिक स्वतंत्रता पर खतरा है।"
खुड्डा और बांगोवाली गांवों में भी लोगों ने इस विरोध में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्थानीय मस्जिदों और सामुदायिक केंद्रों में इस प्रदर्शन को लेकर पहले से ही जागरूकता फैलाई गई थी। कई जगहों पर लोग मोमबत्तियां जलाकर और नारे लगाकर इस विरोध को और प्रभावी बनाने की कोशिश करते नजर आए।
वायरल वीडियो ने बढ़ाया उत्साह
इस विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मुजफ्फरनगर के इन गांवों में लोग अपने घरों की बिजली बंद करते और सड़कों पर एकजुट होकर नारे लगाते दिख रहे हैं। वीडियो में स्थानीय लोग "वक्फ बिल वापस लो" और "हमारी जमीन हमारा हक" जैसे नारे लगाते हुए देखे जा सकते हैं। इस वीडियो ने न केवल स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि पूरे देश में इस विरोध को और मजबूती दी।
सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "मुजफ्फरनगर के गांवों ने दिखा दिया कि एकजुटता की ताकत क्या होती है। यह विरोध सरकार के लिए एक बड़ा संदेश है।" हालांकि, कुछ लोगों ने इस विरोध को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसकी आलोचना भी की है।
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। केंद्र सरकार का दावा है कि यह कानून वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने और उसमें सुधार लाने के लिए लाया गया है। सरकार ने इस बिल को संसद के दोनों सदनों में पास करवाया और 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन गया।
वहीं, विपक्षी दल और मुस्लिम संगठन इस कानून को 'मुस्लिम विरोधी' और 'संविधान के खिलाफ' बता रहे हैं। ओवैसी ने संसद में इस बिल की कॉपी फाड़कर अपना विरोध दर्ज किया था और सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका भी दायर की है। AIMPLB ने इसे 'शाह बानो मामले' की तरह एक बड़े जन आंदोलन में बदलने की बात कही है।
स्थानीय प्रशासन की नजर
मुजफ्फरनगर में इस विरोध प्रदर्शन को लेकर स्थानीय प्रशासन भी सतर्क रहा। पुलिस ने गांवों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और हमने स्थिति पर पूरी नजर रखी। लोगों ने अपने घरों की बिजली बंद कर विरोध जताया, लेकिन कहीं से भी हिंसा की खबर नहीं आई।"
वक्फ बिल को लेकर चल रहा विवाद अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। AIMPLB और अन्य मुस्लिम संगठनों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जहां इसकी सुनवाई चल रही है। दूसरी ओर, ओवैसी और उनके समर्थक इस विरोध को और तेज करने की योजना बना रहे हैं। मुजफ्फरनगर के गांवों में देखा गया यह उत्साह इस बात का संकेत है कि यह मुद्दा स्थानीय स्तर पर भी लोगों के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
इस बीच, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और लोगों की एकजुटता ने इस विरोध को एक नई दिशा दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह आंदोलन किस रूप में सामने आता है और सरकार इसका जवाब कैसे देती है।
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