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योगी सरकार,गैंगरेप,वाराणसी |
क्या है पूरा मामला?
पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी 29 मार्च को अपने काम के सिलसिले में घर से निकली थी। वह पहले भी काम के लिए एक-दो दिन बाहर रह चुकी थी, लेकिन इस बार वह 7 दिनों तक घर नहीं लौटी। परिजन परेशान हो गए। 4 अप्रैल को जब वह घर पहुंची, तो उसकी हालत देखकर मां-बाप के होश उड़ गए। वह डरी हुई थी और बार-बार रो रही थी। मां ने जब उसे समझा-बुझाकर पूछा, तो उसने अपनी आपबीती सुनाई।
छात्रा ने बताया कि 29 मार्च को काम खत्म करने के बाद वह शाम को घर लौट रही थी। रास्ते में उसका दोस्त राज विश्वकर्मा मिला, जो उसे घुमाने के बहाने अपने साथ ले गया। राज उसे एक होटल में ले गया, जहां उसने उसके साथ रेप किया और उसका वीडियो बना लिया। अगले दिन, 30 मार्च को जब वह घर जाने की कोशिश कर रही थी, तभी राज के कुछ दोस्त—समीर, आयुष सिंह और अन्य—होटल में आ गए। उन्होंने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे रोक लिया और उसके साथ रेप किया।
नशीला पदार्थ देकर ले गए मलदहिया, आरोपियों ने पीड़िता का मोबाइल छीन लिया था, जिसके चलते वह किसी से संपर्क नहीं कर पाई। अगले दिन, इन लोगों ने अपने अन्य दोस्तों—सोहेल, अनमोल, दानिश, साजिद और जाहिर—को भी बुला लिया। इन्होंने पीड़िता को नशीला पदार्थ सुंघाकर उसे मलदहिया के कांटिनेंटल कैफे में ले गए। वहां बेहोशी की हालत में उसके साथ रेप किया गया। अगले दो दिनों तक साजिद के दोस्तों—इमरान, दानिश, सोहेल, शोएब, जैब और अन्य—ने मलदहिया के आसपास के होटलों में अलग-अलग जगहों पर उसके साथ दरिंदगी की।
चलती कार में रेप, सड़क पर फेंका, 3 अप्रैल की रात साजिद ने पीड़िता को एक कार में बिठा दिया, जिसमें पहले से 5-6 लड़के मौजूद थे। इन लड़कों ने चलती कार में उसके साथ रेप किया और फिर उसे सड़क पर फेंककर फरार हो गए। बदहवास हालत में पीड़िता किसी तरह घर पहुंची और अपनी मां को सारी बात बताई। मां ने बताया कि इस घटना के बाद से बेटी के पिता की तबीयत बिगड़ गई है।
पुलिस ने की कार्रवाई, 4 अप्रैल को पीड़िता के परिजन थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि बाकी आरोपियों की तलाश के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं, जो लगातार छापेमारी कर रही हैं। पुलिस कांटिनेंटल कैफे और आसपास के होटलों के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है और वहां के स्टाफ से पूछताछ कर रही है।
लोगों में गुस्सा, सवालों के घेरे में कानून-व्यवस्था, इस घटना ने वाराणसी ही नहीं, पूरे देश में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर उत्तर प्रदेश में बेटियां कब सुरक्षित होंगी? 2022 के NCRB डेटा के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए थे, जिसमें 62 हत्याएं गैंगरेप के बाद हुई थीं। इस घटना ने एक बार फिर योगी सरकार के कानून-व्यवस्था के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर लोग आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों का गुस्सा साफ देखा जा सकता है। एक यूजर ने लिखा, "ऐसे हैवानों को खड़ा करके गोली मार देनी चाहिए, तभी अपराधियों में डर होगा।" वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, "2025 में भी हम वहीं खड़े हैं, जहां नहीं होना चाहिए था। यह व्यवस्था बदलनी होगी।"
यह घटना न सिर्फ वाराणसी, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है। हमें अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। कानून को सख्त करना होगा और अपराधियों को ऐसी सजा देनी होगी, जो दूसरों के लिए मिसाल बने। गड़ा टाइम्स इस घटना की कड़ी निंदा करता है और पीड़िता के लिए न्याय की मांग करता है।
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