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नई दिल्ली: अगर आपके पास भी बैंक खाता है और मिनिमम बैलेंस को लेकर हमेशा टेंशन बनी रहती है, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में मिनिमम बैलेंस से जुड़े नियमों में कुछ अहम बदलाव किए हैं, जो आम लोगों को राहत दे सकते हैं। आइए, इस नए नियम को आसान भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि इसका आप पर क्या असर पड़ेगा।
क्या है नया नियम?
RBI ने साफ कर दिया है कि अब बैंकों को उन खातों पर मिनिमम बैलेंस न रखने की वजह से कोई पेनल्टी चार्ज नहीं लगाना चाहिए, जो निष्क्रिय (इनऑपरेटिव) हो गए हैं। यानी अगर आपका खाता 10 साल या उससे ज्यादा समय से इस्तेमाल नहीं हुआ है, तो उस पर मिनिमम बैलेंस की पेनल्टी नहीं लगेगी। यह नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू हो चुका है, और इसका मकसद उन लोगों को राहत देना है जिनके पुराने खाते लंबे समय से बंद पड़े हैं।
इसके अलावा, अगर आपका खाता निष्क्रिय है और आप उसे दोबारा चालू करना चाहते हैं, तो इसके लिए भी बैंक आपसे कोई चार्ज नहीं ले सकता। पहले कई बार ऐसा होता था कि मिनिमम बैलेंस न होने की वजह से खाते में पैसे कम हो जाते थे, और कभी-कभी तो बैलेंस माइनस में चला जाता था। लेकिन अब RBI ने इस पर रोक लगा दी है।
बैंकों को क्या करना होगा?
RBI ने बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने ग्राहकों को उनके खाते की स्थिति के बारे में जानकारी दें। अगर आपका खाता निष्क्रिय हो गया है, तो बैंक आपको SMS, ईमेल या पत्र के जरिए सूचित करेगा। इतना ही नहीं, अगर आप जवाब नहीं देते, तो बैंक आपके खाते को खोलने वाले व्यक्ति (जिसने आपका परिचय दिया था) या आपके नॉमिनी से भी संपर्क करेगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आपके पैसे सुरक्षित रहें और सही मालिक तक पहुंचें।
जन धन खातों का क्या होगा?
कई लोगों के मन में सवाल है कि जन धन योजना के तहत खुले खातों का क्या होगा? आपको बता दें कि जन धन खातों को पहले से ही मिनिमम बैलेंस की जरूरत से छूट दी गई है। लेकिन अगर आपका जन धन खाता भी निष्क्रिय हो गया है, तो नए नियम के तहत उस पर भी कोई पेनल्टी नहीं लगेगी।
लोगों की क्या है राय?
इस नए नियम को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे अच्छा कदम बता रहे हैं, लेकिन कई लोग अभी भी बैंकों की दूसरी फीस से परेशान हैं। एक यूजर ने लिखा, "पैसे मेरे, खाता मेरा, फिर भी बैंक हर चीज के लिए चार्ज लेता है—SMS फीस, ATM फीस, अकाउंट मेंटेनेंस फीस। मिनिमम बैलेंस का पैसा क्यों देना चाहिए?" वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में खाते में पैसे बचाना ही मुश्किल है, ऐसे में मिनिमम बैलेंस की शर्त हटाना चाहिए।
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
RBI के मुताबिक, देश में निष्क्रिय खातों और अनक्लेम्ड डिपॉजिट की राशि लगातार बढ़ रही है। मार्च 2023 तक यह राशि 42,272 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी, जो पिछले साल के मुकाबले 28% ज्यादा है। ऐसे में RBI का यह कदम उन लोगों की मदद करेगा जिनके पुराने खाते लंबे समय से बंद पड़े हैं, और उनके पैसे डिपॉजिटर एजुकेशन अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर होने से बच जाएंगे।
आपको क्या करना चाहिए?
अगर आपके पास भी ऐसा कोई खाता है जो लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हुआ है, तो बेहतर होगा कि आप अपने बैंक से संपर्क करें। अपने KYC डॉक्यूमेंट्स अपडेट करवाएं और खाते को दोबारा चालू करवाएं। इससे न सिर्फ आपका पैसा सुरक्षित रहेगा, बल्कि आपको किसी भी तरह की पेनल्टी से भी राहत मिलेगी।
RBI का यह नया नियम निश्चित तौर पर आम लोगों के लिए एक राहत की खबर है। लेकिन बैंकों की दूसरी फीस और चार्जेज को लेकर अभी भी लोगों में नाराजगी है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? हमें कमेंट में जरूर बताएं।
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