रकम सिंह के नमाज़ पढ़ने के विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर चंद्रशेखर आज़ाद ने आज़ाद समाज पार्टी से किया निष्काषित
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भीम आर्मी, आज़ाद समाज पार्टी |
सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के आलमपुर गांव में बारात को लेकर हुए विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। भीम आर्मी के नेता और जिला पंचायत सदस्य रकम सिंह के एक विवादित बयान ने न केवल मुस्लिम समाज में नाराजगी पैदा की, बल्कि आज़ाद समाज पार्टी को भी सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया। रकम सिंह ने कथित तौर पर कहा था कि यदि मुस्लिम समाज बारात का विरोध करेगा, तो वह नमाज़ और ईद के उत्सव का भी विरोध करेंगे। इस बयान से मुस्लिम समुदाय में भारी रोष देखा गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि भीम आर्मी के संस्थापक और वर्तमान में नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को मुस्लिम समाज ने 100% वोट देकर जिताया था। एक स्थानीय निवासी ने गुस्से में कहा, "क्या इसलिए हमने चंद्रशेखर को वोट दिया था कि उनके नेता बजरंग दल की नीतियों का हिस्सा बनें?" इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं बटोरीं, जिसके बाद आज़ाद समाज पार्टी ने त्वरित कार्रवाई की।
आज़ाद समाज पार्टी का सख्त फैसला
विवाद को गंभीरता से लेते हुए आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद ने रकम सिंह को पार्टी के सभी पदों से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया। पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस तरह के बयान न केवल पार्टी की विचारधारा के खिलाफ हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाते हैं। चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी बाबा साहब अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलती है, जो सभी समुदायों के बीच एकता और समानता को बढ़ावा देते हैं।
सहारनपुर के मुस्लिम समाज ने की सराहना
आज़ाद समाज पार्टी के इस कदम की सहारनपुर के मुस्लिम समुदाय ने खुलकर सराहना की है। स्थानीय मौलवी अब्दुल रहमान ने कहा, "चंद्रशेखर आज़ाद ने समय रहते सही कदम उठाया। यह फैसला दिखाता है कि उनकी पार्टी सांप्रदायिक सद्भाव को महत्व देती है।" वहीं, एक अन्य निवासी मोहम्मद आसिफ ने कहा, "हमने चंद्रशेखर को इसलिए चुना क्योंकि वह दलितों और अल्पसंख्यकों की आवाज़ उठाते हैं। रकम सिंह का बयान निराशाजनक था, लेकिन पार्टी के फैसले ने हमारा भरोसा और मजबूत किया।"
वायरल लेटर और खबर की सत्यता
सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर रकम सिंह के नाम से एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें आज़ाद समाज पार्टी द्वारा उन्हें पदमुक्त करने की बात कही गई है। हालांकि, Gadatimes इस लेटर और खबर की आधिकारिक पुष्टि नहीं करता। हमारी टीम इस मामले में और जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है, और जैसे ही कोई ठोस अपडेट मिलेगा, उसे पाठकों तक पहुंचाया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर सामाजिक सौहार्द और आपसी भाईचारे की अहमियत को रेखांकित किया है। सहारनपुर, जो अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है, में इस तरह के विवाद सामुदायिक एकता को कमजोर कर सकते हैं। स्थानीय प्रशासन ने भी लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
Gadatimes अपने पाठकों से अनुरोध करता है कि वे किसी भी खबर को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें। हम सामाजिक एकता और सच्ची पत्रकारिता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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