समाजसेवी व मुस्लिम समाज चिंतक एहताशाम गाड़ा कांग्रेस आलाकमान व इमरान मसूद पर भड़के, मुस्लिमों के साथ लगया छल कपट का आरोप
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सहारनपुर, 04 अप्रैल 2025: वक्फ संशोधन बिल को लेकर देश भर में चल रही चर्चाओं के बीच एक नया विवाद खड़ा हो गया है। सहारनपुर के सांसद और कांग्रेस नेता इमरान मसूद पर मुस्लिम समाज के एक समाजसेवी और चिंतक एहतेशाम गाड़ा ताजपुरा ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और इसके नेताओं राहुल गांधी व प्रियंका गांधी पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस बिल के खिलाफ विपक्ष की ओर से जो विरोध हुआ, उसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की चुप्पी संदेह पैदा करती है।
एहतेशाम गाड़ा ने अपने बयान में कहा, "राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की स्पष्ट रूप से इस बिल में कोई भूमिका नहीं दिखी। विपक्ष का नेता होने के नाते राहुल गांधी को आगे आना चाहिए था, लेकिन उनकी जगह इमरान मसूद जैसे नेता सामने आए। यह सब कांग्रेस की मिलीभगत का हिस्सा लगता है।" उन्होंने आगे कहा कि अगर इमरान मसूद वाकई मुस्लिम समाज के हितैषी हैं और इस बिल से उन्हें तकलीफ है, तो उन्हें कांग्रेस को छोड़ देना चाहिए।
गाड़ा ने कांग्रेस को "मुस्लिमों की कातिल" और "खूनी पंजा" करार देते हुए कहा कि यह पार्टी मुस्लिम समुदाय के साथ छल कर रही है। "हमारे लोगों को समझना होगा कि असली गद्दार कौन है। पीठ पीछे से वार करने वाला कौन है? कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह दिखावे में तो साथ देती है, लेकिन असल में समाज के खिलाफ काम करती है।"
इस बयान ने सहारनपुर की सियासत में हलचल मचा दी है। इमरान मसूद, जो लंबे समय से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समाज के बड़े नेता माने जाते हैं, अब अपने ही समुदाय के एक हिस्से के निशाने पर आ गए हैं। गाड़ा का यह बयान उस वक्त आया है, जब वक्फ संशोधन बिल को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बड़ा प्रदर्शन किया था, जिसमें इमरान मसूद भी शामिल हुए थे।
हालांकि, इस पूरे मामले पर अभी तक न तो इमरान मसूद की ओर से कोई जवाब आया है और न ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। लेकिन यह सवाल जरूर उठ रहा है कि क्या कांग्रेस के भीतर इस बिल को लेकर मतभेद हैं? या फिर यह विपक्ष की रणनीति का हिस्सा है, जिसे लेकर समाज में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।
मुस्लिम समाज के बीच इस बिल को लेकर पहले से ही नाराजगी है। कई संगठन इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला बता रहे हैं। ऐसे में गाड़ा का यह बयान कांग्रेस और इमरान मसूद के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का असर सहारनपुर की सियासत और कांग्रेस की छवि पर कितना पड़ता है।
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