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रछोती गाँव, युवा पहल, WhatsApp ग्रुप |
रछोती गाँव, जो अपनी सादगी और आपसी भाईचारे के लिए जाना जाता है, आज एक प्रेरणादायक कहानी का गवाह बना है। यहाँ के युवाओं ने सिर्फ एक WhatsApp ग्रुप की मदद से वह काम कर दिखाया, जिसके बारे में गाँव के बुजुर्ग लंबे समय से सोचते तो थे, लेकिन कभी हिम्मत न जुटा पाए। गाँव के कब्रिस्तान और ईदगाह की बदहाल स्थिति को देखते हुए युवाओं ने एकजुट होकर न सिर्फ इन जगहों की साफ-सफाई की, बल्कि इन्हें सुंदर और व्यवस्थित बनाने का बीड़ा भी उठाया। इस काम ने न केवल गाँव की समस्याओं का समाधान किया, बल्कि युवाओं ने अपने जज्बे से बुजुर्गों का दिल भी जीत लिया।
कब्रिस्तान की साफ-सफाई और नया रूप
कब्रिस्तान में लंबे समय से बड़ी-बड़ी झाड़ियाँ उग आई थीं, जिसके कारण वहाँ आना-जाना मुश्किल हो गया था। गंदगी और अव्यवस्था के कारण कब्रिस्तान की गरिमा को ठेस पहुँच रही थी। तभी गाँव के कुछ जागरूक युवाओं—मोहम्मद शाकिर, सुलेमान (पुत्र आस मोहम्मद), कमर अहमद (पुत्र शराफत), हाफ़िज़ हबीबुर रहमान मुस्तफा, अब्दुल वाहिद और मुल्ला जी अतरदीन—ने इस समस्या को हल करने का बीड़ा उठाया। इन्होंने एक WhatsApp ग्रुप बनाया और गाँव के अन्य युवाओं को इस नेक काम से जोड़ा।
युवाओं ने मिलकर कब्रिस्तान की झाड़ियों को साफ किया, कचरे को हटाया और पूरे क्षेत्र की बाउंड्री बनवाई। इतना ही नहीं, कब्रिस्तान के प्रवेश द्वार पर लोहे का मजबूत गेट भी लगवाया गया। इस काम के लिए गाँव के कुछ लोगों ने चंदा दिया, जबकि खाड़ी देशों में नौकरी करने वाले गाँववासियों—अफज़ाल असजद, जमाल शब्बीर, सलमान सुलेमान और कासिम राजउद्दीन—ने ऑनलाइन माध्यम से आर्थिक मदद भेजी। बिना किसी विवाद के यह काम पूरा हुआ, जिसने गाँव के हर व्यक्ति को गर्व का अहसास कराया।
ईदगाह के लिए नया संकल्प
कब्रिस्तान के काम को बखूबी अंजाम देने के बाद युवाओं का हौसला और बढ़ गया। सुलेमान (पुत्र आस मोहम्मद) की अगुवाई में अब गाँव की ईदगाह को सुंदर और व्यवस्थित बनाने का काम शुरू हो चुका है। ईदगाह में साफ-सफाई, बाउंड्री निर्माण, फर्श की टाइल्स और गेट लगाने का काम जोर-शोर से चल रहा है। गाँव के लोग आशान्वित हैं कि यह काम बकरीद से पहले पूरा हो जाएगा।
इस परियोजना को और संगठित बनाने के लिए गाँव की हर मस्जिद से चार-चार सदस्यों को शामिल किया गया है। यह सामूहिक प्रयास न केवल गाँव की एकता को दर्शाता है, बल्कि युवाओं के नेतृत्व और सामुदायिक कार्यों के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी उजागर करता है।
गाँव के लिए एक प्रेरणा
रछोती गाँव के युवाओं की यह पहल न सिर्फ उनके गाँव के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। एक साधारण WhatsApp ग्रुप ने न केवल लोगों को जोड़ा, बल्कि एक ऐसी ताकत बन गई, जिसने गाँव की वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान कर दिया। गाँव के बुजुर्ग, जो पहले इन समस्याओं को लेकर चिंतित रहते थे, आज अपने युवाओं की हिम्मत और मेहनत की तारीफ करते नहीं थकते।
इस काम ने यह साबित कर दिया कि अगर इरादे पक्के हों और सामूहिक प्रयास हो, तो कोई भी काम असंभव नहीं है। रछोती गाँव के युवाओं ने न सिर्फ अपने गाँव की तस्वीर बदली, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी पेश किया।
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