पूर्व चेयरमैन अय्यूब कालिया की हुंकार : किसी क़ीमत पर मवाना की छोटी मस्जिद के पास नहीं खुलने देंगे शराब का ठेका
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मवाना, शराब ठेका, अय्यूब कालिया |
मवाना, 8 अप्रैल 2025: नगरपालिका मवाना के पूर्व चेयरमैन अय्यूब कालिया ने मिल रोड पर छोटी मस्जिद के पास इंग्लिश शराब का ठेका खोले जाने के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया है। उनका कहना है कि यह ठेका नियमों के खिलाफ है और इससे इलाके की शांति भंग हो सकती है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने मंगलवार को एसडीएम मवाना को एक ज्ञापन सौंपा और जिला अधिकारी (डीएम) से इस संबंध में बातचीत करने की बात कही। उनके साथ शहर काजी मौलाना नफीस खा कासमी, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश महासचिव मोहम्मद यूसुफ कुरैशी, हाजी तहजीब आलम सहित कई लोग मौजूद रहे।
अय्यूब कालिया ने कहा कि मस्जिद के पास शराब का ठेका खुलना न सिर्फ नियम-विरुद्ध है, बल्कि यह स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाओं को भी आहत कर सकता है। उन्होंने प्रशासन से इस फैसले को रद्द करने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में हालात बिगड़ सकते हैं। इस बीच, स्थानीय लोगों ने भी इस विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है।
लोगों में डर और तनाव का माहौल
मवाना के निवासियों को डर है कि शराब ठेके के खुलने से लोग शराब पीकर मस्जिद के आसपास का माहौल खराब कर सकते हैं। उनका मानना है कि इससे न केवल इलाके की शांति भंग होगी, बल्कि तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो सकती है। कई लोगों ने आशंका जताई कि यह छोटी सी घटना भविष्य में बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हमारा इलाका हमेशा से शांत रहा है, लेकिन शराब ठेके से माहौल बिगड़ सकता है, जिसका खामियाजा हमें लंबे समय तक भुगतना पड़ सकता है।"
सरकारी नियम क्या कहते हैं?
भारत में शराब की दुकानों के स्थान को लेकर कई नियम और दिशानिर्देश मौजूद हैं। ज्यादातर राज्यों में यह प्रावधान है कि शराब के ठेके धार्मिक स्थलों, स्कूलों और अस्पतालों से एक निश्चित दूरी पर ही खोले जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश में भी आबकारी नियमों के तहत धार्मिक स्थानों से 100 से 150 मीटर की न्यूनतम दूरी अनिवार्य है। हालांकि, कई बार इन नियमों की अनदेखी की शिकायतें सामने आती हैं। मवाना के इस मामले में अय्यूब कालिया और उनके समर्थकों का दावा है कि छोटी मस्जिद के पास ठेका खोलना इन नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह सही पाया गया तो प्रशासन को ठेके का स्थान बदलना पड़ सकता है।
अय्यूब कालिया और उनके सहयोगियों ने डीएम से मिलने का फैसला किया है ताकि इस मुद्दे को निर्णायक रूप से उठाया जा सके। स्थानीय लोग भी उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन उनकी भावनाओं का सम्मान करेगा और कोई ठोस कदम उठाएगा। इस घटना ने मवाना में एक बड़ी बहस छेड़ दी है, और सभी की नजर अब प्रशासन के अगले कदम पर टिकी है।
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