वक़्फ़ लैंड बिल पारित होने से पहले लखनऊ में पुलिस की छुट्टियां रद्द, कानून व्यवस्था को लेकर सख्ती बरती गई
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लखनऊ, पुलिस, कानून व्यवस्था, उत्तर प्रदेश, समाचार |
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। आईजी लॉ एंड ऑर्डर की ओर से एक आदेश जारी कर सभी पुलिस अफसरों और कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। यह फैसला मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए लिया गया है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
क्या है आदेश?
आईजी लॉ एंड ऑर्डर के इस आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि सभी पुलिसकर्मी, जो इस समय छुट्टी पर हैं, उन्हें तुरंत अपनी ड्यूटी जॉइन करनी होगी। साथ ही, यह भी निर्देश दिया गया है कि अब से केवल विशेष परिस्थितियों में ही छुट्टियां स्वीकृत की जाएंगी। इसका मतलब है कि अगर कोई बहुत जरूरी वजह नहीं होगी, तो पुलिसकर्मियों को छुट्टी मिलना मुश्किल होगा। इस आदेश के पीछे मकसद यह सुनिश्चित करना है कि लखनऊ में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रहे।
आईजी लॉ एंड ऑर्डर के इस आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि सभी पुलिसकर्मी, जो इस समय छुट्टी पर हैं, उन्हें तुरंत अपनी ड्यूटी जॉइन करनी होगी। साथ ही, यह भी निर्देश दिया गया है कि अब से केवल विशेष परिस्थितियों में ही छुट्टियां स्वीकृत की जाएंगी। इसका मतलब है कि अगर कोई बहुत जरूरी वजह नहीं होगी, तो पुलिसकर्मियों को छुट्टी मिलना मुश्किल होगा। इस आदेश के पीछे मकसद यह सुनिश्चित करना है कि लखनऊ में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रहे।
क्यों लिया गया यह फैसला?
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर कानून व्यवस्था को लेकर चुनौतियां देखने को मिली हैं। खास तौर पर संभल में पिछले साल नवंबर 2024 में हुई हिंसा ने प्रशासन को सतर्क कर दिया था। उस दौरान एक मस्जिद सर्वे को लेकर हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था, जिसमें कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और पथराव की घटनाएं हुई थीं। इसके अलावा, लखनऊ में भी हाल ही में स्टैंड-अप कॉमेडियन अनुभव सिंह बस्सी के शो को कानून व्यवस्था की चिंताओं के चलते रद्द करना पड़ा था। ऐसे में पुलिस प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहता है।
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर कानून व्यवस्था को लेकर चुनौतियां देखने को मिली हैं। खास तौर पर संभल में पिछले साल नवंबर 2024 में हुई हिंसा ने प्रशासन को सतर्क कर दिया था। उस दौरान एक मस्जिद सर्वे को लेकर हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था, जिसमें कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और पथराव की घटनाएं हुई थीं। इसके अलावा, लखनऊ में भी हाल ही में स्टैंड-अप कॉमेडियन अनुभव सिंह बस्सी के शो को कानून व्यवस्था की चिंताओं के चलते रद्द करना पड़ा था। ऐसे में पुलिस प्रशासन कोई जोखिम नहीं लेना चाहता और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहता है।
पुलिसकर्मियों पर बढ़ता दबाव
इस आदेश के बाद पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों में थोड़ी नाराजगी भी देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को त्योहारों जैसे होली, दिवाली या कुंभ जैसे बड़े आयोजनों के दौरान भी छुट्टियां नहीं मिलतीं। एक यूजर ने लिखा, "पुलिसकर्मी छुट्टी कब लें? विशेष परिस्थिति तो अधिकारी तभी मानते हैं, जब कोई मर जाए। गंभीर बीमारी को भी ये लोग विशेष परिस्थिति नहीं मानते।" यह बात साफ तौर पर पुलिसकर्मियों पर बढ़ते दबाव को दर्शाती है।
इस आदेश के बाद पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों में थोड़ी नाराजगी भी देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को त्योहारों जैसे होली, दिवाली या कुंभ जैसे बड़े आयोजनों के दौरान भी छुट्टियां नहीं मिलतीं। एक यूजर ने लिखा, "पुलिसकर्मी छुट्टी कब लें? विशेष परिस्थिति तो अधिकारी तभी मानते हैं, जब कोई मर जाए। गंभीर बीमारी को भी ये लोग विशेष परिस्थिति नहीं मानते।" यह बात साफ तौर पर पुलिसकर्मियों पर बढ़ते दबाव को दर्शाती है।
आगे क्या?
लखनऊ पुलिस इस आदेश के बाद पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। शहर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही, यह भी संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में कुछ बड़े आयोजन या प्रदर्शन हो सकते हैं, जिनके चलते यह सख्ती बरती गई है। प्रशासन की कोशिश है कि किसी भी तरह की अशांति को रोका जा सके और शहर में अमन-चैन बना रहे।
लखनऊ पुलिस इस आदेश के बाद पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। शहर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही, यह भी संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में कुछ बड़े आयोजन या प्रदर्शन हो सकते हैं, जिनके चलते यह सख्ती बरती गई है। प्रशासन की कोशिश है कि किसी भी तरह की अशांति को रोका जा सके और शहर में अमन-चैन बना रहे।
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