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जेनिफर लोपेज,सऊदी अरब |
सऊदी अरब, जहां इस्लाम की पवित्र भूमि मक्का स्थित है, वहां हाल ही में एक घटना ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है। मशहूर अमेरिकी गायिका और अभिनेत्री जेनिफर लोपेज ने जेद्दा में फॉर्मूला 1 सऊदी अरब ग्रैंड प्रिक्स के उद्घाटन समारोह में शानदार परफॉर्मेंस दी। यह जगह मक्का से महज 82 किलोमीटर दूर है। लेकिन इस परफॉर्मेंस ने सऊदी अरब की धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनाओं को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है।
19 अप्रैल 2025 को जेद्दा कॉर्निश सर्किट में आयोजित इस इवेंट में जेनिफर लोपेज ने अपने हिट गानों पर डांस किया और स्टेज पर धमाल मचाया। उनके साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय सितारे जैसे उशर, मेजर लेजर और अरब गायक मारवान पाब्लो भी शामिल थे। जेनिफर ने स्किनटाइट हॉट पिंक कैटसूट पहना था, जो उनकी परफॉर्मेंस का मुख्य आकर्षण रहा। उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "जेद्दा में F1 सऊदी अरब ग्रैंड प्रिक्स को एक यादगार रात के लिए धन्यवाद!" लेकिन यह परफॉर्मेंस सऊदी अरब के कट्टरपंथी समूहों और सोशल मीडिया यूजर्स के लिए विवाद का कारण बन गई।
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने जेनिफर लोपेज की परफॉर्मेंस को सऊदी अरब की इस्लामी परंपराओं और संस्कृति के खिलाफ बताया। कुछ लोगों ने इसे मक्का जैसे पवित्र शहर के इतने करीब आयोजित करने को इस्लाम का अपमान करार दिया। एक यूजर ने लिखा, "मक्का से 80 किलोमीटर दूर इस तरह का फूहड़ डांस शर्मनाक है। यह हमारी धार्मिक भावनाओं का मजाक है।" कई लोगों ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर भी निशाना साधा, जिनके विजन 2030 के तहत देश में पर्यटन और मनोरंजन को बढ़ावा देने के लिए ऐसे आयोजन हो रहे हैं।
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फॉर्मूला 1,सोशल मीडिया,विवाद |
हालांकि, कुछ लोगों ने इस आयोजन का समर्थन भी किया। उनके अनुसार, सऊदी अरब बदल रहा है और आधुनिकता को अपनाने की दिशा में कदम उठा रहा है। एक यूजर ने लिखा, "यह सऊदी अरब का नया चेहरा है। हमें पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए।" जेनिफर लोपेज की परफॉर्मेंस को कई फैंस ने सराहा और उनके डांस और स्टाइल की तारीफ की।
यह पहली बार नहीं है जब सऊदी अरब में इस तरह के आयोजन विवाद का कारण बने हैं। पिछले साल रियाद सीजन फेस्टिवल में भी जेनिफर लोपेज की परफॉर्मेंस और उनके कपड़ों को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी थी। कुछ लोगों ने इसे गाजा और लेबनान में चल रहे युद्धों के बीच असंवेदनशीलता करार दिया था।
सऊदी अरब सरकार ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन यह विवाद एक बार फिर सऊदी अरब के आधुनिकीकरण और धार्मिक परंपराओं के बीच टकराव को उजागर करता है। जहां एक ओर विजन 2030 के तहत देश में अंतरराष्ट्रीय सितारों को बुलाकर पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इस्लामिक समूह इसे अपनी संस्कृति पर हमला मानते हैं।
जेनिफर लोपेज की यह परफॉर्मेंस भले ही उनके फैंस के लिए एक शानदार अनुभव रही हो, लेकिन सोशल मीडिया पर यह बहस का मुद्दा बनी हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सऊदी अरब इस तरह के विवादों से कैसे निपटता है और क्या भविष्य में ऐसे आयोजनों पर कोई बदलाव देखने को मिलेगा।
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