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अर्शिल जिया गाड़ा, MBBS टॉपर |
बझेड़ी, 19 अप्रैल 2025: बझेड़ी गांव के लाल अर्शिल जिया गाड़ा ने एक बार फिर अपनी मेहनत और लगन से पूरी गाड़ा बिरादारी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। अटल बिहारी विश्वविद्यालय में MBBS की पढ़ाई कर रहे अर्शिल ने तीसरी बार टॉप करके न केवल अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, बल्कि अपने माता-पिता की दुआओं और समुदाय के सपनों को भी नया उड़ान दी है।
अर्शिल, मोहम्मद सज्जाद के बेटे और जियाउल हक साहब के पोते हैं। उनकी इस उपलब्धि ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे बझेड़ी गांव और गाड़ा बिरादारी को गर्व का अनुभव कराया है। पहले साल, फिर दूसरे साल, और अब तीसरे साल भी टॉप करने की उनकी यह उपलब्धि किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह एक ऐसे युवा की कहानी है, जिसने अपनी मेहनत, अनुशासन और लक्ष्य के प्रति समर्पण से असंभव को संभव कर दिखाया।
मेहनत और दुआओं का संगम
अर्शिल की इस सफलता के पीछे उनके परिवार का अटूट समर्थन और उनकी कड़ी मेहनत है। उनके पिता मोहम्मद सज्जाद और दादा जियाउल हक ने हमेशा उन्हें उच्च शिक्षा और नैतिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। अर्शिल की मां की दुआएं और उनके गुरुजनों का मार्गदर्शन भी इस सफलता का आधार बना।
अर्शिल की इस सफलता के पीछे उनके परिवार का अटूट समर्थन और उनकी कड़ी मेहनत है। उनके पिता मोहम्मद सज्जाद और दादा जियाउल हक ने हमेशा उन्हें उच्च शिक्षा और नैतिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। अर्शिल की मां की दुआएं और उनके गुरुजनों का मार्गदर्शन भी इस सफलता का आधार बना।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अर्शिल की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि पूरी गाड़ा बिरादारी के लिए एक प्रेरणा है। बझेड़ी गांव के एक बुजुर्ग, हाजी अब्दुल रहमान ने कहा, "अर्शिल ने दिखा दिया कि अगर दिल में जुनून और हाथ में मेहनत हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। हमारी आने वाली पीढ़ी को उनसे सीख लेनी चाहिए।"
सपनों की उड़ान
अर्शिल की इस उपलब्धि को सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत के रूप में नहीं देखा जा सकता। यह पूरी गाड़ा बिरादारी के उन सपनों की जीत है, जो शिक्षा और तरक्की के जरिए अपने बच्चों को नई ऊंचाइयों पर देखना चाहते हैं। अटल बिहारी विश्वविद्यालय में लगातार तीन बार टॉप करना न केवल अर्शिल की बौद्धिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वह दबाव में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।
अर्शिल की इस उपलब्धि को सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत के रूप में नहीं देखा जा सकता। यह पूरी गाड़ा बिरादारी के उन सपनों की जीत है, जो शिक्षा और तरक्की के जरिए अपने बच्चों को नई ऊंचाइयों पर देखना चाहते हैं। अटल बिहारी विश्वविद्यालय में लगातार तीन बार टॉप करना न केवल अर्शिल की बौद्धिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि वह दबाव में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सक्षम हैं।
अर्शिल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, शिक्षकों और दोस्तों को दिया। उन्होंने कहा, "यह मेरी अकेले की जीत नहीं है। मेरे माता-पिता की दुआएं, मेरे गुरुजनों का मार्गदर्शन और मेरे दोस्तों का साथ—यह सब मिलकर मुझे यहां तक लाया। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि मेहनत और धैर्य के साथ कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।"
प्रेरणा का स्रोत
अर्शिल की कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है, जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहते हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल बझेड़ी गांव, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। गाड़ा बिरादारी के कई युवा अब अर्शिल को अपना रोल मॉडल मानते हैं और उनकी तरह मेहनत करके अपने परिवार और समुदाय का नाम रोशन करना चाहते हैं।
अर्शिल की कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है, जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहते हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल बझेड़ी गांव, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। गाड़ा बिरादारी के कई युवा अब अर्शिल को अपना रोल मॉडल मानते हैं और उनकी तरह मेहनत करके अपने परिवार और समुदाय का नाम रोशन करना चाहते हैं।
स्थानीय स्कूल के प्रिंसिपल, डॉ. राशिद अहमद ने कहा, "अर्शिल ने यह साबित कर दिया कि शिक्षा ही वह हथियार है, जो किसी भी व्यक्ति को समाज में सम्मान और सफलता दिला सकता है। उनकी इस उपलब्धि से हमारे छात्रों को प्रेरणा मिलेगी।"
आगे की राह
अर्शिल का सपना है कि वह एक कुशल डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करें। उनकी इस उपलब्धि ने उनके इस लक्ष्य को और मजबूत किया है। वह चाहते हैं कि उनकी पढ़ाई और काम से न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरी गाड़ा बिरादारी को फायदा हो।
अर्शिल का सपना है कि वह एक कुशल डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करें। उनकी इस उपलब्धि ने उनके इस लक्ष्य को और मजबूत किया है। वह चाहते हैं कि उनकी पढ़ाई और काम से न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरी गाड़ा बिरादारी को फायदा हो।
गाड़ा बिरादारी के लोग अर्शिल की इस कामयाबी पर जश्न मना रहे हैं। गांव में जगह-जगह उनकी तारीफ हो रही है और लोग उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए दुआएं मांग रहे हैं।
दुआओं के साथ
गाड़ा टाइम्स की ओर से अर्शिल जिया गाड़ा को उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई। हम दुआ करते हैं कि अल्लाह उन्हें हर कदम पर कामयाबी दे और वह अपने सपनों को पूरा करके समाज के लिए एक मिसाल बनें। साथ ही, हम सभी बच्चों के लिए प्रार्थना करते हैं कि उन्हें भी अर्शिल की तरह मेहनत करने का जज्बा और रोशन मुस्तकबिल नसीब हो। आमीन।
गाड़ा टाइम्स की ओर से अर्शिल जिया गाड़ा को उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई। हम दुआ करते हैं कि अल्लाह उन्हें हर कदम पर कामयाबी दे और वह अपने सपनों को पूरा करके समाज के लिए एक मिसाल बनें। साथ ही, हम सभी बच्चों के लिए प्रार्थना करते हैं कि उन्हें भी अर्शिल की तरह मेहनत करने का जज्बा और रोशन मुस्तकबिल नसीब हो। आमीन।
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