"क्रिकेटर शमी के परिवार पर मनरेगा फर्जीवाड़े का साया: 8 अधिकारी सस्पेंड, गाँव के प्रधान से होगी 8.68 लाख की वसूली"
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अमरोहा, मनरेगा फर्जीवाड़ा, निधि गुप्ता, मोहम्मद शमी |
अमरोहा, 04 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में मनरेगा योजना के तहत हुए बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसने जिला प्रशासन से लेकर आम लोगों तक को हैरान कर दिया है। इस घोटाले में भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन की सास और पलौला गांव की ग्राम प्रधान गुले आयशा का नाम मुख्य रूप से उजागर हुआ है। जिलाधिकारी निधि गुप्ता के निर्देश पर हुई जांच के बाद इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है।
जानकारी के मुताबिक, जोया ब्लॉक के पलौला गांव में मनरेगा योजना के तहत बने 657 जॉब कार्ड्स में से 150 एक्टिव पाए गए थे। जांच में पता चला कि इनमें से कई कार्ड फर्जी तरीके से बनाए गए थे और इनके जरिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। हैरानी की बात यह है कि इस फर्जीवाड़े में ग्राम प्रधान गुले आयशा ने अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर जॉब कार्ड बनवाकर लाखों रुपये की मजदूरी हड़प ली। इसमें क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना और उनके पति गजनबी का नाम भी शामिल है।
जांच के बाद सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी निधि गुप्ता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मनरेगा परियोजना निदेशक को जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ग्राम प्रधान ने ब्लॉक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से यह घोटाला किया। इसके बाद डीएम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 8 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। साथ ही, तीन तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारियों के खिलाफ डिडौली कोतवाली में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
डीएम निधि गुप्ता ने कहा, "इस घोटाले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हमने ग्राम प्रधान गुले आयशा से 8 लाख 68 हजार रुपये की वसूली का आदेश दिया है। इसके अलावा, ब्लॉक स्तर से लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर तक, हर जिम्मेदार व्यक्ति की जवाबदेही तय की जाएगी।"
गांव वालों ने पहले ही की थी शिकायत
पलौला गांव के कुछ लोगों ने पहले ही अधिकारियों के सामने इस फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। उनका कहना था कि गांव में मनरेगा के तहत कोई काम नहीं होता, फिर भी जॉब कार्ड्स पर मजदूरी दिखाई जा रही है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान और उनके परिवार का दबदबा इतना है कि कोई उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। जांच के दौरान अधिकारियों को ग्रामीणों के बीच तनाव भी देखने को मिला, जिसके बाद टीम को वापस लौटना पड़ा था।
शमी के परिवार का नाम चर्चा में
इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब पता चला कि ग्राम प्रधान गुले आयशा क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना की सास हैं। शबीना और उनके पति गजनबी के नाम पर भी जॉब कार्ड बनाए गए थे, जिनके खातों में 2021 से 2024 तक मजदूरी के नाम पर करीब 66 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए। जबकि हकीकत यह है कि ये लोग आलीशान कोठी में रहते हैं और मजदूरी करने की स्थिति में नहीं हैं।
आगे की कार्रवाई जारी
जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। ग्राम प्रधान के खाते सीज कर दिए गए हैं और वसूली की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। साथ ही, मनरेगा योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उजागर किया है, जिस पर अब लोगों की नजरें टिकी हैं।
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