![]() |
बुलंदशहर इफ्तार पार्टी स्कूल विवाद |
बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश (21 मार्च, 2025) – उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के शिकारपुर क्षेत्र स्थित इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय में रमजान के पवित्र महीने के दौरान एक इफ्तार पार्टी के आयोजन के कारण एक शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है। यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सुर्खियों में आया है, जिसने समानता और धार्मिक गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या हुआ था?
सोमवार शाम 5 बजे, शिक्षिका इरफाना नकवी ने स्कूल परिसर में एक इफ्तार पार्टी का आयोजन करने की अनुमति दी थी। इस कार्यक्रम में स्थानीय गांव के सैकड़ों लोग शामिल हुए और स्कूल की कक्षा में बैठकर रमजान के रोजे के बाद भोजन किया। इस दौरान की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए, जिसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने मामले की जांच की और शिक्षिका को "अत्यधिक लापरवाही और स्कूल नियमों के खिलाफ कार्य करने" के लिए निलंबित करने का आदेश दिया।
क्यों हुई निलंबन की कार्रवाई?
जांच में पाया गया कि इफ्तार पार्टी का आयोजन स्कूल के नियमों और आचार संहिता का उल्लंघन करता है। बीएसए डॉ. पांडेय ने कहा, "चिंतित शिक्षिका ने अत्यधिक लापरवाही बरती और स्कूल नियमों के विपरीत कार्य किया।" वीडियो में स्कूल की कक्षा में बड़ी संख्या में लोगों को भोजन करते और बैठे हुए देखा जा सकता है, जिसे नियमों के खिलाफ माना गया।
सोशल मीडिया पर विवाद
इस मामले ने सोशल मीडिया पर तीखी बहस छेड़ दी है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने शिक्षिका के निलंबन की निंदा की, यह कहते हुए कि धार्मिक त्योहार मनाना अपराध नहीं होना चाहिए। एक यूजर ने लिखा, "इफ्तार पार्टी के लिए निलंबन गजब है, जबकि दिवाली, होली और अन्य त्योहार स्कूलों में मनाए जाते हैं।" दूसरी ओर, कुछ लोगों ने स्कूल में धार्मिक गतिविधियों पर सख्त नियमों की वकालत की।
तस्वीरों में दिखा माहौल
वायरल तस्वीरों में स्कूल की कक्षा में लंबी कतारों में लोग बैठे नजर आ रहे हैं, जिनके सामने प्लेटों में भोजन और फल रखे हैं। एक अन्य तस्वीर में स्कूल के प्रवेश द्वार पर "प्राथमिक विद्यालय, शिकारपुर" का बोर्ड दिखाई दे रहा है, जो इस घटना की सत्यता को प्रमाणित करता है।
रमजान और स्कूलों में धार्मिक गतिविधियां
रमजान 2025 भारतीय मुसलमानों के लिए 2 मार्च से शुरू हुआ था, और यह इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है, जिसमें रोजे रखे जाते हैं। भारत में, सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक गतिविधियों को लेकर नियम सख्त हैं, विशेष रूप से सरकारी संस्थानों जैसे स्कूलों में। यह मामला इस बात पर बहस को हवा दे रहा है कि क्या स्कूलों में धार्मिक समारोहों की अनुमति होनी चाहिए या नहीं।
आगे क्या?
विभागीय कार्रवाई जारी है, और इस मामले में और जांच की जा रही है। इरफाना नकवी के निलंबन के खिलाफ कोई अपील की जा सकती है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस बीच, यह मामला राजनीतिक और सामाजिक मंचों पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
गाडाटाइम्स डॉट कॉम इस घटना पर नजर बनाए हुए है और आपको अपडेट्स देता रहेगा।
==========================================================================
Thanks for visit @www.gadatimes.com
=======================================
Comments
Post a Comment