उदयपुर में 12 साल की बालिका ने तोड़ी चुप्पी: पिता और उसके दोस्त ने किया बलात्कार, पुलिस ने लिया एक्शन
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उदयपुर, 25 मार्च 2025: राजस्थान के उदयपुर जिले के एक ग्रामीण थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 12 साल की मासूम बालिका ने अपने ही पिता और उसके दोस्त पर बलात्कार का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले में एक और नाबालिग लड़की भी शिकार बनी है, जो अरोपी के पड़ोसी की बेटी है। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए अरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है और दोनों बालिकाओं का मेडिकल करवाया है।
माँ की मौत के बाद शुरू हुआ अत्याचार
पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार, 12 साल की पीड़िता ने बताया कि करीब एक साल पहले उसकी माँ की मौत हो गई थी। इसके बाद वह अपने पिता के साथ अकेली रहने लगी। माँ की मौत के बाद उसके पिता ने उसका शारीरिक शोषण शुरू कर दिया। पहले छेड़छाड़ और फिर बलात्कार तक की नौबत आ गई। पीड़िता ने बताया कि उसे डराया-धमकाया गया और जान से मारने की धमकी दी गई, जिसके चलते वह डर के मारे चुप रही। उसने कहा, "मुझे डर था कि अगर मैंने किसी को बताया तो पिता मुझे मार डालेंगे। मैं गुमसुम रहने लगी और किसी से इस बारे में बात नहीं की।"
पड़ोसी की बेटी भी बनी शिकार
इस मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। अरोपी पिता का एक दोस्त, जो उसका पड़ोसी है, भी इस घिनौने कृत्य में शामिल था। इस पड़ोसी की पत्नी भी करीब एक साल पहले उसे छोड़कर चली गई थी। पड़ोसी की एक बेटी थी, जिसे होली के दो दिन पहले पड़ोसी ने अरोपी के पास छोड़ दिया था। अरोपी ने मौके का फायदा उठाकर इस दूसरी बालिका के साथ भी बलात्कार किया और उसे भी जान से मारने की धमकी दी। दोनों बालिकाएँ डर के साये में जी रही थीं, लेकिन आखिरकार 12 साल की पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर किसी को अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद यह मामला पुलिस तक पहुँचा।
पुलिस ने 22 मार्च को दर्ज किया मामला
पुलिस को इस मामले की जानकारी 22 मार्च को मिली, जब उन्हें पता चला कि दो बालिकाओं के साथ अश्लील हरकतें की जा रही हैं। पुलिस ने तुरंत दोनों बालिकाओं से बातचीत की और मामला दर्ज किया। सोमवार, 24 मार्च को पुलिस ने अरोपी पिता से पूछताछ की, जिसमें उसने अपने अपराध को कबूल कर लिया। इसके बाद अरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही, दोनों बालिकाओं का मेडिकल परीक्षण करवाया गया ताकि सबूत जुटाए जा सकें और उनकी स्वास्थ्य स्थिति की जाँच की जा सके।
सामाजिक चुप्पी और सवाल
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में व्याप्त उस चुप्पी को भी उजागर करती है, जो ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देती है। एक साल तक यह अत्याचार चलता रहा, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी। पड़ोसियों और रिश्तेदारों की निष्क्रियता भी इस मामले में सवालों के घेरे में है। क्या डर और सामाजिक दबाव के चलते लोग चुप रहते हैं, या फिर ऐसी घटनाओं को सामान्य मान लिया गया है? यह सवाल आज हर किसी के जहन में है।
कानूनी कार्रवाई और आगे की राह
पुलिस ने इस मामले में POCSO एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट, 2012) के तहत मामला दर्ज किया है। इस एक्ट के तहत नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है, और चूँकि यहाँ एक अरोपी पिता है, तो यह मामला और गंभीर हो जाता है। पुलिस इस मामले में पड़ोसी अरोपी की भी तलाश कर रही है, जो अभी फरार बताया जा रहा है।
इस घटना ने एक बार फिर से नाबालिगों की सुरक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। समाज को अब जागने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। क्या हमारी बेटियाँ अपने ही घर में सुरक्षित नहीं हैं? यह सवाल हर किसी को सोचने पर मजबूर कर रहा है।
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