ट्रैफिक ई-चालान 3 महीने तक अनपेड रहा तो ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड, इंश्योरेंस प्रीमियम भी बढ़ेगा: नए ड्राफ्ट नियम
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ट्रैफिक नियम, ई-चालान, ड्राइविंग लाइसेंस |
नई दिल्ली: अगर आपने अपने ट्रैफिक ई-चालान का भुगतान 3 महीने तक नहीं किया, तो सावधान हो जाइए! सरकार नए नियम लाने की तैयारी में है, जिसके तहत आपका ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड हो सकता है और वाहन का इंश्योरेंस प्रीमियम भी बढ़ सकता है। यह प्रस्ताव सरकार की उस कोशिश का हिस्सा है, जिसमें ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करना और ई-चालान की रिकवरी दर को बेहतर करना शामिल है।
आंकड़ों के मुताबिक, भारत में केवल 40% ई-चालान ही वसूले जा सके हैं। दिल्ली जैसे राज्यों में यह दर और भी कम, मात्र 14% है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है। नए ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, अगर कोई ड्राइवर एक वित्तीय वर्ष में तीन बार ट्रैफिक नियम तोड़ता है—जैसे कि रेड लाइट जंप करना या खतरनाक ड्राइविंग करना—तो उसका लाइसेंस कम से कम तीन महीने के लिए जब्त किया जा सकता है।
इसके अलावा, अगर पिछले वित्तीय वर्ष के दो या उससे ज्यादा चालान बकाया हैं, तो वाहन का इंश्योरेंस प्रीमियम भी बढ़ाया जा सकता है। सरकार का मानना है कि इससे लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित होंगे और समय पर चालान का भुगतान करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और तकनीकी कदम
यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद आया है, जिसमें 23 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों को सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रैफिक मॉनिटरिंग को लागू करने का निर्देश दिया गया था। इसके लिए स्पीड कैमरे, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि हाई-रिस्क और हाई-डेंसिटी कॉरिडोर, साथ ही बड़े शहरों में क्रिटिकल जंक्शनों पर ऐसी तकनीकों को लागू करना अनिवार्य है।
लोगों की राय: समर्थन और आलोचना दोनों
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस प्रस्ताव को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोग इसे सही कदम मानते हैं। एक यूजर, रॉबी ने लिखा, "यह नियम बनना चाहिए। भारत में ट्रैफिक नियमों का पालन बहुत कम होता है। अगर 3 महीने में चालान नहीं भरा जाता, तो जुर्माना दोगुना कर देना चाहिए।" वहीं, कुछ लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं। एक अन्य यूजर ने कहा, "इससे कोर्ट में मुकदमों की संख्या बढ़ेगी, क्योंकि लोग चालान को चुनौती देंगे। यह न्यायिक व्यवस्था पर और बोझ डालेगा।"
कई लोगों ने सुझाव भी दिए हैं। एक यूजर ने कहा कि चालान भुगतान को आसान बनाना चाहिए, जैसे कि QR कोड के जरिए तुरंत पेमेंट की सुविधा देनी चाहिए। साथ ही, ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक करने की मांग भी उठी है, ताकि ट्रैफिक उल्लंघन करने वालों पर सख्ती की जा सके।
क्या होगा असर?
नए नियमों के तहत भविष्य में मोबाइल नंबर अपडेट करना अनिवार्य हो सकता है, खासकर पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेशन, इंश्योरेंस रिन्यूअल और लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रिन्यूअल जैसी सेवाओं के लिए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता तो बढ़ाएगा, लेकिन सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि चालान सिस्टम पारदर्शी और यूजर-फ्रेंडली हो।
आप इस प्रस्ताव के बारे में क्या सोचते हैं? क्या यह ट्रैफिक अनुशासन को बढ़ावा देगा, या फिर आम लोगों के लिए नई मुश्किलें खड़ी करेगा? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं।
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