"कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण पर बवाल: बीजेपी विधायकों को विधानसभा से बाहर निकालने की तस्वीरें वायरल, क्या है सच?"
![]() |
Muslim Thekedar Reservation Controversy |
बेंगलुरु, 21 मार्च 2025 (गाडाटाइम्स.कॉम) – कर्नाटक की राजनीतिक मंजिल पर एक बार फिर भूचाल आ गया है। शुक्रवार को राज्य विधानसभा में जोरदार हंगामे के बाद कांग्रेस सरकार ने 18 भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायकों को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया। यह कदम बीजेपी विधायकों के उस विरोध के खिलाफ उठाया गया, जिसमें उन्होंने मुस्लिम ठेकेदारों के लिए 4% आरक्षण के प्रस्ताव का जोरदार विरोध किया था। इस विवाद ने न सिर्फ विधानसभा की कार्यवाही को बाधित किया, बल्कि पूरे राज्य में राजनीतिक तापमान को और बढ़ा दिया है।
हंगामे की शुरुआत: बीजेपी का तीखा विरोध
कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने कांग्रेस सरकार के उस फैसले के खिलाफ हंगामा किया, जिसमें राज्य में सरकारी टेंडरों में मुस्लिम समुदाय के लिए 4% आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा गया था। बीजेपी का आरोप है कि यह कांग्रेस की "तुष्टिकरण की राजनीति" का हिस्सा है, जो संविधान और सामाजिक समरसता के खिलाफ है। विरोध के दौरान बीजेपी विधायक स्पीकर की कुर्सी पर चढ़ गए और कागज फेंककर नारेबाजी की, जिससे सदन की कार्यवाही पूरी तरह ठप हो गई।
इसके जवाब में, कांग्रेस सरकार ने बीजेपी विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 महीने के लिए निलंबित करने का बिल पास कर दिया। कानून और संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने इस बिल को पेश किया, जो विधानसभा में पास हो गया। यह कदम कांग्रेस सरकार के लिए एक मजबूत संदेश था, लेकिन बीजेपी इसे "लोकतंत्र पर हमला" करार दे रही है।
कांग्रेस का बचाव: "न्याय और समानता का कदम"
कांग्रेस सरकार का कहना है कि मुस्लिम समुदाय को 4% आरक्षण देना सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित करने का प्रयास है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की सरकार का दावा है कि यह कदम पिछड़े वर्गों को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए जरूरी है। कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि बीजेपी का विरोध केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए है और यह देश के संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ नहीं है।
हालांकि, विपक्षी नेता और बीजेपी के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राशोक ने इस फैसले को "मुस्लिम तुष्टिकरण" करार देते हुए कहा, "कांग्रेस सरकार संविधान की मूल भावना को नजरअंदाज कर रही है और समाज में फूट डालने का काम कर रही है।"
तस्वीरों में दिखा तनाव: विधायकों को बाहर निकालते पुलिसकर्मी
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि पुलिसकर्मी बीजेपी विधायकों को विधानसभा परिसर से बाहर निकाल रहे हैं। इन तस्वीरों में विधायक नीले रंग की शर्ट पहने हुए दिख रहे हैं, जिन्हें पुलिस की सख्ती के बीच बाहर ले जाया गया। यह दृश्य कर्नाटक की राजनीति में एक नया मोड़ बन गया है, जिसने आम लोगों और राजनीतिक विश्लेषकों को हैरानी में डाल दिया है।
लोकतंत्र पर हमला या अनुशासन की जरूरत?
बीजेपी और उसके समर्थकों का कहना है कि 18 विधायकों को 6 महीने के लिए निलंबित करना "लोकतंत्र पर हमला" है। सोशल मीडिया पर #DemocracyUnderAttack ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग कांग्रेस सरकार की आलोचना कर रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस समर्थक इसे विधानसभा की गरिमा और अनुशासन बनाए रखने का कदम बता रहे हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद कर्नाटक में आगामी चुनावों और केंद्र-राज्य के संबंधों पर भी असर डाल सकता है। बीजेपी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की बात कही है, जबकि कांग्रेस इसे राज्य के विकास और समानता का हिस्सा बता रही है।
आगे क्या?
यह विवाद कर्नाटक की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ता दिख रहा है। बीजेपी के निलंबित विधायक अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं, जबकि कांग्रेस सरकार अपने फैसले पर कायम रहने की तैयारी में है। आम जनता के बीच यह बहस जारी है कि क्या यह कदम सच में लोकतंत्र के लिए खतरा है या फिर सरकार का सही कदम।
कर्नाटक की सियासत में यह हंगामा आने वाले दिनों में और गर्माने की संभावना है। गाडाटाइम्स.कॉम इस मुद्दे पर बारीकी से नजर बनाए हुए है और आपको हर अपडेट देता रहेगा।
==========================================================================
Thanks for visit @www.gadatimes.com
=======================================
Comments
Post a Comment