मुस्लिम भाई होली के दिन नमाज़ पढ़ेंगे और हमलोग पहरा देंगे, देखते है कौन मुजरा करता है मस्जिदों के सामने?
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सरदार राम सिँह आज़ाद |
नई दिल्ली, 13 मार्च 2025: आजकल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट ने तूफान मचा दिया है, जो हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल पेश कर रहा है। ट्विटर यूजर 
जय हिंद 

"। इस पोस्ट ने न सिर्फ देशभर में चर्चा छेड़ दी है, बल्कि इसे हजारों लाइक्स और रीट्वीट्स मिल रहे हैं, जो समाज में भाईचारे की भावना को बढ़ावा दे रहे हैं।
@Arun_Kaku05
ने एक सनसनीखेज संदेश साझा किया, जिसमें लिखा है, "मुस्लिम भाई होली के दिन नमाज़ पढ़ेंगे और हमलोग पहरा देंगे... देखते हैं कौन मुजरा करता है मस्जिदों के सामने? होली और नमाज़ का अनूठा संगम
यह पोस्ट एक ऐसे वक्त में आई है, जब 14 मार्च 2025 को होली का त्योहार शुक्रवार को पड़ रहा है। शुक्रवार मुस्लिम समुदाय के लिए नमाज़-ए-जुम्मा का दिन होता है, और ऐसे में यह पोस्ट हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच आपसी समझ और सम्मान की मिसाल पेश कर रही है। पोस्ट में कहा गया है कि मुस्लिम भाई होली के रंगों में डूबे रहते हुए नमाज़ अदा करेंगे, और हिंदू भाई उनके लिए पहरा देंगे, ताकि कोई बाधा न आए। यह संदेश न सिर्फ सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करता है, बल्कि भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब को भी दर्शाता है।
सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिएक्शन
इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर आग लगा दी है। कई यूजर्स ने इसे "बहुत बढ़िया" और "भाईचारा कायम रखने का संदेश" करार दिया है।
", जबकि
@hindikiduniyaa
ने लिखा, "बहुत अच्छा संदेश है। @RizwanahmadIND
और @RustamKhan66778
जैसे यूजर्स ने दिल के इमोजी के साथ समर्थन जताया। कुछ यूजर्स ने मजेदार GIF और तस्वीरें शेयर कर इस पहल की तारीफ की, जबकि अन्य ने इसे "हिंदुत्व की कमजोरी" या "आंखों में खटकने वाली बात" कहकर विवादास्पद टिप्पणियां भी कीं। हालांकि, अधिकांश प्रतिक्रियाएं सकारात्मक और भाईचारे को बढ़ावा देने वाली रहीं।अतीत की यादें और वर्तमान की उम्मीद
यह पोस्ट 2018 में आगरा में हुई एक समान पहल की याद दिलाता है, जहां मुस्लिम समुदाय ने होली के दिन नमाज़ के समय को समायोजित किया था, ताकि हिंदू समुदाय बिना किसी व्यवधान के त्योहार मना सके। उस वक्त भी यह कदम सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बना था। इसके अलावा, आर्ट ऑफ लिविंग जैसे संगठन लंबे समय से हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए काम कर रहे हैं, और यह पोस्ट उसी दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
विवाद और आलोचना का साया
हालांकि, कुछ यूजर्स ने पोस्ट में "मुजरा" शब्द को लेकर सवाल उठाए हैं, इसे उकसाने वाला या सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला बताते हुए। लेकिन पोस्ट के मूल संदेश—भाईचारा और सुरक्षा—ने आलोचकों को भी चुप करा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के संदेश भारत की विविधता में एकता को मजबूत करते हैं, बशर्ते वे सम्मान और समझ के साथ व्यक्त किए जाएं।
जय हिंद का नारा, एकता का संदेश
पोस्ट के अंत में "जय हिंद" का नारा और तिरंगे के इमोजी ने इसे और भी देशभक्ति से भरपूर बना दिया है। यह संदेश न सिर्फ धार्मिक एकता का प्रतीक है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। होली और नमाज़ के इस अनोखे संगम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत की आत्मा विविधता में एकता में बसती है।
निष्कर्ष: भाईचारे की नई इबारत
@Arun_Kaku05
की यह पोस्ट न सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद भी जगाती है। होली के रंगों और नमाज़ की अज़ान के बीच एकता का यह संदेश आने वाले समय में भारत के लिए प्रेरणा बन सकता है। क्या यह पोस्ट सांप्रदायिक सौहार्द की नई इबारत लिखेगी, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल यह संदेश देशवासियों के दिलों में गहरी छाप छोड़ चुका है। जय हिंद, जय भारत! ==========================================================================
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