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वाराणसी में होली के दिन प्रेम-त्रिकोण का खूनी अंत: सरस्वती और राजकुमार ने दिलजीत की हत्या की साजिश रची!

Varanasi Crime News Love affair  वाराणसी, 19 मार्च 2025: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में होली के पावन त्योहार पर एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया है। प्रेम-त्रिकोण के चलते एक युवती सरस्वती और उसके नए प्रेमी राजकुमार ने अपने पुराने प्रेमी दिलजीत की निर्मम हत्या कर दी। यह मामला न केवल प्रेम और धोखे की गहरी खाई को उजागर करता है, बल्कि समाज में बढ़ते अपराधों की गंभीरता को भी दर्शाता है। पुलिस के अनुसार, सरस्वती और दिलजीत के बीच लंबे समय से रिश्ता था, लेकिन जब सरस्वती का राजकुमार से अफेयर शुरू हुआ, तो उसने दिलजीत से ब्रेकअप करना चाहा। हालांकि, दिलजीत अपने पहले प्यार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था और लगातार सरस्वती से संपर्क बनाए रखने की कोशिश कर रहा था। इस स्थिति से परेशान सरस्वती और राजकुमार ने एक महीने पहले से ही दिलजीत को "रास्ते से हटाने" की साजिश रच डाली। होली के दिन सरस्वती ने दिलजीत को होली खेलने के बहाने अपने पास बुलाया। घटनास्थल पर पहले से मौजूद राजकुमार, जो हेलमेट पहने हुए था, ने दिलजीत के सीने में दो गोलियां मार दीं और फरार हो गया। इस वारदात में...

मुस्लिम भाई होली के दिन नमाज़ पढ़ेंगे और हमलोग पहरा देंगे, देखते है कौन मुजरा करता है मस्जिदों के सामने?

  सरदार राम सिँह आज़ाद  नई दिल्ली, 13 मार्च 2025 : आजकल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट ने तूफान मचा दिया है, जो हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल पेश कर रहा है। ट्विटर यूजर @Arun_Kaku05 ने एक सनसनीखेज संदेश साझा किया, जिसमें लिखा है, "मुस्लिम भाई होली के दिन नमाज़ पढ़ेंगे और हमलोग पहरा देंगे... देखते हैं कौन मुजरा करता है मस्जिदों के सामने? जय हिंद "। इस पोस्ट ने न सिर्फ देशभर में चर्चा छेड़ दी है, बल्कि इसे हजारों लाइक्स और रीट्वीट्स मिल रहे हैं, जो समाज में भाईचारे की भावना को बढ़ावा दे रहे हैं। होली और नमाज़ का अनूठा संगम यह पोस्ट एक ऐसे वक्त में आई है, जब 14 मार्च 2025 को होली का त्योहार शुक्रवार को पड़ रहा है। शुक्रवार मुस्लिम समुदाय के लिए नमाज़-ए-जुम्मा का दिन होता है, और ऐसे में यह पोस्ट हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच आपसी समझ और सम्मान की मिसाल पेश कर रही है। पोस्ट में कहा गया है कि मुस्लिम भाई होली के रंगों में डूबे रहते हुए नमाज़ अदा करेंगे, और हिंदू भाई उनके लिए पहरा देंगे, ताकि कोई बाधा न आए। यह संदेश न सिर्फ सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करता है, बल्कि भारत की गंगा-...

होली क्यों मनाते हैं: महत्व, इतिहास और कथाएँ | Holi 2025

Why-Do-we-celeberate-Holi मुख्य बिंदु होली, रंगों का त्योहार, फाल्गुन पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च में आता है। यह अच्छे के बुरे पर जीत और प्रेम का प्रतीक है, विशेष रूप से प्रह्लाद-होलिका और कृष्ण-राधा की कथाओं से जुड़ा है। यह वसंत के आगमन और सर्दी के अंत को भी चिह्नित करता है, जो एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है। विभिन्न क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नामों से, जैसे फगुआ, होरी, और धुलंडी, के रूप में मनाया जाता है। होली का परिचय होली भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है, जिसे 'रंगों का त्योहार' के रूप में जाना जाता है। यह हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को, जो आमतौर पर मार्च के मध्य में पड़ता है, मनाया जाता है। 2025 में, यह 13 मार्च को मनाया जाएगा। यह त्योहार न केवल रंगों और खुशी का प्रतीक है, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी रखता है। धार्मिक महत्व और कथाएँ होली का मुख्य धार्मिक महत्व अच्छे के बुरे पर जीत को दर्शाना है। एक प्रसिद्ध कथा भक्त प्रह्लाद और उनकी मौसी होलिका से जुड़ी है। हिरण्यकश्यप, एक अहंकारी राजा, चाहता था कि सभी उसे भगवान मानें, लेकिन उसका पु...