फिलिस्तीन के हेब्रोन में बुजुर्ग फिलिस्तीनी महिला इफ्तार लेने गयी थी बाजार : वापस लौटने पर यहूदी ने किया घर पर कब्जा, सैनिकों ने रोका रास्ता"
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हेब्रोन, वेस्ट बैंक: एक दिल दहला देने वाली घटना में, हेब्रोन शहर के एक फिलिस्तीनी परिवार को उस समय भारी सदमा लगा जब वे रमजान के पवित्र महीने में इफ्तार के लिए घर से बाहर गए और लौटने पर पाया कि उनके घर पर इस्राइली बस्ती वालों ने कब्जा कर लिया है। यह घटना 23 मार्च 2025 को हुई, जब परिवार इफ्तार के लिए बाहर गया था। उनके लौटने पर इस्राइली सैनिकों ने उन्हें अपने ही घर में प्रवेश करने से रोक दिया, जबकि बस्ती वाले उनके सामान को बाहर फेंक रहे थे।
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द्वारा साझा किए गए एक पोस्ट के अनुसार, बस्ती वालों का दावा है कि उन्होंने इस घर को कानूनी रूप से खरीदा है, लेकिन परिवार ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। पोस्ट में एक तस्वीर भी साझा की गई, जिसमें सैनिकों को परिवार को रोकते हुए और बस्ती वालों को घर से सामान निकालते हुए देखा जा सकता है। यह घटना हेब्रोन के H2 सेक्टर में हुई, जो इस्राइली सैन्य नियंत्रण में है और जहां पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।हेब्रोन में इस्राइली बस्ती वालों और फिलिस्तीनी निवासियों के बीच तनाव कोई नई बात नहीं है। हेब्रोन को दो हिस्सों में बांटा गया है—H1, जो फिलिस्तीनी प्राधिकरण के नियंत्रण में है, और H2, जहां इस्राइली सेना का नियंत्रण है। H2 में करीब 30,000 फिलिस्तीनी रहते हैं, जबकि वहां 800 से कम इस्राइली बस्ती वाले भी रहते हैं, जिनकी सुरक्षा के लिए इस्राइली सेना की एक पूरी ब्रिगेड तैनात है। इस क्षेत्र में बस्ती वालों द्वारा फिलिस्तीनियों पर हमले और उत्पीड़न की घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं उनके लिए रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हम अपने घर से बाहर निकलते हैं तो डर लगता है कि कहीं लौटने पर हमारा घर हमारा न रहे।" इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने भारी गुस्सा जाहिर किया है। एक यूजर ने लिखा, "यह आधुनिक इतिहास में सबसे क्रूर उत्पीड़न है।" वहीं, एक अन्य यूजर ने इस्राइली सैनिकों की आलोचना करते हुए कहा कि वे इस तरह की घटनाओं को रोकने के बजाय बस्ती वालों का साथ दे रहे हैं।
हेब्रोन में इस तरह की घटनाएं नई नहीं हैं। 2007 में भी "हाउस ऑफ कंटेंशन" के नाम से मशहूर एक इमारत को लेकर ऐसा ही विवाद हुआ था, जहां बस्ती वालों ने दावा किया था कि उन्होंने इमारत को खरीदा है, लेकिन बाद में इस्राइली सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवैध करार दिया था। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं इस्राइली-पैलिस्तीनी संघर्ष को और गहरा करती हैं और इलाके में शांति की संभावनाओं को कमजोर करती हैं।
इस घटना ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस क्षेत्र में चल रहे तनाव की ओर खींचा है। कई लोगों ने इस्राइली सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने और फिलिस्तीनी परिवार को उनका घर वापस दिलाने की मांग की है। लेकिन अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
देखे कैसे इजराइल के यहूदियों की फिलिस्तीन मुस्लिमों पर ज़ुल्म की सारी हदे कर रहे पार..
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