"प्रतापगढ़: डॉ. अमित पांडेय और सहकर्मियों पर दलित लड़की से गैंगरेप, हॉस्पिटल में पीड़ित परिजनों का आरोप, मचाया हंगामा"
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प्रतापगढ़, दलित महिला, गैंगरेप |
परिजनों का कहना है कि युवती के साथ अस्पताल के स्वामी डॉ. अमित पांडेय, कर्मचारी सुनील, विद्या सागर और शाहबाज ने गैंगरेप किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। इस जघन्य अपराध में नर्स मनोरमा पर भी सहयोग करने का आरोप लगा है। सुबह के समय जब परिजनों को लगा कि पुलिस इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है, तो गुस्साए लोगों ने अस्पताल पर हमला बोल दिया। करीब 250 से अधिक लोगों की भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस को हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
स्थानीय लोगों ने भी पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने बल प्रयोग किया। इस हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। घटनास्थल से मिली तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे गुस्साई भीड़ ने अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। वहीं, दूसरी तस्वीर में परिजन और स्थानीय लोग शोक में डूबे हुए दिखाई दे रहे हैं, जो इस घटना से गहरे सदमे में हैं।
यह घटना उस समय हुई है, जब हाल ही में प्रतापगढ़ में एक अन्य दलित व्यक्ति की हत्या की खबर ने भी सुर्खियां बटोरी थी। 27 मार्च को एक दलित व्यक्ति का शव बरामद हुआ था, जो जिले में 72 घंटों के भीतर इस तरह की दूसरी घटना थी। इन घटनाओं ने इलाके में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं अब आम हो गई हैं और प्रशासन की लापरवाही के चलते अपराधी बेखौफ हो गए हैं। एक ग्रामीण ने कहा, "कोई एक दिन ऐसा नहीं जाता जब रेप और हत्या की खबरें न सुनने को मिलें। उत्तर प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है।" वहीं, कुछ लोगों ने मांग की है कि अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और दलित समुदाय के साथ हो रहे अत्याचारों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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