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कैसे एक गरीब किसान के बेटे ने बना डाली दुनिया की सबसे बेहतरीन सुपर कार Lamborghini.

28 अप्रैल 1916 को उत्तरी इटली के रेनज़्ज़ो नामक छोटे से शहर में अंगूर की खेती करने वाले किसान के यहाँ एक बच्चे का जन्म हुआ। जब बच्चा बड़ा हुआ तो उसे उसके पिता के अंगूर की खेती में तनिक भी रुचि न हुई। 

परन्तु खेती में काम आने वाली मशीनीकृत उपकरणों के निर्माण में युवक की रुचि थी, सो युवक मेकैनिक बन गया। इसी दौरान 1939 में द्वितीय विश्व युध्द छिड़ गया तो युवक इटली की वायु सेना में बतौर मेकैनिक भर्ती हो गया। 

जब 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति हुई, तब युवक ने खुद की कर्मठता से ट्रैक्टर बनाने की एक फैक्ट्री स्थापित की। जल्द ही युवक की ट्रैक्टर कम्पनी दुनिया में नाम कमाने लगी। 

युवक को महँगी गाड़ियों पर चलने का शौक था। चूँकि अपनी कर्मठता के दम पर उसने पैसे कमाए थे, तो जब समय आया तो उसने अपने शौक की पूर्ति भी की। जल्द ही युवक के बेड़े में तब की एक से एक महँगी गाड़ियाँ जैसे मर्सेडीज़, मसराती, अल्फा रोमियो इत्यादि आ गयीं।

फिर एक समय आया जब युवक ने इटली में ही निर्मित होने वाली महँगी रेसिंग कार फेरारी खरीदी। पर जब युवक फेरारी पर चलता तो अक्सर उसके क्लच में समस्या आती और जब बनवाने जाता तो उसे बनाने में फेरारी के मेकैनिक बहुत समय लेते थे। 

इस समस्या के निदान के लिए युवक एक दिन सीधा फेरारी कंपनी के मालिक एन्जो फेरारी (Enzo Ferrari) से ही मिलने चला गया, जो कि उम्र में युवक से तकरीबन 18 साल बड़े थे। जब एन्जो फेरारी ने उक्त युवक से अपने कार की शिकायत सुनी तो एन्जो फेरारी चिढ़ गये। अब भई, कौन अपनी दही को खट्टा माने!

सो एन्जो फेरारी ने युवक को खरीखोटी सुना डाली और कहा कि ट्रैक्टर चलाते हो, तुम वही चलाओ। फेरारी तुम्हारे बस की बात नहीं। नाच न आवे, आँगन टेढ़ा!

यानी अपनी कमी पर ध्यान देने की बजाय एन्जो फेरारी का गुस्सा युवक पर ही फूट पड़ा। युवक बेइज्जत होकर बाहर आ गया फेरारी के मुख्यालय से। पर बजाए क्रुद्ध होने के युवक ने जिद्द पकड़ ली कि अब वह खुद की कार कम्पनी बनाएगा जो दुनिया की बेहतरीन स्पोर्ट्स कार बनाएगी!

इस प्रकार एक ट्रैक्टर बनाने वाले ने 1963 में नींव रखी 'लम्बोर्गिनी' कार कंपनी की जिसकी कारें आज की तारीख में सवा तीन करोड़ ₹ से लेकर सवा छः करोड़ ₹ की रेंज में आती है। युवक का नाम था फारुशियो लम्बोर्गिनी (Farruccio Lamborghini)!

इसके लिए फारुशियो लम्बोर्गिनी ने फेरारी कंपनी के ही एक बेहतरीन इंजीनियर को रखा और दो अन्य स्वतंत्र इंजीनियर्स को। खुद फारुशियो ने ही कार की डिज़ाइन तैयार की तथा हर उस कमी को दूर किया, जो तब किसी कार में होती थी। देखते ही देखते फेरारी के समक्ष उसकी एक प्रतिद्वंद्वी कम्पनी खड़ी हो गयी!

साथियों लब्बोलुआब यही है कि जब कोई आप पर ईंट-पत्थर मारे तो बजाए उन ईंट-पत्थरों को उस पर वापस फेंकने के, उनसे अपनी भव्य इमारत खड़ी कर लेनी चाहिए। कोई अपने ताब में आकर आपकी बेइज्जती करे तो तनिक रुकिए, दिमाग को ठंडा कीजिये और फिर उसी की भाषा में उसको वैसा शालीन जवाब दीजिये कि उसकी नींव ही हिल जाए! पर हिम्मत कभी न हारिये।

आज के समय मे आप सभी जानते है की Lamborghini गाड़ी दुनिया की शानदार ओर लक्ज़री कारो में स्थान पाने वाली सर्वश्रेष्ठ कारो में से एक है। दुनिया मे रहकर मेहनत और लगन के साथ-साथ संयम से किसी भी चुनोती स्वीकार करके अपना लोहा मनवा सकते हो।


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