चीन की कंपनी VIVO ने दिया भारत देश को बहुत तगड़ा झटका, उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ में पकड़ी गई चीन की जासूसी की चाल।
चीन की दोस्ती के बारे में दुनिया तमाम देश भलीभांति जानते है। पहले चीन दूसरे देशों से दोस्ती करता है और दोस्ती के नाम पर पूरे देश मे कंपनी के नाम पर अपनी साख जमा लेता है और फिर जो चीन के मन मे आता है वो वही करता है। पूरी दुनिया मे कोरोना वायरस से फैली महामारी भी चीन की ही देन मानी जा रही है और इसे के चलते दुनिया की सुपर पावर देश अमेरिका ने तो चीन से आने वाली किसी भी विमान यात्रा पर 16 मई से विराम लगा दिया गया है। दुनिया की तमाम सुपर पावर देश चीन की पकड़ी गयी मोबाइल कंपनी द्वारा की गई जासूसी के बाद एकत्र हो रही है। एक और तो चीन की तमाम मोबाइल/स्मार्टफोन कंपनी भारत मे काफ़ी मुनाफा कमा रही है और साथ ही साथ भारत देश के TRAI के नियमो को उलंघन कर रही है। चीन की मोबाइल कंपनीयो ने ज्यादातर भारत की मिडल क्लास फैमिली में, जो कि पूरे देश मे 60 प्रतिशत है, उसपर पूरा कब्ज़ा कर रखा है। अभी फिलहाल ही उत्तर प्रदेश राज्य के जिला मेरठ में 6 महीने की तफ्तीश के बाद एक बहुत बड़ी जीत हाथ लगी है।
मेरठ पुलिस ने पुष्टि की है कि यह 13,500 फोन एक ही इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट नंबर (IMEI) नंबर पर चल रहे हैं, जो कि आज पहले रिपोर्ट किए गए थे, चीनी स्मार्टफोन निर्माता vivo द्वारा बनाए गए थे। कंपनी देश के शीर्ष पांच स्मार्टफोन विक्रेताओं में शामिल है और पुलिस ने कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मेरठ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) Akhilesh N Singh ने मिंट की पुष्टि की कि फोन वीवो द्वारा बनाए गए थे और कहा कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जांच जारी रहने पर जिन धाराओं के तहत मामला आगे बढ़ा वो और भी आगे बढ़ सकता है।
पुलिस ने पांच महीने की लंबी जांच की और पाया कि 13,500 vivo स्मार्टफोन एक ही IMEI नंबर पर चलते हैं। उन्हें पहली बार इस मामले की हवा मिली जब एक सब-इंस्पेक्टर ने देखा कि उनके फोन के बॉक्स पर IMEI नंबर डिवाइस पर मौजूद एक से अलग था। पुलीस निरीक्षक ने सिर्फ vivo सेवा केंद्र के माध्यम से अपने फोन को बदल दिया था। IMEI नंबर मूल रूप से मोबाइल हार्डवेयर का ट्रैक रखने के लिए विकसित किए गए थे। सिम कार्ड जो हम फोन पर उपयोग करते हैं, उन्हें फोन से फोन पर स्वैप किया जा सकता है, इसलिए डिवाइस में IMEI नंबर जुड़ा होता है, और अक्सर अपराधों में उपयोग किए जाने वाले फोन को ट्रैक करने के लिए उपयोग किया जाता है।
उस ने कहा, एक स्मार्टफोन के IMEI को बदलने के लिए "फ्लैशर" नामक एक उपकरण का उपयोग करने वाले अपराधियों की भी रिपोर्ट की गई है। ऐसा करना सबसे आसानी से उपलब्ध साधनों के साथ ट्रैक करना लगभग असंभव बना देता है। एक फोन कैसे होता है इसके बारे में YouTube वीडियो भी हैं। IMEI नंबर बदला जा सकता है। हालांकि ये वीडियो सत्यापित नहीं हैं, लेकिन उनमें से कुछ के पास लगभग एक लाख view हैं। हमने एक टिप्पणी के लिए vivo india को लिखा है। जब हम उनसे सुनेंगे तो कहानी उसी को प्रतिबिंबित करने के लिए अपडेट की जाएगी।
एक और तो चीन अपनी Technology के माध्यम से भारत को नफ़रत भारी नज़रों से देख ही रहा है वही दुसरी ओर सीमा पर भी हेकड़ी दिखा रहा है। भारतीय मैन स्ट्रीम मीडिया की खबर के माध्यम से 6 मई को चीन और भारत की आर्मी के सेनापतियों की मुलाक़ात होने वाली है। पूरा भारत देश प्रतीक्षा कर रहा है कि भारत की शान चीन को किया जवाब देने वाली है। अगर भारतवासियों ने चीन की मोबाइल कंपनी के इस कांड के बाद भी आंख नही खोली तो हमे आगे चलकर इसका मोटा परिणाम भुगतना होगा। हमे सभी भारतीयों को मिलकर चीन के सामानों को बॉयकॉट करके आत्मनिर्भर बनना होगा तभी हम भविष्य में जाकर सुपर पावर देश बनेंगे।
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