सहारनपुर में सांसद इमरान मसूद और सपा विधायक आशू मालिक के बीच विवाद: मेडिकल कैंप को लेकर गरमाई सियासत
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आशू मालिक,इमरान मसूद,फरहाद गाड़ा |
विवाद की जड़: मेडिकल कैंप पर इमरान मसूद का बयान
वायरल ऑडियो में सांसद इमरान मसूद किसी क्षेत्र में मेडिकल कैंप न लगने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से फोन पर नाराजगी जताते सुनाई दे रहे हैं। ऑडियो में इमरान मसूद कहते हैं, "सीएमओ साहब, कोई विधायक हो या न हो, आप यहाँ कैंप लगवाइये। कोई सांसद आए न आए, इससे क्या फर्क पड़ता है। कोई फीता काटने का काम हो रहा है, ये गाँव मार रहा है। अरे, आशु मालिक मना कर देगा तो आप कैंप नहीं लगाओगे, ये क्या बात हो गई? यहाँ लगवाइये आप।"
इमरान मसूद ने आगे कहा, "कल ही लगाइये, पूरी टीम भेजिए डॉक्टर की। मैं सेंटर में बात करूँगा और आपके मिनिस्टर से बात करूँगा। जो भी जरूरत होगी, उपलब्ध कराऊंगा।" इस ऑडियो के सामने आने के बाद सपा विधायक आशू मालिक के समर्थकों ने इसे उनके खिलाफ अपमानजनक बयान करार दिया।
फरहाद गाड़ा का पलटवार: शायरी से साधा निशाना
सपा नेता फरहाद गाड़ा ने इस मामले में सोशल मीडिया पर तीखा हमला बोला। उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "45 सेकंड की यह बातचीत बताती है कि सांसद जी को सहारनपुर में काम करने वाले समाजवादी पार्टी विधायक कितना अधिक चुभता है! समाजवादी पार्टी के विधायक आशु मालिक ही वो विधायक हैं, जो कई बार विधानसभा में सहारनपुर में दूषित पानी से बढ़ रही बीमारियों पर चिंता जताकर सवाल उठा चुके हैं। तो क्रेडिट भी समाजवादी पार्टी और उसके विधायक को ही मिलना चाहिए।"
फरहाद गाड़ा ने इमरान मसूद पर तंज कसते हुए शायरी में लिखा,
"बढ़ा ना पाया कोई अपनी शान झूठ बोलकर,
मगर वो छूना चाहता है आसमान झूठ बोलकर।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि सांसद इमरान मसूद को सहारनपुर में किसी मुस्लिम नेता का बढ़ता कद बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
"बढ़ा ना पाया कोई अपनी शान झूठ बोलकर,
मगर वो छूना चाहता है आसमान झूठ बोलकर।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि सांसद इमरान मसूद को सहारनपुर में किसी मुस्लिम नेता का बढ़ता कद बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
इमरान मसूद के समर्थकों का दावा: जनता की भलाई के लिए बयान
वहीं, इमरान मसूद के समर्थकों ने इस मामले को अलग रंग देने की कोशिश की। एक समर्थक ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए कहा, "सांसद जी को क्षेत्र के लोगों की कितनी फिक्र है। इमरान मसूद ने सिर्फ जनता की भलाई के लिए यह बात कही। उनका कोई व्यक्तिगत इशारा नहीं था, वरना विधायक के साथ सांसद का जिक्र न आता।" समर्थकों का कहना है कि इमरान मसूद का इरादा केवल मेडिकल कैंप लगवाना था, न कि किसी की बेइज्जती करना।
इस विवाद ने तेली (मालिक) समाज को भी प्रभावित किया है। आशू मालिक के समर्थन में समाज के कुछ लोग सामने आए और उन्होंने इमरान मसूद पर निशाना साधा। एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सांसद जी, इतना मत उड़ो। हमने आपको वोट देकर सांसद बनाया है। आशू मालिक का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।" तेली समाज के लोग इसे अपने समुदाय के सम्मान से जोड़कर देख रहे हैं।
आशू मालिक का विधानसभा में योगदान
सहारनपुर से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता फरहाद गाड़ा मे अपने फेसबुक अकाउंट से वीडियो और एप्लीकेशन के शेयर करता हुए लिखा की आशू मालिक सहारनपुर के उन नेताओं में से हैं, जो क्षेत्र की समस्याओं को विधानसभा में उठाने के लिए जाने जाते हैं। खास तौर पर, उन्होंने दूषित पानी और उससे होने वाली बीमारियों पर कई बार सवाल उठाए हैं। सपा समर्थकों का कहना है कि मेडिकल कैंप का श्रेय लेने की होड़ में इमरान मसूद ने आशू मालिक को नजरअंदाज करने की कोशिश की, जो स्वीकार्य नहीं है।
यह विवाद सहारनपुर की सियासत में नया मोड़ ला सकता है। इमरान मसूद और आशू मालिक दोनों ही मुस्लिम समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं, और दोनों के बीच तनातनी से गठबंधन की सियासत पर भी असर पड़ सकता है। कांग्रेस और सपा, जो यूपी में गठबंधन के तहत साथ हैं, इस विवाद से असहज स्थिति में आ सकते हैं।
सहारनपुर में मेडिकल कैंप को लेकर शुरू हुआ यह विवाद अब सियासी रंग ले चुका है। इमरान मसूद के बयान को उनके समर्थक जनता की भलाई से जोड़ रहे हैं, जबकि सपा नेता और कुछ तेली समाज के लोग सोशल मीडिया पर इसे आशू मालिक का अपमान मान रहा है। सोशल मीडिया पर दोनों पक्षों की तीखी बहस से साफ है कि यह मामला अभी और तूल पकड़ सकता है। अब देखना होगा कि इस विवाद का सियासी नफा-नुकसान किसे होता है।
विधायक आशू मालिक राजनीतिक सफर व रानीतिक सम्बन्ध
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विधायक आशू मालिक व सांसद इकरा हसन |
आशू मालिक का राजनीतिक सफर 2015 में शुरू हुआ, जब वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी से चुने गए। 2022 में, उन्होंने सहारनपुर सीट से विधानसभा चुनाव जीता, जो उनकी बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है। उनकी रैलियों में भारी भीड़ जुटना और युवाओं के बीच उनकी अपील उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित करती है।
आशू मालिक के राजनीतिक संबंध समाजवादी पार्टी के भीतर मजबूत हैं, विशेष रूप से मुलायम सिंह यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ, जिन्होंने उनकी चुनावी सफलता की प्रशंसा की है। हालांकि, सहारनपुर में अन्य नेताओं, जैसे इमरान मसूद, के साथ कुछ तनाव भी देखने को मिले हैं, जो उनके बयानों से स्पष्ट है। फिर भी, वे पार्टी और क्षेत्र के प्रति वफादार रहे है।
आशू मालिक की शक्ति सहारनपुर में स्थानीय मुद्दों, जैसे दूषित पानी, पर विधानसभा में उनकी सक्रियता से आती है। उनकी चुनावी जीत और रैलियों में भीड़ इकट्ठा करने की क्षमता दर्शाती है कि वे क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता हैं। उनकी युवा अपील और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान उन्हें समाजवादी पार्टी के भीतर और सहारनपुर में एक महत्वपूर्ण आवाज बनाता है।
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