अलीगढ़ में 3 साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार के मामले मे स्कूल में ABVP का हंगामा, जानें पूरा मामला
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Aligarh News,Child सेफ्टी |
दिल्ली से सटे यूपी के अलीगढ़ में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। 3 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप की आशंका ने ना सिर्फ उसके परिवार को सदमे में डाल दिया, बल्कि पूरे इलाके में गुस्से की लहर दौड़ गई है। मामला गगन पब्लिक स्कूल का है, जहां बच्ची पढ़ने आई थी। लेकिन स्कूल से जो खबर आई, उसने सबके होश उड़ा दिए।
क्या है पूरा मामला? ABVP का हंगामा और स्कूल सील
बुधवार को अलीगढ़ के गगन पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाली 3 साल की एक मासूम बच्ची के प्राइवेट पार्ट से खून बहने की बात सामने आई। बच्ची के घरवालों को जब ये पता चला, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। परिवार ने तुरंत स्कूल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया। उनके साथ ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के नेता भी पहुंच गए, जिन्होंने स्कूल मैनेजमेंट पर सवाल उठाए। परिवार का आरोप है कि बच्ची के साथ रेप की कोशिश हुई है।
लेकिन स्कूल मैनेजमेंट का कहना है कि बच्ची स्टूल से गिर गई थी, जिसकी वजह से उसे चोट लगी और खून निकला। मगर परिवार और ABVP नेताओं को ये बात हजम नहीं हुई। उनका कहना है कि इतनी छोटी बच्ची के साथ ऐसा हादसा कैसे हो सकता है, और अगर ऐसा हुआ भी तो स्कूल ने तुरंत एक्शन क्यों नहीं लिया?
ABVP नेताओं ने स्कूल के बाहर जमकर हंगामा किया। नारेबाजी के साथ-साथ उन्होंने स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में ABVP का भगवा झंडा लिए कार्यकर्ता स्कूल के बाहर खड़े दिख रहे हैं। गुस्साए लोगों की भीड़ ने स्कूल को घेर लिया और पुलिस को भी मौके पर पहुंचना पड़ा।
पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए स्कूल को सील कर दिया। साथ ही, स्कूल के CCTV फुटेज को खंगाला गया, जिसके आधार पर कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। अब जांच चल रही है कि आखिर सच क्या है। लेकिन सवाल ये है कि क्या हमारी मासूम बेटियां स्कूल जैसी जगहों पर भी सेफ नहीं हैं?
चाइल्ड सेफ्टी पर सवाल, लोगों का गुस्सा, सोशल मीडिया पर उबाल
ये घटना एक बार फिर चाइल्ड सेफ्टी को लेकर बड़े सवाल खड़े कर रही है। दिल्ली-NCR और आसपास के इलाकों में आए दिन ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं, जो दिल को दहला देती हैं। आखिर स्कूल, जो बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती है, वहां भी अगर मासूम बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर वो कहां जाएंगी?
2016 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में रेप के कुल 39,068 केस में से 21% मामले 16 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ हुए थे। ये आंकड़े बताते हैं कि चाइल्ड सेफ्टी को लेकर हमारा सिस्टम कितना लचर है। सरकार ने 2018 में क्रिमिनल लॉ (अमेंडमेंट) ऑर्डिनेंस लाकर 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के रेप के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया था, लेकिन क्या ये काफी है?
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा साफ देखा जा सकता है। एक यूजर ने लिखा, "भेड़िए बैठे हैं आसपास शराफत की खोल में, बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं अब इस देश में।" वहीं, एक और यूजर ने कहा, "ऐसी खबर सुनकर डर लगता है भाई, हमारा देश किधर जा रहा है।"
कई लोग सख्त कानून की मांग कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "अगर ये रेप का केस है, तो दोषी को फांसी होनी चाहिए।" लोगों का गुस्सा जायज है, क्योंकि मासूम बच्चों के साथ ऐसी वारदातें अब आम हो चली हैं।
फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। बच्ची को मेडिकल टेस्ट के लिए भेजा गया है, जिसके बाद ही साफ हो पाएगा कि उसके साथ असल में क्या हुआ। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में चाइल्ड सेफ्टी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हमारी मासूम बेटियों को सुरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। स्कूल मैनेजमेंट को चाहिए कि वो बच्चों की सेफ्टी के लिए सख्त कदम उठाएं। साथ ही, सरकार को भी ऐसे मामलों में सख्त कानून लागू करने की जरूरत है, ताकि कोई भी मासूम के साथ गलत करने से पहले सौ बार सोचे।
अगर आपके पास इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी है या आप अपनी राय देना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट करें। गाड़ा टाइम्स आपके लिए ऐसी ही ब्रेकिंग न्यूज लाता रहेगा।
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