वान्या अग्रवाल की नन्ही सी आवाज़ ने हिला दिया माइक्रोसॉफ्ट: गाजा के लिए बिल गेट्स को दिखाया आईना, सलाम इस बहादुरी को!
![]() |
वान्या अग्रवाल, माइक्रोसॉफ्ट |
9 अप्रैल 2025: भारतीय मूल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर वान्या अग्रवाल ने माइक्रोसॉफ्ट के 50वें स्थापना दिवस के मौके पर एक ऐसा कदम उठाया, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया। वान्या ने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, पूर्व सीईओ स्टीव बाल्मर और बिल गेट्स के सामने खड़े होकर जोरदार तरीके से अपनी बात रखी। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट पर गाजा में हो रही हिंसा को तकनीकी सहायता देने का गंभीर आरोप लगाया और कहा, "तुम सबको शर्म आनी चाहिए... माइक्रोसॉफ्ट की तकनीक की वजह से गाजा में 50 हजार फिलिस्तीनियों की हत्या हुई है। उनके खून का जश्न मनाने के लिए तुम्हें शर्म आनी चाहिए।"
यह घटना 4 अप्रैल 2025 को वाशिंगटन के रेडमंड में माइक्रोसॉफ्ट के 50वें सालगिरह समारोह के दौरान हुई। इस मौके पर माइक्रोसॉफ्ट के बड़े-बड़े दिग्गज एक मंच पर मौजूद थे। वान्या ने अपनी बात को बेबाकी से रखते हुए कंपनी की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट का एआई और क्लाउड टेक्नोलॉजी इजरायली सेना के लिए इस्तेमाल हो रहा है, जिसके चलते गाजा में भारी तबाही मची है। वान्या की इस हिम्मत भरी आवाज को सुनकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए, लेकिन सिक्योरिटी स्टाफ ने उन्हें तुरंत बाहर कर दिया।वान्या ने इस घटना के बाद माइक्रोसॉफ्ट से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे में साफ कहा कि वह ऐसी कंपनी का हिस्सा नहीं बन सकतीं, जो हिंसा और अत्याचार को बढ़ावा दे रही हो। वान्या ने अपने सहकर्मियों से भी अपील की कि वे "No Azure for Apartheid" पेटिशन पर हस्ताक्षर करें और कंपनी की नीतियों का विरोध करें।
वान्या का यह कदम सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। कई लोगों ने उनकी हिम्मत की तारीफ की, तो कुछ ने इसे गलत ठहराया। एक यूजर ने लिखा, "सलाम है वान्या को, जिन्होंने सच बोलने की हिम्मत दिखाई।" वहीं, कुछ लोगों का कहना था कि भारत में रहते हुए गाजा के लिए आवाज उठाना सही नहीं है। एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "अब इन्हें बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए भी कुछ बोलना चाहिए।"
वान्या का यह कदम टेक इंडस्ट्री में एक बड़े सवाल को जन्म देता है। क्या टेक्नोलॉजी कंपनियां अपनी जिम्मेदारी से बच सकती हैं, जब उनकी तकनीक का इस्तेमाल हिंसा के लिए हो रहा हो? माइक्रोसॉफ्ट और इजरायली सेना के बीच संबंधों को लेकर पहले भी कई खुलासे हो चुके हैं। जनवरी 2025 में द गार्जियन ने एक रिपोर्ट में बताया था कि माइक्रोसॉफ्ट का Azure प्लेटफॉर्म इजरायली सेना की यूनिट 8200 के लिए एआई और सर्विलांस में मदद कर रहा है।
वान्या अग्रवाल की इस हिम्मत ने न सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट को हिलाकर रख दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि आज की युवा पीढ़ी गलत के खिलाफ आवाज उठाने से पीछे नहीं हटती। यह घटना टेक्नोलॉजी और नैतिकता के बीच के रिश्ते पर एक नई बहस को जन्म दे सकती है।
==========================================================================
Thanks for visit @www.gadatimes.com
=====================================
Comments
Post a Comment