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मेरठ न्यूज़,भावनपुर गाँव |
मेरठ, 30 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के मेरठ ज़िले के भावनपुर गाँव में ज़मीनी विवाद को लेकर मंगलवार दोपहर एक हिंसक झड़प हो गई। यह मामला गाँव के प्रधान परिवार के सदस्यों दिलबर हसन और उनके चाचा तालिब के बीच लंबे समय से चल रहे रास्ते के विवाद से जुड़ा है। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो गई, जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप कर सभी संबंधित लोगों को थाने बुलाया।
गाँव वालों के अनुसार, यह विवाद डेढ़ साल से अधिक समय से चल रहा है। दिलबर और उनके चाचा तालिब के बीच गाँव में मुख्य द्वार से पीछे की ज़मीन तक जाने के रास्ते को लेकर तनातनी बनी हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि करीब 15-20 साल पहले दिलबर ने अपने चाचा तालिब को मुख्य द्वार के लिए कुछ ज़मीन दी थी, ताकि भविष्य में वह तालिब के पीछे वाले ज़मीन के हिस्से तक आसानी से पहुँच सकें। लेकिन जब पिछले साल दिलबर ने उस ज़मीन पर मकान बनाना शुरू किया, तो रास्ते को लेकर तालिब ने आपत्ति जताई।
दिलबर ने अपने चाचा से अनुरोध किया कि रास्ते का उपयोग उनके लिए भी बिना किसी रुकावट के हो, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। इसके बाद दिलबर का मकान निर्माण कार्य अधर में लटक गया। विवाद को सुलझाने की बजाय यह और गहराता चला गया। हाल ही में दिलबर ने अपने मुख्य द्वार के पास वाली एक दुकान को तुड़वाकर रास्ता बनाने की योजना शुरू की। मंगलवार दोपहर इसी मुद्दे पर तालिब और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दिलबर का विवाद फिर से भड़क उठा, जो जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गया।
गाँव के अन्य लोगों का कहना है कि तालिब अपने भतीजे दिलबर के साथ न्याय नहीं कर रहे। एक स्थानीय निवासी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "दिलबर ने सालों पहले अपने चाचा को रास्ते के लिए ज़मीन दी थी, लेकिन अब जब उनकी बारी आई, तो तालिब सहयोग नहीं कर रहे। यह गलत है।" हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि तालिब का पक्ष इस मामले में क्या सामने आता है।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों पक्षों के लोगों को भावनपुर थाने में बुलाया है। थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जाँच शुरू कर दी गई है और जल्द ही तथ्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। गाँव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि कोई और अप्रिय घटना न हो।
यह घटना मेरठ के ग्रामीण इलाकों में ज़मीनी विवादों की गंभीरता को दर्शाती है, जो अक्सर परिवारों के बीच हिंसक रूप ले लेते हैं। गाँव वालों ने प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जाँच और स्थायी समाधान की माँग की है।
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