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Maharashtra Tensions disrupt over Quran |
नागपुर (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार, 17 मार्च 2025 को हिंसा और तनाव का माहौल देखने को मिला, जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब का पुतला जलाया। इस प्रदर्शन के दौरान अफवाह फैली कि प्रदर्शनकारियों ने कुरान को जला दिया है, हालांकि बाद में यह अफवाह गलत साबित हुई। लेकिन इस अफवाह ने दोनों समुदायों के बीच तनाव को बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप पथराव, कई वाहनों को नुकसान और दो JCB मशीनों में आग लगाने की घटनाएं हुईं।
घटना की शुरुआत और तनाव का बढ़ना
नागपुर के चित्निस पार्क और महाल क्षेत्र में VHP के प्रदर्शन के दौरान औरंगजेब—17वीं सदी के मुगल सम्राट—का पुतला जलाया गया। औरंगजेब का नाम भारतीय इतिहास में विवादास्पद रहा है, और कई दक्षिणपंथी संगठन उसे अपने ऐतिहासिक कार्यों के लिए आलोचना का केंद्र मानते हैं। प्रदर्शन के दौरान फैली अफवाह ने स्थिति को और बिगाड़ दिया, जिसके बाद स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं।
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई की और लाठीचार्ज के साथ-साथ आंसू गैस के गोले छोड़े। नागपुर पुलिस ने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई और रैपिड रिस्पॉन्स टीम (QRT), दंगा नियंत्रण पुलिस और राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) को तैनात किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
वाहनों में आग और संपत्ति को नुकसान
हिंसा के दौरान कई वाहनों को निशाना बनाया गया, जिसमें दो JCB मशीनों को आग के हवाले कर दिया गया। स्थानीय दुकानों और संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। नागपुर हिंसा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए, जहां लोग इस घटना पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोगों ने इसे "निर्मित दंगा" करार दिया, जबकि अन्य ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई।
महाराष्ट्र सरकार और सीएम की अपील
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की। उन्होंने कहा, "नागरिकों को अफवाहों से बचना चाहिए और शांति बनाए रखनी चाहिए। पुलिस स्थिति पर नजर रख रही है और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।"
औरंगजेब और VHP का विरोध: पृष्ठभूमि
यह घटना ऐसे समय हुई है जब महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विवाद चल रहा है। हाल ही में, VHP और बजरंग दल ने छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को "बाबरी मस्जिद की तरह हटाने" की धमकी दी थी, लेकिन बाद में कानून-व्यवस्था की चिंताओं के कारण प्रदर्शन को रद्द कर दिया गया। औरंगजेब का नाम भारतीय राजनीति और समाज में धार्मिक और ऐतिहासिक तनाव का प्रतीक बन गया है, जिसके कारण समय-समय पर विरोध और हिंसा की घटनाएं सामने आती रही हैं।
नागरिकों और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर नागपुर हिंसा को लेकर कई प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ यूजर्स ने VHP और अन्य संगठनों पर "देश में अशांति फैलाने" का आरोप लगाया, जबकि अन्य ने पुलिस की कड़ी कार्रवाई का समर्थन किया। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं महाराष्ट्र जैसे राज्यों में चुनावी राजनीति और धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकती हैं।
निष्कर्ष
नागपुर हिंसा एक बार फिर भारत में धार्मिक और ऐतिहासिक मुद्दों पर तनाव को उजागर करती है। VHP के प्रदर्शन और अफवाहों के बीच फैली हिंसा ने न केवल स्थानीय लोगों की जान-माल को नुकसान पहुंचाया, बल्कि महाराष्ट्र की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं। सरकार और पुलिस को अब इस स्थिति को शांत करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
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