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सांप्रदायिक तनाव,देहरादून,उत्तराखंड |
देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव की घटना ने लोगों का ध्यान खींचा है। 26 मार्च 2025 को सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में हिंदू राष्ट्रवादी संगठन भैरव सेना के अध्यक्ष संदीप खत्री को एक मुस्लिम व्यक्ति अशफाक की पिटाई करते हुए देखा गया। वीडियो में संदीप खत्री, अशफाक को उसकी दुकान तुरंत खाली करने की धमकी देते नजर आ रहे हैं। यह घटना देहरादून के एक व्यस्त इलाके में हुई, जहां आसपास के लोग मूकदर्शक बने रहे।
घटना का विवरण
यह घटना देहरादून के एक बाजार क्षेत्र में उस समय हुई जब अशफाक अपनी छोटी सी दुकान पर काम कर रहे थे। वीडियो में दिख रहा है कि संदीप खत्री और उनके कुछ साथी अशफाक के पास पहुंचे और उसे गालियां देते हुए मारना शुरू कर दिया। संदीप ने अशफाक को धमकाते हुए कहा, "तुरंत अपनी दुकान खाली करो, वरना अंजाम बुरा होगा।" इस दौरान आसपास मौजूद कुछ लोग वीडियो बनाते रहे, लेकिन किसी ने भी बीच-बचाव करने की हिम्मत नहीं दिखाई।
सांप्रदायिक तनाव का इतिहास
उत्तराखंड में पिछले कुछ सालों से हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव की खबरें सामने आती रही हैं। फ्रंटलाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भी देहरादून में भैरव सेना ने "लव जिहाद" के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने एक पुतला जलाया था। इसके अलावा, राज्य में हिंदुत्ववादी संगठनों जैसे विश्व हिंदू परिषद (VHP), बजरंग दल और रुद्र सेना ने भी समय-समय पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अभियान चलाए हैं। इन संगठनों का आरोप है कि मुस्लिम समुदाय "लव जिहाद" के जरिए हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवा रहा है, हालांकि इन आरोपों को लेकर कोई ठोस सबूत सामने नहीं आए हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वायरल होने के बाद लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। कुछ यूजर्स ने इस घटना की कड़ी निंदा की और देहरादून पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की। एक यूजर
@MdaamirIqbal6
ने लिखा, "उत्तराखंड के DGP और पुलिस कहां हैं? ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए।" वहीं, कुछ लोगों ने इस घटना का समर्थन करते हुए इसे "सही कदम" बताया। @yogeebaba007
ने लिखा, "बहुत ही शानदार कार्य किया... ऐसे ही इनका इलाज होना चाहिए।"पुलिस और प्रशासन की चुप्पी
इस घटना के बाद देहरादून पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों ने पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है।
@MOHAMME68560134
ने ट्वीट किया, "पुलिस के पास अब कुछ काम नहीं है, लेकिन दुनिया में भारत के पासपोर्ट की वैल्यू कम हो रही है।" स्थानीय पत्रकार त्रिलोचन भट्ट, जिन्होंने 2023 में एक ऐसी ही घटना को कवर किया था, ने बताया कि पुलिस और प्रशासन तब तक कोई कदम नहीं उठाते, जब तक कि मामला मीडिया या कोर्ट तक न पहुंच जाए।बढ़ता सांप्रदायिक तनाव
उत्तराखंड में 14% मुस्लिम आबादी है, जो मुख्य रूप से हरिद्वार, देहरादून, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों में रहती है। इन क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय की आबादी 15 से 50% तक है, जिसके चलते ये इलाके सांप्रदायिक तनाव के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। हाल के वर्षों में हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों द्वारा मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जताई जा रही है। यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने अपनी 2018 की रिपोर्ट में भारत को धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के मामले में टियर-2 देश करार दिया था।
निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं? देहरादून में हुई इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को डरा दिया है, बल्कि पूरे देश में अल्पसंख्यक समुदायों के बीच असुरक्षा की भावना को भी बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं, और क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई दीर्घकालिक समाधान निकाला जाएगा।
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