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Nand kishore Gujjar against yogi CM |
लखनऊ, 21 मार्च 2025: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने एक बार फिर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। अपने तीखे और विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले गुर्जर ने हाल ही में एक वीडियो संदेश में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े कई सनसनीखेज दावे किए हैं। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने बीजेपी के अंदर और बाहर सियासी पारा चढ़ा दिया है।
गुर्जर, जो लोनी से विधायक हैं, ने दावा किया कि वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने की एक साजिश रची गई थी। उन्होंने कहा, "बनारस में पीएम को हराने की साजिश थी, लेकिन जनता ने उन्हें फिर से चुनकर साबित कर दिया कि उनका विश्वास अटल है।" इसके अलावा, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा। गुर्जर ने कहा, "सीएम तो संसद में फफक कर रोए थे, लेकिन मैं सच्चा क्षत्रिय हूं, कट जाऊंगा पर रोऊंगा नहीं!" यह बयान सीधे तौर पर योगी की भावनात्मक छवि पर सवाल खड़ा करता नजर आ रहा है।
गुर्जर ने अपने बयान में यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में "तंत्र-मंत्र के घेरे" में योगी सरकार काम कर रही है, जो एक गंभीर और चौंकाने वाला दावा है। इसके साथ ही उन्होंने जातीय समीकरणों को भी हवा दी, जब उन्होंने कहा, "यूपी में अगर राजपूत हो तो बचोगे, वरना मारे जाओगे!" यह बयान राज्य की सियासत में caste-based राजनीति को फिर से हवा दे सकता है, जो पहले भी कई बार विवादों में रहा है।
सोशल मीडिया पर बवाल
गुर्जर के इस वीडियो को बीजेपी नेता अभिषेक उपाध्याय ने अपने ट्विटर हैंडल
@upadhyayabhii
पर शेयर किया, जिसके बाद यह चर्चा का विषय बन गया। कई यूजर्स ने इस बयान को बीजेपी के अंदर की अंदरूनी खींचतान का संकेत माना है, जबकि कुछ ने इसे योगी सरकार के खिलाफ विद्रोह की तरह देखा। एक यूजर ने लिखा, "नंदकिशोर गुर्जर का यह बम फोड़ना सनसनीखेज है। क्या यूपी की सियासत अब जादू-टोने और जातिवाद की भेंट चढ़ रही है?" वहीं, कुछ यूजर्स ने इसे हास्य के साथ लिया और कहा, "गुर्जर जी की स्पीच में एंटरटेनमेंट फुल ऑन है, बस पॉपकॉर्न लेकर बैठिए!"हालांकि, कुछ यूजर्स ने सवाल उठाया कि अगर कोई कांग्रेस विधायक इस तरह से अपने सीएम के खिलाफ बोलता, तो इसे मीडिया में कितना बड़ा मुद्दा बनाया जाता। एक यूजर ने लिखा, "भाजपा के विधायक के बयान पर चुप्पी, लेकिन अगर कांग्रेस का होता, तो पूरे हफ्ते डिबेट चलती।"
जातीय और राजनीतिक संदर्भ
गुर्जर के बयान में राजपूत और क्षत्रिय पहचान को जोर देना भी चर्चा का विषय बन गया है। उत्तर प्रदेश में राजपूत और गुर्जर समुदायों के बीच ऐतिहासिक और राजनीतिक तनाव किसी से छिपा नहीं है। हाल के वर्षों में, मिहिर भोज जैसे ऐतिहासिक राजा की पहचान को लेकर भी विवाद हुए हैं, जहां राजपूत और गुर्जर दोनों समुदाय अपने-अपने दावे ठोकते रहे हैं। गुर्जर का यह बयान इन तनावों को फिर से उभार सकता है, खासकर जब वह खुद को "सच्चा क्षत्रिय" कहकर पेश कर रहे हैं।
योगी सरकार और बीजेपी की प्रतिक्रिया
अभी तक न तो योगी सरकार और न ही बीजेपी की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है, खासकर तब जब पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी एकता और मजबूत नेतृत्व की छवि को बनाए रखने की कोशिश कर रही है। कुछ लोगों का कहना है कि गुर्जर के बयान से बीजेपी की "एक नेता, एक कमान" की नीति पर सवाल उठ सकते हैं।
क्या है आगे का रास्ता?
गुर्जर के इन बयानों ने न सिर्फ बीजेपी के अंदर, बल्कि विपक्षी दलों के लिए भी नया हथियार दे दिया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे दल इसे योगी सरकार की कमजोरियों को उजागर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। दूसरी ओर, बीजेपी को अपने विधायक की इन टिप्पणियों पर कड़ा रुख अपनाना पड़ सकता है, नहीं तो यह पार्टी की छवि को और नुकसान पहुंचा सकता है।
सोशल मीडिया पर यह चर्चा तेजी से जारी है, और लोग इस बात पर बंटे हुए हैं कि गुर्जर का बयान साहसिक है या फिर यह बीजेपी के लिए आत्मघाती साबित होगा। एक बात तो साफ है कि यह वीडियो आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश की सियासत में कई नए मोड़ ला सकता है।
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