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रूस ने तालिबान से हटाया आतंकी संगठन का टैग, बदलते वैश्विक समीकरणों को देखकर घबराया अमेरिका

रूस,तालिबान,आतंकवाद मास्को: एक ऐतिहासिक और चौंकाने वाले फैसले में, रूस की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 को तालिबान को आतंकी संगठन की सूची से हटा दिया। यह फैसला 2003 में तालिबान को आतंकी संगठन घोषित करने के बाद लिया गया है, जब रूस ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया था। इस कदम को रूस और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो वैश्विक राजनीति में नए समीकरण बना सकता है। रूस की सुप्रीम कोर्ट के जज ओलेग नेफेदोव ने इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने की घोषणा की। यह निर्णय रूस के प्रॉसिक्यूटर जनरल के अनुरोध पर लिया गया, जिसके पीछे पिछले साल पारित एक कानून का आधार है। इस कानून के तहत किसी संगठन की आतंकी संगठन की सूची से हटाने का प्रावधान है, बशर्ते वह आतंकी गतिविधियों को छोड़ दे। रूस का यह कदम तालिबान के साथ बढ़ते राजनयिक और व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में माना जा रहा है। क्यों लिया गया यह फैसला? अफगानिस्तान,वैश्विक राजनीति रूस और तालिबान के बीच हाल के वर्षों में रिश्ते धीरे-धीरे गहरे हुए हैं। 2021 में अमेरिकी से...

अफगान मुद्रा की ताकत: रुपये से बेहतर, डॉलर के सामने कैसे टिकी?"

अफगानिस्तान,भारतीय रुपये,अमेरिकी डॉलर,मुद्रा 25 मार्च 2025, काबुल/नई दिल्ली : आज जब हम वैश्विक अर्थव्यवस्था की बात करते हैं, तो मुद्रा का मूल्य किसी भी देश की आर्थिक स्थिति का आईना होता है। हाल ही में एक सवाल ने लोगों का ध्यान खींचा है - अफगानिस्तान की मुद्रा, अफगान अफगानी (AFN), भारतीय रुपये (INR) की तुलना में अमेरिकी डॉलर (USD) के मुकाबले क्यों मजबूत दिखाई देती है? यह सवाल इसलिए भी रोचक है क्योंकि अफगानिस्तान पिछले कई दशकों से युद्ध और अस्थिरता से जूझ रहा है, जबकि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश है। तो आइए, इस रहस्य को समझने की कोशिश करते हैं। अफगान अफगानी और भारतीय रुपये का हाल अगर हम मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें, तो 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत लगभग 83-84 भारतीय रुपये के आसपास है, वहीं 1 डॉलर करीब 70-72 अफगान अफगानी के बराबर है। इसका मतलब यह हुआ कि एक डॉलर के लिए आपको अफगानिस्तान की मुद्रा में भारत की तुलना में कम राशि देनी पड़ती है। यह सुनने में अजीब लग सकता है, क्योंकि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था भारत की तुलना में कहीं छोटी और कम स्थिर मानी जाती है। लेकिन इसके पीछे कई कारण हैं...